Lecture series organized at Vasanta College

Lecture series organized at Vasanta College: वसंता कॉलेज में सात दिवसीय व्याख्यान माला का आयोजन

Lecture series organized at Vasanta College: शिक्षा विभाग के स्वर्ण जयंती वर्ष में संगीत, कला एवं नाटक विषय पर विशेषज्ञ व्याख्याताओं के होंगे प्रैक्टिकल लेक्चर

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 24 जनवरी: Lecture series organized at Vasanta College: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से सम्बद्ध राजघाट स्थित वसंत महिला महाविद्यालय के शिक्षा विभाग की स्वर्ण जयंती वर्ष के सुअवसर पर सात दिवसीय व्याख्यान माला सह कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। संगीत, कला व नाटक विषय पर सात दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.अलका सिंह, मुख्य अतिथिद्वय वाद्यसंगीत विभाग के सह आचार्य एवं अध्यक्ष डॉ.जे.एन. गोस्वामी, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.संजय कुमार वर्मा, कार्यक्रम संयोजिका प्रोफेसर सुजाता साहा तथा आयोजन सचिव प्रोफेसर विभा सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

प्रारंभ में एम० एड० तृतीय सेमेस्टर की छात्रा मेधा चतुर्वेदी द्वारा राग भूपाली में खयाल शैली में शिव वंदना प्रस्तुत की गई। प्राचार्या प्रो० अलका सिंह द्वारा मुख्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कलाओं की प्रासंगिकता का उल्लेख करते हुए शिक्षा विभाग की निरंतर सक्रियता की सराहना की।

शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो० सुजाता साहा द्वारा विषय प्रवर्तन के अंतर्गत विभिन्न कलाओं के महत्व,मानव जीवन में उनके सहज समावेश एवं अध्यापक शिक्षा में उनकी भूमिका को स्पष्ट किया। सहायक प्राध्यापक डॉ० प्रवीण कुमार द्वारा अतिथि वक्ताओं का परिचय कराया गया।

आमंत्रित वक्ता ख्यातिलब्ध मोहन वीणा वादक डा. संजय वर्मा द्वारा संगीत की भावाभिवक्ति में महत्व का सोदाहरण उल्लेख किया गया और भारतीय संगीत की विभिन्न शैलियों पर लघु वृत्त चित्र प्रस्तुत किया गया। दूसरे विशेषज्ञ वक्ता प्रसिद्ध सितार वादक डा जे. एन. गोस्वामी ने उत्तर भारतीय संगीत के विभिन्न घरानों की वादन शैलियों से छात्राओं को वादन के माध्यम से अवगत कराया।

उन्होंने राग किरवानी इमदादखानी शैली में स्वरचित सुंदर बंदिश का वादन किया, डा वर्मा ने राग भीमपलासी को मोहन वीणा पर प्रस्तुत किया और प्रस्तुति का समापन राग भैरवी में दोनो की जुगलबंदी से हुआ, इसका भरपूर आनंद श्रोताओं ने लिया।

प्रश्नोत्तर सत्र में छात्राओं की भारतीय संगीत संबंधी जिज्ञासा का विशेषज्ञों द्वारा समुचित समाधान किया गया। इस प्रकार भारतीय संगीत के विभिन्न पक्षों पर छात्राओं का ज्ञानवर्धन का विभागीय प्रयास प्रथम दिवस सफल आरंभ हुआ. कार्यशाला का संपूर्ण संचालन शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापिका रंजिता मराक द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ० विभा सिंह ने धन्यवाद दिया।

सप्त दिवसीय कार्यशाला के द्वितीय दिवस पर महाविद्यालय के गायन विभाग की अध्यक्षा डा. बिलंबिता बानीसुधा बी. एड. और एम. एड. की छात्राओं को गायन की उपयुक्त भंगिमा, स्वर एवं श्रवण प्रशिक्षण तथा भारतीय गायन की विविध शैलियों से परिचित कराएंगी।

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