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Road research laboratory: आईआईटी (बीएचयू) में स्थापित होगी सड़क अनुसंधान प्रयोगशाला

Road research laboratory: आईआईटी (बीएचयू) और जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट लिमिटेड (जीआरआईएल) ने एक समझौता ज्ञापन पर किये हस्ताक्षर

रिपोर्ट : डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी,11 जून: Road research laboratory: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिंदू विश्वविद्यालय), वाराणसी और जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने सड़कों की गुणवत्ता के सुधार के लिए सड़क अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापना के लिए ऑनलाइन मोड के माध्यम से 11 जून, 2021 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन और श्री विनोद कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष, जीआरआईएल द्वारा हस्ताक्षर किए गए। एमओयू हस्ताक्षर के अवसर पर माननीय केंद्रीय मंत्री सड़क, परिवहन और राजमार्ग और एमएसएमई नितिन गडकरी, माननीय उप मुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग, केशव प्रसाद मौर्या और उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी आदि उपस्थित रहे।

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इस अवसर पर माननीय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस उपलब्धि पर आईआईटी (बीएचयू) और ग्रिल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि क्वालिटी को कम किये बगैर सड़कों की गुणवत्ता को सुधारा जाए, साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी मदद मिले यही हमारा प्रमुख लक्ष्य है। ग्रिल जैसी निजी सेक्टर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का इस विषय पर साथ काम करना बेहद गर्व की बात है। नए शोधों से यह संभव हो पाएगा। साॅलिड वेस्ट मैटैरियल का सड़क निर्माण में उपयोग बेहद महत्वपूर्ण कदम है।उन्होंने आईआईटी के शोधकर्ताओं का आह्वान किया कि सड़क और पुलों के निर्माण में स्टील और सीमेंट(Road research laboratory) का उपयोग कम करने के लिए शोध आवश्यक है।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि यह एमओयू सड़क निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने (Road research laboratory) और खर्चों को कम करने के लिए बेहद परिणामकारी होगा। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए बताया कि यह समझौता ज्ञापन 5 साल की अवधि के लिए लागू रहेगा। संस्थान के शिक्षाविद और देश के अन्य एक्सपर्ट राजमार्ग सुरक्षा विकास परियोजना के तहत सड़क सुरक्षा, पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों से संबंधित अध्ययन करेंगे।

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इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य देश में टिकाउ और पर्यावरण के अनुकूल सड़कों के निर्माण (Road research laboratory) के प्रति रिसर्च रहेगा। इसमें बिटुमिनस (डामरी) मिक्स की रिसाइक्लिंग, भारतीय सड़कों के लिए मैकेनिस्टिक फुटपाथ डिजाइन और साॅलिड वेस्ट मैटेरियल्स से पेवमेंट बनाने पर शोध, बिटुमिनस मिक्स के लिए पर्फामेंस बेस्ड मिक्स डिजाइन का विकास करना प्रमुख लक्ष्य रहेगा। उन्होंने बताया इस प्रोजेक्ट को संस्थान में लाने में सिविल इंजीनियरिंग के अस्सिटेंट प्रोफेसर डाॅ निखिल साबू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कार्यक्रम का संचालन संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डा अंकित गुप्ता ने किया। इस अवसर पर संस्थान से प्रोफेसर राजीव प्रकाश, डीन, रिसर्च एंड डेवलेपमेंट, प्रोफेसर एसबी द्विवेदी, डीन, एकेडमिक अफेयर्स, आईआईटी के अल्यूनी अमित भसीन, आरके पांडेय, मेंबर प्रोजेक्ट, एनएचएआई, मनोज कुमार मेंबर प्रोजेक्ट एनएचएआई, एसके निर्मल, जनरल सेक्रेटरी, भारतीय सड़क कांग्रेस आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।