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Girnar Ropeway: गुजरात: गिरनार रोपवे की सवारी करने वाले पर्यटकों की संख्या में हुई बढोत्तरी

Girnar Ropeway: 130 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित रोपवे से डेढ़ वर्ष में 56 करोड़ रुपए की आय, सरकार रोपवे केबिन को संगीतमय बनाएगी

  • Girnar Ropeway: पिछले एक माह में गिरनार रोपवे की सवारी करने वाले पर्यटकों की संख्या 18608 बढ़ी, आय में एक करोड़ रुपए की वृद्धि

गांधीनगर, 17 मई: Girnar Ropeway: गिरनार रोपवे प्रोजेक्ट पर्यटकों के लिए अत्यंत लाभदायी सिद्ध हो रहा है। बड़ी संख्या में पर्यटक इस सेवा का लाभ ले रहे हैं। अक्टूबर-2020 में लोगों को समर्पित किए गए इस प्रोजेक्ट का अब तक 11 लाख लोग लाभ ले चुके हैं। इसके चलते रोपवे से 56 करोड़ रुपए की आय हुई है। इस वर्ष पिछले तीन महीनों में पर्यटकों की संख्या तथा आय में भी उल्खनीय वृद्धि दर्ज़ की गई है।

फ़रवरी-2022 में कुल 59,188 पर्यटकों ने रोपवे की सेवा का आनंद उठाया था। यह संख्या मार्च में बढ़ कर 77,796 हो गई है। आय की दृष्टि से भी फ़रवरी-2022 (3.1 करोड़ रुपए) की तुलना में मार्च में (4.03 करोड़ रुपए) एक करोड़ रुपए की वृद्धि देखी गई है। 2320 मीटर लंबे व 898.4 मीटर ऊँचे रोपवे में अब तक दैनिक औसत 551 ट्रिपें संचालित की जा रही हैं। पर्यटकों के आनंद में वृद्धि करने के उद्देश्य से सरकार शीघ्र ही रोपवे केबिन को संगीतमय बनाने की प्रक्रिया आरंभ करेगी।

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भूपेन्द्र पटेल सरकार गुजरात के पर्यटन क्षेत्र को विश्व स्तर पर पहुँचाने के लिए निरंतर प्रयासरत् है। इसके लिए सरकार ने हेरिटेज टूरिज़्म पॉलिसी से लेकर मेडिकल टूरिज़्म जैसे आधुनिक विषयों के साथ भी नीति घोषित की है। पर्यटकों की सुख-सुविधा के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों का निर्माण एवं गुजरात के पर्यटन को वैश्विक स्तर की प्रतिष्ठा दिलाने के लिए सरकार अलग-अलग स्तर पर काम कर रही है।

गुजरात पर्यटन निगम लिमिटेड (TCGL) के मैनेजिंग डायरेक्टर आलोक कुमार पांडे ने इस संबंध में कहा, “गिरनार गुजरात का आध्यात्मिक गौरव है और देश-विदेश से यहाँ पर्यटक आते हैं। सरकार उनकी सुविधा के लिए निरंतर प्रयासरत् रही है और रोपवे प्रोजेक्ट के कारण पर्यटकों; विशेषकर श्रद्धालुओं के लिए माँ अम्बे के दर्शन करना अत्यंत सुलभ हो गया है।

पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है और रोपवे की सुविधा से पर्यटक गिरनार पर्वत की 10,000 सीढ़ियाँ चढ़े बिना मिनटों में माताजी के मंदिर पहुँच पा रहे हैं। स्थानीय लोगों को रोज़गार भी मिल रहा है तथा आय में भी एक माह में लगभग एक करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है, जो इस प्रोजेक्ट की सफलता को दर्शाता है।”

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