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Rajkot Railway Division’s solar energy initiative: सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए राजकोट रेल मंडल की पहल

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राजकोट, 10 सितंबर: Rajkot Railway Division’s solar energy initiative: पश्चिम रेलवे का राजकोट मंडल 2030 तक “नेट जीरो कार्बन एमिटर” प्राप्त करने के भारतीय रेलवे के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है। राजकोट मंडल रेल प्रबंधक अश्वनी कुमार के अनुसार पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, राजकोट मंडल हरित और नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में बड़े कदम उठा रहा है। राजकोट मंडल अपनी बिजली आवश्यकताओं के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहा है और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं।

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सितंबर-2024 तक राजकोट मंडल के 18 रेलवे स्टेशनों पर और 7 रेलवे कार्यालय भवनों में 539 किलोवाट क्षमता के सौर पैनल लगाए जा चुके हैं। इससे राजस्व की भी काफी बचत हुई है। यह लगभग 21 हजार पेड़ों की कार्बन अवशोषण क्षमता के बराबर है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोट मंडल पर सौर पैनलों ने 454989 केडबल्यूएच (यूनिट) बिजली पैदा की है, जो 364 टन से अधिक कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के बराबर है और इसके परिणामस्वरूप कुल 27.18 लाख रुपये की बचत हुई है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 (अगस्त तक) के दौरान, 282666 केडबल्यूएच (यूनिट) बिजली का सौर ऊर्जा उत्पादन हुआ, जो 226 टन से अधिक कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के बराबर है और इसके परिणामस्वरूप कुल 18.91 लाख रुपये की बचत हुई है।

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इसके अलावा, राजकोट मंडल ने हरित ऊर्जा संसाधनों के हिस्से के रूप में सौर जल हीटर, एलसी गेटों पर सौर पैनल उपलब्ध कराए हैं। इसके अलावा, राजकोट मंडल कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के राष्ट्र के मिशन को प्राप्त करने के लिए अधिकतम सीमा तक सभी भवनों में सौर संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहा है।

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