Vasanta Women College: वसंत महिला महाविद्यालय के शिक्षा विभाग ने मनाया आज़ादी का अमृत महोत्सव
Vasanta Women College: छात्राओं ने सांगीतिक , काव्यात्मक और वैचारिक अभिव्यक्ति की बेहतरीन की प्रस्तुति
- Vasanta Women College: संगोष्ठी में समसायिक शैक्षणिक सामाजिक परिदृश्य पर युवाओं के विचारों की रही प्रमुखता
रिपोर्ट : डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 26 जनवरी: Vasanta Women College: गणतंत्र दिवस पर वसंत महिला महाविद्यालय Vasanta college for women के शिक्षा विभाग द्वारा वेब संगोष्ठी आयोजित की गई. यह प्रोग्राम आज़ादी के ७५ वर्षों में विभिन्न पहलुओं पर छात्राओं की संगीतिक काव्यात्मक और वैचारिक अभिव्यक्ति के साथ ही प्रबुद्ध वक्ताओं के मार्गदर्शक वक्तव्य से परिपूर्ण रही। संगोष्ठी समसामयिक शैक्षिक- सामाजिक परिदृश्य पर युवाओं के विचार पर केंद्रित थी।
संगोष्ठी का उद्घाटन वक्तव्य देते हुए प्राचार्या प्रो० अलका सिंह ने देश के नवनिर्माण में युवाओं की भूमिका की महत्ता को इंगित करते हुए कहा कि उन्हें अपने विकास पर ध्यान केंद्रित कर देश को अपना सर्वोत्तम देने के लिए तैयार रहना है। के० पी ० ट्रेनिंग कॉलेज की वरिष्ठ प्राध्यापिका एसोसिएट प्रोफेसर डॉo प्रियंका सिंह ने स्वाधीन भारत में महिला शिक्षा के विकास संबंधी तथ्यों के आलोक में विकास के नवीन क्षेत्रों की ओर छात्राओं का ध्यानाकर्षण करते हुए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की प्रगति को सोदाहरण स्पष्ट किया. भावी शिक्षिकाओं को इस रूप में स्वयं को समृद्ध करने की प्रेरणा दी।
वक्ता का परिचय विभागाध्यक्षा और कार्यक्रम संयोजिका डॉo सुजाता साहा ने दिया। रामजस कॉलेज, नई दिल्ली की दृष्टिबाधित असिस्टेंट प्रोफेसर डॉo अंजली बेनेट ने दृष्टिबाधितों की शिक्षा में सहायक आधुनिक उपकरणों की विशद चर्चा की तथा केनरा बैंक क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी में प्रबंधक दृष्टिबाधित सुश्री ऋतु शर्मा ने दिव्यांगों के अधिनियम लागू होने के बाद दृष्टिबाधितों के विकास में आई तेजी के बारे में बताया। विभाग की दृष्टिबाधित छात्र सोनिया ने मार्ग में आनेवाली सामाजिक बाधाओं को अपनी कविता के माध्यम से व्यक्त किया।
विभाग की बीo एडo एवं एमo एडo की छात्राओं ने आज़ादी के ७५ वर्षों में ट्रांस जेंडर की स्थिति, शिक्षा व्यवस्था एवं हिंदी भाषा के विकास, सामाजिक सांस्कृतिक परिवर्तन इत्यादि बिंदुओं पर उत्कृष्ट प्रस्तुतिकरण किया।
बी o एड o की पुष्पिता ने स्पेनिश गिटार पर तेरी मिट्टी में मर जावां… गाकर समा बांधा तो सुनिशा,एवं अंजली ने देशप्रेम संबंधी नृत्य प्रस्तुत किए। स्वाधीनता के बाद महिलाओं की स्थिति की चर्चा करते हुए प्रतिभा ने बलात्कार की शिकार महिलाओं के दर्द को अभिव्यक्ति दी।
तीनों आमंत्रित वक्ता शिक्षा विभाग की पुरातन छात्राएं थीं, जिन्होंने महाविद्यालय परिसर एवं यहां बिताए दिनों को याद किया और विभाग का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन पुष्पिता मजूमदार एवं तृप्ति वत्स ने तथा धन्यवाद ज्ञापन नौशीन फातिमा ने किया।
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