Tele medicine: टेली मेडिसिन स्टूडियो @ कोविड वार रूम
Tele medicine: स्वयं ऑक्सिजन लगाना हो सकता है घातक साबित
रिपोर्ट: शैलेश रावल
धनबाद, 06 मई: Tele medicine: वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में लोगों के उचित स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद उमा शंकर सिंह के निर्देश पर सर्किट हाउस स्थित कोविड वार रूम के टेली मेडिसिन स्टूडियो में सुबह 9:00 बजे से रात के 11:00 बजे तक, तीन शिफ्ट में 9 चिकित्सक मरीजों का चिकित्सीय व मानसिक परामर्श करते हैं।
टेली मेडिसन स्टूडियो (tele medicine) की नोडल पदाधिकारी आशा रोजलिन कुजूर ने बताया कि टेलीमेडिसिन स्टूडियो में डॉ एम नारायण, डॉ पीपी पांडे, डॉ आनंद रंजन, डॉ संजय मुखर्जी, डॉ ओपी अग्रवाल, डॉ यूएल विश्वकर्मा, डॉ जी चटर्जी, डॉ आरएन ठाकुर तथा डॉ मनीषा शर्मा तीन शिफ्ट में मरीजों के लिए उपलब्ध रहते हैं। प्रत्येक शिफ्ट में तीन डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं टेलीफोन के माध्यम से मरीजों को उनके स्वास्थ्य के संबंध में परामर्श देते हैं।
उन्होंने बताया कि उपायुक्त ने मरीजों की मदद करने के उद्देश्य से टेलीमेडिसिन स्टूडियो (tele medicine) शुरू कराया है। मरीजों को यदि उनकी रिपोर्ट के बारे में समझ नहीं है तो उनकी स्थिति खराब हो सकती है। इसलिए वे डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त कर अस्पताल में एडमिट हो जाए। मरीज अपना भला नहीं समझ रहे हैं। कुछ मरीज स्वयं घर पर ऑक्सीजन ले रहे हैं। यह उनके लिए बेहद घातक साबित हो सकता है। ऑक्सीजन सिलेंडर से कितना प्रेशर देना है सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के अभाव में मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है।
उन्होंने बताया कि धनबाद के सभी डायग्नोस्टिक सेंटर से एचआरसीटी कराने वालों का रिपोर्ट यहां आता है। इसके बाद जिनका सिटी स्कोर 10 या 10 से अधिक होता है वैसे मरीज को फोन करके उनके स्वास्थ्य के संबंध में पूछताछ की जाती है। मरीज गंभीर होने पर उसे ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड वाले अस्पताल में रेफर किया जाता है।
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कई मरीज हॉस्पिटल से वीडियो कॉल कर (tele medicine) चिकित्सकों से परामर्श लेते हैं। कुछ वैसे लोगों का फोन आता है जिन्हें यह नहीं पता कि उन्हें कोरोना का संक्रमण है या नहीं है। वे अपनी समस्या डॉक्टर्स को बताते हैं। डॉक्टर उनके स्वास्थ्य के संबंध में पूछताछ करके उचित मार्गदर्शन देते हैं।
टेलीमेडिसिन स्टूडियो (tele medicine) की नोडल पदाधिकारी ने अपील करते हुए कहा कि यदि मरीज को रिपोर्ट के संबंध में समझ नहीं है तो उनकी स्थिति खराब हो सकती है। सोशल मीडिया या मित्रों के सुझाव पर कभी भी दवा न लें। हमेशा सर्टिफाइड चिकित्सक से संपर्क कर दवाई ले।
उल्लेखनीय है कि टेलीमेडिसिन स्टूडियो (tele medicine) से प्रतिदिन एक सौ से अधिक मरीजों को चिकित्सीय एवं मानसिक परामर्श दिया जाता है।