Valmiki jayanti

Valmiki jayanti: वसंत कन्या महाविद्यालय में वाल्मीकि जयंती संपन्न

Valmiki jayanti: बागपत से पधारे ख्यात कवि डॉ अरविन्द कुमार तिवारी थे मुख्य वक्ता

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 11 अक्टूबर: Valmiki jayanti: वसंत कन्या महाविद्यालय के संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित वाल्मीकि जयंती के अवसर पर बागपत से पधारे ख्याति प्राप्त कवि डॉ अरविंद कुमार तिवारी का विशिष्ट व्याख्यान हुआ। इस अवसर पर डॉ तिवारी ने “वाल्मीकि रामायण में सामाजिक समरसता” विषय पर अपने रोचक व्याख्यान से छात्राओं को अभिप्रेरित किया।

मुख्य वक्ता डॉ अरविंद कुमार तिवारी, परिकल्पक, अमरवाणी कवि परिषद् बागपत, उत्तर प्रदेश ने वाल्मीकि को परम कारुणिक कवि मानते हुए रामायण को ऐसा उपजीव्य काव्य बताया जिसका अनुकरण महाकवि कालिदास से लेकर पं. वासुदेव द्विवेदी जैसे आधुनिक कविगण भी करते हैं। उन्होंने रामायण के प्रत्येक कांड में राम द्वारा व्यवहारिक सामाजिक समरसता के प्रसंगों पर विस्तार से चर्चा की।

विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ.शांता चटर्जी, अध्यक्षा, संस्कृत विभाग ने कहा कि रामायण के नायक श्री राम न केवल अयोध्या के राजकुमार थे अपितु वे जहां भी गए वहां समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपना बनाया। अध्यक्षीय उद्बोधन में रक्षत गंगाम महाकाव्य की रचयिता आचार्या डॉ.कमला पाण्डेय ने रामायण को जड़-चेतनात्मक समरसता से ओत-प्रोत ग्रंथ बताते हुए, पारिस्थितिकी संतुलन हेतु उसके अनुकरण को आज के समाज की आवश्यकता बताई।

इस अवसर पर संस्कृत विभाग की पूर्व अतिथि अध्यापिका डॉ. दीपमाला द्वारा सुंदरकांड के अंशों पर व्याख्यायित पुस्तक का लोकार्पण भी संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन तनुजा मिश्रा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मंजू कुमारी राय ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राध्यापिकाएं प्रो.मीनू पाठक, स्वाति यादव डॉ.दीपिका कुमारी तथा डॉ.प्रीति विश्वकर्मा इत्यादि समुपस्थित रहीं।

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