Online kavya Goshthi: कलामंथन के मंच से ऑनलाइन काव्यगोष्ठी का आयोजन
Online kavya Goshthi: इस काव्यगोष्ठी में अनीता सुराना, प्रीती प्रभा, प्रीती बाला, निरूपा कुमारी, विनीता कुमारी, स्वाती राय, मधुकर वनमाली, राजीव कमल और रेणु दास जी आमंत्रित थीं।
लखनऊ, 29 नवंबर: Online kavya Goshthi: हिंदी साहित्य के आभासीय मंचों की दुनिया में कलामंथन मंच अपना एक अलग मुकाम रखता है। यहां कविता कहानियां लिखने के साथ हम कविता पाठ की विशिष्ट विधा को भी प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस दिशा में हमने सभी राज्यों को पांच ज़ोन में बांटा है। ये गंगा , कावेरी ,नर्मदा, सतलुज और ब्रम्हपुत्र हैं। हर माह हम ऑनलाइन काव्यगोष्ठी का आयोजन करते हैं।
27 नवम्बर की शाम ब्रम्हपुत्र ज़ोन द्वारा इस गोष्ठी का आयोजन किया गया था। इस कड़ी में अनीता सुराना, प्रीती प्रभा, प्रीती बाला, निरूपा कुमारी, विनीता कुमारी, स्वाती राय, मधुकर वनमाली, राजीव कमल और रेणु दास जी आमंत्रित थीं। कार्यक्रम का आरंभ हमारी अतिथि रमा धारवाडकर द्वारा “गणेश वंदना”से किया गया था।
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Online kavya Goshthi: अनीता सुराना ने जहां एक यक्ष प्रश्न “क्या आएंगे राम! पर आधारित कविता प्रस्तुत की। समाज द्वारा सताई हुई स्त्रियों का उद्धार करने क्या राम फिर आएंगे। वहीं निरुपा जी ने एक प्रेरणास्पद कविता प्रस्तुत की। प्रीती बाला जी की कविता “यादों के झरोखे से” ने एक प्रेममय समां बांध दिया था। प्रीती प्रभा जी ने नारी व नदी को आधार बनाकर बेहद खूबसूरत रचना प्रस्तुत की।
विनीता कुमारी जी ने “बेटी की विदाई “ आधारित बेहद भावपूर्ण रचना सुनाई। घरेलू हिंसा जैसे सामाजिक अन्याय को आधार बनाकर स्वाति रॉय ने “मैंने परियों को देखा है!” कविता प्रस्तुत की। एक ऐसी कविता जो आपको सोचने पर मजबूर कर दे। आज काव्यगोष्ठी में राजीव कमल ने एक अनोखी कविता प्रस्तुत की। एक कविता जो बिहार के भूगोल को आधार बनाकर लिखी गई है। इस कविता से आप राज्य के विषय में तमाम जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
“स्वपन के उस लोक आ के,
कान में कुछ बोल देता
कौन चक्षु खोल देता!” खूबसूरत प्राकृतिक बिंबों से सजी बेहतरीन कविता मधुकर वनमाली जी ने प्रस्तुत की।
रेणु दास जी ने पतित पावनी गंगा पर आधारित खूबसूरत गीत
“देवी जान्हवी सुरसुरी गंगे, नरक निवारिणि सकल सुभंगे!”
प्रस्तुत किया। इस गीत ने एक पवित्र समां बांध दिया था।
इस कार्यक्रम की सुत्रधार थी किरण शुक्ला जो कि कलामन्थन ब्रह्मपुत्र की संचालिका हैं।कार्यक्रम में कलामन्थन की कम्मयूनिटी हेड अंशु सक्सेना व संस्थापिका सरिता निर्झरा ने शिरकत की। मंच नवोदित कलमकारों को प्रोत्साहित करने का अनुपम कार्य कर रहा है।