National seminar in BHU: बीएचयू में बाल चिकित्सा रेडियोलॉजी पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

National seminar in BHU: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नेशनल मिड टर्म सीएमई (आईएसपीआर-इंडियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक रेडियोलॉजी) में राष्ट्रीय ख्याति के बाल चिकित्स्कों की हुई उपस्थिति

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 08 अप्रैल: National seminar in BHU: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में राष्ट्रीय मिड टर्म सीएमई (आईएसपीआर- इंडियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक रेडियोलॉजी) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देशभर से बाल चिकित्सा रेडियोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी विशेषज्ञ शामिल हुए।

ISPR भारत के बाल चिकित्सा रेडियोलॉजी सेवाओं में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। 2003 में स्थापित, इस संस्था का उद्देश्य बाल चिकित्सा रेडियोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग, अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देकर बच्चों की देखभाल के स्तर में सुधार करना है।

चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू में रेडियोडायग्नोसिस और इमेजिंग विभाग द्वारा आयोजित, सीएमई डॉ. के एन उडुपा ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के माध्यम से शोधकर्ताओं, चिकित्सकों और रेडियोलॉजिस्ट के लिए एक मंच प्रदान करना है। जिसके माध्यम से उन्नत इमेजिंग तकनीकों का उपयोग करके रोगों के निदान और उपचार में बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी इमेजिंग और अंतर्दृष्टि पर नवीनतम निष्कर्षों को साझा किया जा सके।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का रेडियोडायग्नोसिस और इमेजिंग विभाग भारत में बाल चिकित्सा रेडियोलॉजी अनुसंधान और प्रशिक्षण में सबसे आगे रहा है, और यह सम्मेलन इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता का एक परिचायक है।

विभागाध्यक्ष प्रो. आशिष वर्मा ने बताया कि लगभग 200 प्रतिभागियों ने इस सीएमई में भाग लिया, जिसमें रेडियोलॉजिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञ और अन्य स्वास्थ्य देखभाल परामर्शकर्ता शामिल थे।

इस कार्यक्रम में मुख्य व्याख्यान, पैनल चर्चा और बाल चिकित्सा मस्कुलोस्केलेटल इमेजिंग, न्यूरोरेडियोलॉजी और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी जैसे विषयों को शामिल करने वाली आकर्षक कार्यशालाएं शामिल रही। सीएमई के दौरान चर्चा किए गए विषय न्यूरो-ऑन्कोलॉजी, थोरैक्स और मस्कुलोस्केलेटल ऑन्कोलॉजी और एब्डोमिनल ऑन्कोलॉजी थे।

यह सम्मेलन प्रतिभागियों के लिए अपने शोध और अनुभवों को एक दूसरे के साथ साझा करने का अवसर भी था, जिसमें सार (पेपर और पोस्टर) प्रस्तुतियों और पैनल चर्चाओं के लिए समर्पित कई सत्र थे। इसके अलावा, प्रतिभागियों के लिए फिल्म पढ़ने के सत्र जैसे विभिन्न व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए।

सर्वोत्तम प्रस्तुतियों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिससे युवा शोधकर्ताओं को बाल चिकित्सा रेडियोलॉजी के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण कार्य जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

रेडियोडायग्नोसिस और इमेजिंग विभाग के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष और CME के आयोजन अध्यक्ष डॉ. आशीष वर्मा ने कहा, “हम काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इस सम्मेलन की मेजबानी करके रोमांचित हैं और बाल चिकित्सा रेडियोलॉजिस्ट को एक साथ आने और बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी के हमारे क्षेत्र में नवीनतम विकास पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। आयोजन सचिव डॉ. इशान कुमार ने कहा, “हम आशा करते हैं कि इस आयोजन के दौरान साझा किए गए ज्ञान, प्राप्त अंतर्दृष्टि और कनेक्शन से हमें भविष्य में बाल रोगों का बेहतर निदान और उपचार करने में मदद मिलेगी।”

इस आयोजन के कोषाध्यक्ष डॉ. पी.के. सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे पास उपलब्ध सीमित संसाधनों के बावजूद, कुल मिलाकर, नेशनल मिड टर्म सीएमई (आईएसपीआर) एक बड़ी सफलता थी, जो बाल चिकित्सा ऑन्को के क्षेत्र में चर्चा और सीखने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान करती है। आयोजकों और प्रतिभागियों ने कार्यक्रम की मेजबानी करने और सम्मेलन के लिए एक उत्तेजक और सहायक वातावरण प्रदान करने के लिए बीएचयू का आभार व्यक्त किया।

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