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Nutrition garden: आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तैयार हो रही पोषण वाटिका

Nutrition garden: पोषण माह का शुभारम्भ, पूरे माह आयोजित होंगे विविध कार्यक्रम

रिपोर्ट: पवन सिंह

मऊ, 02 सितम्बर: Nutrition garden: बच्चों को सुपोषित बनाने पर सरकार का पूरा जोर है। इसके तहत बच्चों को नाटे कद की समस्या से उबारने और कुशाग्र बुद्धि का बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार ने निर्देश दिया है कि जिले के विद्यालयों, पंचायत भवनों के अलावा 1871 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सहजन, पपीता सहित तमाम पोषक तत्वों की उपलब्धता वाले पौधे लगाए जायें और इनके फलों-पत्तियों समेत सभी भागों को मिड-डे मील में शामिल किया जाये।

Nutrition garden: बच्चों के साथ किशोरियों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को इसे सुलभ करायें और इसके प्रयोग के बारे में बताएं। पोषण के प्रति जागरूकता के लिए ही सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है, जिसके तहत विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ संतोष कुमार चौरसिया ने बताया कि सहजन की पत्तियों में कैल्शियम और विटामिन-सी के अलावा प्रोटीन, पोटैशियम, आयरन, मैगनीशियम और विटामिन-बी कॉम्पलैक्स भी प्रचुर मात्रा में होता है। इन्हीं विशेषताओं के कारण सहजन को मेडिकल प्लांट भी कहा जाता है। इसके पत्तियों में भरपूर मात्रा में आयरन और कैल्शियम मौजूद होता है। 

आंगनबाड़ी केंद्रों पर सहजन के पौधे लगवाने का मुख्य उद्देश्य गर्भवती को इसके प्रयोग पर बल देना है। उन्हें प्रेरित किया जा रहा है कि सहजन की सब्जी, सूप आदि का प्रयोग करने से उनका स्वास्थ्य तो उत्तम होगा ही साथ ही बच्चे भी स्वस्थ होंगे। सहजन की उपरोक्त विशेषताओं के अतिरिक्त ये कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत है जो हड्डियों के लिए फायदेमंद है। बढ़ते बच्चे, वृद्ध, धात्री और गर्भवती को कैल्शियम संपन्न खुराक चाहिए। अतः इन सबमें सहजन बहुत कारगर है।

Nutrition garden: डॉ संतोष कुमार चौरसिया ने बताया कि पपीते में सबसे अच्छे पाचक एंजाइम होते हैं जो कि भोजन को पचाने और स्वांगीकरण में सहायक होते हैं। स्वांगीकरण का मतलब भोजन के पाचन के बाद उसे आंतों में मौजूद वाहिकाओं द्वारा अवशोषित किए जाने की प्रक्रिया। वहीं पालक  और बथुआ आयरन से भरपूर होते हैं जो शरीर में खून की कमी की स्थिति में बेहद कारगर होते हैं। साथ ही इनमें अच्छा रफेज (खुरदरापन) होने से कब्ज में भी लाभ होता है। इतना ही नहीं आंगनबाड़ी केंद्र के नौनिहालों को भी इसका सेवन कराना है जिससे कि उन्हें विटामिन युक्त आहार मिल सके।

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डॉ संतोष कुमार चौरसिया ने बताया कि पोषण वाटिका पर कार्य हो रहा है। इनमें सहजन, पपीता, पालक, आंवला, नींबू, लौकी आदि लगाया जा रहा है। पोषण वाटिका में हरी सब्जियों और पत्तेदार सब्जियों और जिनमें आयरन ज्यादा पाया जाता  है, उस पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसके माध्यम से बच्चों के  मिड-डे मील  को पोषक तत्वों से भरपूर बनाया जाएगा इसके मध्यम से कुपोषण की समस्या से निजात मिलेगी।

Nutrition garden: जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवीण सिंह कम लम्बाई की समस्या के लिए प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, जिंक और मैग्नीशियम को कारण बताते हैं। वह कहते हैं कि हमारे शरीर के विकास में हार्मोन्स की बड़ी भूमिका होती है। हार्मोन मांस पेशियों और हड्डियों को बढ़ाते हैं। जैसे दिमाग से हड्डी बढ़ाने के लिए हार्मोन का स्राव होता है तो सभी तत्व अपनी-अपनी भूमिका में लग जाते हैं।

Nutrition garden: आयरन, मैग्नीशियम और जिंक तीनों उत्प्रेरक का काम करते हैं वहीं विटामिन, कैल्शियम, फास्फोरस हड्डियां बढ़ाने की प्रक्रिया में सीधे शामिल होते हैं। इनके कारण ही हड्डियों में घनापन आता है। यह एक तरह से काफी कुछ वैसे ही काम करते हैं जैसे एक मकान बनाने में बालू और सीमेंट करते हैं। प्रोटीन से एमीनोएसिड निकलता है जो मांसपेशियों को बनाता है।

डॉ प्रवीण सिंह कहते हैं कि सरकार के सारे अभियान पोषण की कमी को पूरा करने के लिए हैं। एक सामान्य भोजन जिसमें दाल, रोटी, फल, सलाद और दूध होता है, इन्हें बैलेंस खुराक कहा जाता है। यह हर परिवार के भोजन में शामिल नहीं होता है। कमजोर वर्ग के लोग कभी रोटी और नमक या रोटी और प्याज से ही काम चला लेता है, जिससे उन परिवार के बच्चों में इन पोषक तत्वों की कमी रह जाती है उनके शरीर का विकास ठीक से नहीं हो पाता है। उन्होंने बताया कि वैसे तो पपीते में सारे विटामिन्स पाए जाते हैं, कैल्शियम और विटामिन-सी से सम्पन्न रहता है।

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