Abu samved mahayagya: गुरुकुल आबूपर्वत में सामवेद पारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति सम्पन्न
Abu samved mahayagya: गुरुकुल परिसर में देखने को मिला ब्रह्मतेज व क्षात्रधर्म का अद्भूत संगम
रिपोर्टः किशन वासवानी
माउंट आबू, 19 अक्टूबरः Abu samved mahayagya: आबूपर्वत स्थित आर्ष गुरुकुल महाविद्यालय देलवाड़ा में मंगलवार को प्राचीन वैदिक परम्परा अनुसार सामवेद पारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति सम्पन्न हुई। इस सामवेद पारायण महायज्ञ में शुद्ध प्राकृतिक वस्तुओँ, जड़ी-बूटी सहित अन्य वस्तुओं के समिश्रण से आहुतियां प्रदान की गई। इसमें 121 किलो शुद्ध देशी घृत, 151 किलो औषधियुक्त हवन सामग्री तथा उत्तम समिधाओं का सदुपयोग किया गया।
गुरुकुल ट्रस्ट के महामंत्री, मुख्य वक्ता डॉ.कमलेश शास्त्री ने वेद परिचय करवाते हुए कहा कि, सृष्टि के आदि में एक अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हजार 122 वर्ष पूर्व परम पिता परमात्मा ने ऋग्वेद का ज्ञान अग्नि ऋषि के, यजुर्वेद का ज्ञान वायु ऋषि के, सामवेद का ज्ञान आदित्य ऋषि के और अथर्ववेद का अंगिरा ऋषि के हृदय में प्रकटीभूत किया। सामवेद पारायण महायज्ञ का त्रिदिवसीय आयोजन सम्पन्न हुआ।
परोपकारिणी सभा के सभासद्, गुरुकुल के प्राचार्य ओम्प्रकाश आर्य के ब्रह्मत्व में 1875 मंत्रों के 55756 अक्षरों का सस्वर उच्चारण आचार्यगण एवं ब्रह्मचारियों ने किया। यज्ञ के मुख्य यजमान व गुरुकुल के प्रारंभिक ट्रस्टी गणेशमल सोनी के परिवार से उनके पुत्र व परिजन रमेश कुमार सोनी, गोविन्द राम सोनी, दिनेश कुमार सोनी, भावेश कुमार सोनी, सुभाष सोनी, संजय कुमार सोनी ने सपत्नीक यज्ञ में आहुतियां प्रदान की।
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महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वारा निर्दिष्ट आर्ष पाठविधि से स्थापित स्वामी धर्मानन्द सरस्वती के पुरुषार्थ से संचालित गुरुकुल के अध्यापक आचार्य ओंकार, डॉ.महाचैतन्यमुनि, आचार्य शिवकांत, स्नातक गगेन्द्र शास्त्री, रजनीकांत शास्त्री, कैलाश शास्त्री, दशरथ आर्य तथा वरिष्ठ ब्रह्मचारियों ने पुष्प वृष्टि कर यजमानों व अतिथियों को शुभकामनाएं प्रदान की तथा सभी का आभार व्यक्त किया गया।
भजनोपदेशक अमरसिंह तथा गुरुकुल के ब्रह्मचारी रमेश, नारायण, नवीन, दक्ष, जतिन, पंकज व देवेश ने सुमधुर वाणी में ईशभक्ति भजन, क्रांतिकारी गीत एवं आर्य समाज के संस्थापक, युग प्रवर्तक, वेदोद्धारक महर्षि दयानन्द सरस्वती के जीवन पर संगीतमय प्रस्तुति दी। गुरुकुल के अध्यापक सत्यप्रकाश, रणसिंह, शिवनाथ, सागर, मनोज तथा कार्यकर्ता के रूप में नवीन, अरविंद, अभिषेक आदि का व्यवस्थाओं में पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।