Vasanta college for women: सफलता हेतु शोध और नवाचार हैं आवश्यक

Vasanta college for women: के द्वारा सप्तदिवसिवसीय राष्ट्रीय व्याख्यान

रिपोर्ट : डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी,09 सितम्बर: Vasanta college for women: वसंता कॉलेज फॉर वीमेन (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय), राजघाट फोर्ट, वाराणसी द्वारा आयोजित”शोध प्रविधि के विविध आयाम “विषयक सप्तदिवसीय राष्ट्रीय ई-व्याख्यान श्रृंखला के तीसरे दिन विशिष्ट वक्ता के रूप में वाणिज्य विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के प्रो. सुधीर कुमार शुक्ल ने “शोध प्रविधि के आयाम : वाणिज्य और अर्थशास्त्र के संदर्भ में” विषय पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि गहन शोध के द्वारा ही शोधार्थी समाज को नई दिशा दे सकते हैं। 

Vasanta college for women: योजनाबद्ध ढंग से हुये सृजनात्मक कार्य को शोध कहते हैं। आपने आगे कहा कि शोधार्थियों को शोध प्रविधि में नई-नई समस्याओं को हल करने का प्रयास करना चाहिए। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य शोधार्थियों की जिज्ञासाओं का सामाधान एवं युवा शोधार्थियों को सकारात्मक रूप से अभिप्रेरित करना है। आज हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा है। सफल होने के लिये शोध एवं नवाचार आवश्यक है। शोधार्थियों को शोध परिकल्पना, शोध डिजाईन, शोध के स्वरूप, शोध के प्रकार एवं शोध की विशेषताओं पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। शोध विषय के चयन के पूर्व शोध के विभिन्न आयामो का अध्ययन के बिना गुणात्मक शोध संभव नही है।

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उन्होंने (Vasanta college for women) शोध प्रविधि-परियोजना निर्माण, समंकों के स्त्रोत, संकलन, प्रस्तुतिकरण एवं निर्देशन चयन को तथा शोध में आगमनात्मक और निगमनात्मक विधि को महत्त्वपूर्ण बताया। अनुसंधान संभावित और नए ग्राहकों की पहचान करने, प्रोग्रामिंग लक्ष्य निर्धारित करने, नए व्यवसाय की पहचान करने के उद्देश्य से ही किया जाता है।अच्छे शोध की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि शोध के लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण, तार्किकता , आचरण का तरीका, अवलोकन, गहन विश्लेषण और नए पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए जो शोधार्थियों के लिए बहुत लाभदायक होगा।

शोध के तीन महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं-
एक्सप्लोरट्री रिसर्च
डिस्क्रिप्टिव रिसर्च
एक्सप्लेनेटरी रिसर्च
वास्तव में अनुसंधान शुरू करने से पहले अनुसंधान पद्धति का निर्धारण किया जाना चाहिए। अनुसंधान पद्धति और डाटा कलेक्शन अनुसंधान का सबसे महत्वपूर्ण कदम है।

डाटा कलेक्शन के अंतर्गत सर्वे ज्यादा होता हैं विशेषकर अर्थशास्त्र और वाणिज्य में।रिसर्च डिज़ाइन करते समय शोधार्थियों को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए- निरीक्षण क्या करना है, कैसे करना है और क्यों निरीक्षण करना है? तब,…विश्लेषण कैसे करना है?शोध के लिए केस स्टडी करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि शोध विषय का चयन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

Vasanta college for women: शोध समिति की समन्वयक एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. शशिकला त्रिपाठी ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि किसी भी सभ्यता का विकास और देश का उत्थान वाणिज्य और अर्थ तत्व के बलबूते ही हुआ है चाहे पुरानी सभ्यताएँ- हडप्पा, मेसोपोटामिया, सुमेरियन हों या नई सभ्यताएँ- यूरोपीय देश। बैंकिंग की शुरुआत सुमेरियन से ही हुआ है।अतः इस क्षेत्र में निरंतर शोध की सम्भावनाएँ बनी हुई हैं। वाणिज्य विभाग की डॉ. डी.उमा देवीने संचालन किया और धन्यवाद ज्ञापन किया डॉ. उषा दीक्षित ने। इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिसंख्य शिक्षकगण, शोध समिति के सभी सदस्य, विभागाध्यक्ष, विभिन्न राज्यों के शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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