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Varanasi voting: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में मतदान 07 मार्च को, सभी तैयारियां पूर्ण

Varanasi voting: तीस लाख वोटर बनेंगे 70 प्रत्याशियों के भाग्यविधाता

  • जिले में पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची में बढे 51 हजार 625 मतदाता, कैंट में सबसे ज्यादा मतदाता

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 06 मार्च:
Varanasi voting: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के फाइनल परीक्षा की घड़ी आ गई. प्रथम चरण 10 फरवरी को शुरू हुई तथा सातवां के साथ अंतिम चरण का मतदान सोमवार 07 मार्च को संपन्न होगा. प्रदेश के सभी विधान सभा क्षेत्रो के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अति महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र वाराणसी मे स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कराने हेतु जिलाधिकारी / जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है.

पूरे प्रदेश में सर्वाधिक महत्वपूर्ण विधान सभा क्षेत्रो में शुमार वाराणसी की सभी आठों विधान सभा सीटों के लिए, सोमवार को होने वाले मतदान को सकुशल संपन्न कराने हेतु , सभी मतदान केन्द्रो पर पोलिंग पार्टियां पहुंच गयी. सभी मतदान केंद्रों पर शांति व्यवस्था कायम रखने तथा असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी हेतु, स्थानीय पुलिस के साथ ही पैरा मिलिट्री फ़ोर्स की बटालियन भी पहुँच चुकी हैँ.

वाराणसी के आठ विधान सभा क्षेत्रों में तीन असेंबली क्षेत्र .. शहर उत्तरी , दक्षिणी और कैंट शहरी बहुल क्षेत्र हैं तथा पिंडरा, अजगरा , शिवपुर , रोहनिया तथा सेवापुरी ग्रामीण क्षेत्र हैँ . वाराणसी के 30 लाख वोटर्स 70 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगें . जिले पुनरीक्षण के 51 हजार 625 नये मतदाताओं का नाम सूची में दर्ज़ किया गया है . सर्वाधिक मतदाता वाला क्षेत्र कैंट है जहाँ कुल 458925 मतदाता हैँ वहीं सबसे कम मतदाता शहर दक्षिणी में हैँ. इसी क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ धाम भी स्थित है. इस क्षेत्र में कुल 323470 मतदाता हैँ.

वि. सभा क्षेत्र कुल मतदाता
पिंडरा 372639
अजगरा 372512
शिवपुर 373296
रोहनिया 407917
उत्तरी 426787
दक्षिणी 323470
कैंट 458925
सेवापुरी 345294

2017 के विधान सभा चुनाव में वाराणसी की सभी आठों सीटें भाजपा एवं उसके सहयोगी अपना दल के झोली में आये थे. भाजपा और उसके सहयोगी दल ने इस बार भी 2017 को दोहराने हेतु जबरदस्त रणनीति बनाई है. लेकिन राजनैतिक समीक्षकों की माने तो , इस बार राह उतनी आसान नहीं. यद्यपि तीन दशकों से लगातार शहर उत्तरी, दक्षिणी और कैंट में काबिज भाजपा प्रत्याशियों रविंद्र जायसवाल और डॉ नीलकंठ तिवारी की तो पुनः वापिसी होती स्पष्ट दिख रही है , तथापि कैंट में कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्र कुछ क्षेत्रों में भाजपा के सौरभ श्रीवास्तव को कड़ी टक्कर दे रहे हैँ .

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पिंडरा क्षेत्र में भाजपा के डॉ अवधेश सिंह को कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री अजय राय कड़ी टक्कर दे रहे हैँ. ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है. रोहनिया , शिवपुर , अजगरा और सेवापुरी में भाजपा और उनके सहयोगी अपना दल के प्रत्याशियों को समाजवादी पार्टी और सुभासपा के प्रत्याशी कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैँ. ग्रामीण क्षेत्रो में भाजपा की खतरे में फंसी सीटों को ही भांपकर , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो और रैली करके , जनता के मिजाज को बदलने का भरपूर प्रयास किया. नतीजा जो भी हो , परिणाम आने तक सभी दलों के प्रत्याशियों की सांसे अटकी हुई रहेंगी .

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