14th national youth exchange program

14th national youth exchange program: वाराणसी में 14वां राष्ट्रीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम

14th national youth exchange program: कार्यक्रम में आदिवासी युवाओं के बीच शिक्षा विकास का मूल मंत्र है पर प्रकाश डाला गया

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 22 फरवरी: 14th national youth exchange program: नेहरू युवा केंद्र वाराणसी द्वारा गृह मंत्रालय एवं युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा बीएचयू में, जिला प्रशासन एवं स्थानीय एनएसएस के सहयोग से आयोजित 14वा राष्ट्रीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में आदिवासी युवाओं ने अपने पारंपरिक वेशभूषा में मंच पर अपनी कला से सभी का मन मोह लिया।

ज्ञातव्य है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में गत 20 फरवरी से 26 फरवरी तक यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। देश के 6 राज्यों के 10 जनपदों के आदिवासी युवा 15 से 29 आयु वर्ग के भाग ले रहे हैं।

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इस शिविर में छत्तीसगढ़ प्रदेश से जनपद- सुकमा, कांकेर, राजनांदगांव, उड़ीसा प्रदेश से कालाहांडी, झारखंड प्रदेश से- गुमला, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम, तेलंगाना प्रदेश से भद्राद्री, आंध्र प्रदेश से विशाखापट्टनम एवं महाराष्ट्र से गढ़चिरौली के युवा भाग ले रहे हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शताब्दी सभागार में सबसे पहले आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के युवाओं ने परंपरागत लोक कला की प्रस्तुति कर तालियां बटोरी।

झारखंड के कलाकारों ने वाद्य एवं नृत्य के माध्यम से आदिवासी लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ने वहां की प्रसिद्ध स्थानीय लोक कला जालौर नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के लोक नृत्य बस्तरिया मोर संगवारी बहुत ही सराहनीय रहा। उड़ीसा के कालाहांडी के कलाकारों ने भी अपनी परंपरागत वेशभूषा में विविधता में एकता का बोध कराया।

दिन के प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी निखिल गुप्ता ने आयोजित गतिविधियों पर प्रकाश डाला। राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में कालाहांडी के वारीश शर्मा ने प्रथम, राजनाथ गांव के रोहित प्रकाश ने द्वितीय एवं संयुक्त रूप से समान अंक पाकर गुमला की अवंती कुमारी तथा कांकेर की रोशनी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

इस अवसर पर डॉ यू एन त्रिपाठी क्षेत्रीय निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय वाराणसी ने बताया कि सुदूरवर्ती इलाकों के बच्चे जो नियमित रूप से कक्षा में जाकर अध्ययन नहीं कर सकते हैं उनके लिए सुनहरा अवसर है। शिक्षा विकास का मूल मंत्र है पर युवाओं से मुखातिब हुए। डॉ डी आर विश्वकर्मा अवकाश प्राप्त जिला विकास अधिकारी ने जीवन में युवा कैसे उत्कृष्टता तक पहुंचे विषय पर विस्तृत प्रकाश डाला एवं युवाओं के साथ संवाद किया।

आदिवासी सभ्यता एवं संस्कृति पर शोध करने वाले बृजभान मरावी ने आदिवासियों की प्राकृतिक संरक्षण, राष्ट्र निर्माण, लोक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा को राष्ट्रहित में आवश्यक बताया एवं उनके योगदान महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत गांवों का देश है। गांव एवं जंगल में रहने वाले प्रकृति के सबसे करीब हैं। शहरी रहन-सहन से खतरा बढ़ रहा है। हमें प्रकृति की तरफ लौटना ही होगा नहीं तो प्राणी मात्र के जीवन पर संकट पैदा हो सकता है।

डॉ शिव शक्ति प्रसाद द्विवेदी राजकीय चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि स्वस्थ्य शरीर जीवन सबसे बड़ा धन है। उन्होंने शरीर विज्ञान की संरचना पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा मानव शरीर को स्वस्थ रखने के उपाय बताया। कार्यक्रम का संचालन राज्य प्रशिक्षक मनोज शर्मा ने किया तथा नेहरू युवा केंद्र के उपनिदेशक अनिल सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के उद्देश्यों के अनुरूप कार्यक्रम को सफल बनाने में नेहरू युवा केंद्र मऊ की जिला युवा अधिकारी राशि मिश्रा, मिर्जापुर के जिला युवा अधिकारी प्रतीक साहू, ऐश्वर्या मिश्रा डीपीओ, विकास कुमार ए पी ए नेहरू युवा केंद्र ललितपुर, एनएसएस एवं नेहरू युवा केंद्र स्वयंसेवी की भूमिका सराहनीय रही।

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