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WR 71st foundation day: पश्चिम रेलवे मना रही है 71वां स्थापना दिवस

WR 71st foundation day: भारत में रेलवे के उद्भव की समृद्ध और ऐतिहासिक यात्रा का उत्सव

अहमदाबाद, 06 नवंबर: WR 71st foundation day: पश्चिम रेलवे ने 5 नवंबर, 2021 को अपनी स्थापना के 70 वर्ष पूर्ण कर 71वें वर्ष में प्रवेश किया है। अपनी विनम्र शुरुआत के बाद से पश्चिम रेलवे ने राष्ट्र की सेवा में अपनी 70 वर्षों की यात्रा में कई मील के पत्थर हासिल किए हैं। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके काम के प्रति समर्पण और पश्चिम रेलवे द्वारा की गई उपलब्धियों के लिए बधाई दी।

Churchgate station. WR 71st foundation day
71वें स्थापना दिवस के अवसर पर आकर्षक रंगों की रोशनी से सुसज्जित पश्चिम रेलवे का चर्चगेट स्थित प्रधान कार्यालय

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार बॉम्बे , बड़ौदा और सेंट्रल इंडिया रेलवे कंपनी (बीबी एंड सीआई) का गठन 1855 में  किया गया था, जिसकी शुरुआत गुजरात राज्य में पश्चिमी तट पर  अंकलेश्वर से उत्राण तक 29 मील ब्रॉड गेज ट्रैक के निर्माण के साथ शुरू हुई थी एवं इसका मुख्यालय सूरत में था । उसी वर्ष 21 नवंबर, 1855 को कंपनी ने ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ सूरत से बड़ौदा और अहमदाबाद तक एक रेलवे लाइन बनाने के लिए एक समझौता किया।

इस के साथ ही पश्चिमी बंदरगाह में गुजरात में उत्पन्न की जाने वाली कपास की भरपूर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उत्राण (सूरत के उत्तर) से तत्कालीन बॉम्बे तक एक लाइन शुरू करने के लिए एक और अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके अगले वर्ष लाइन पर काम शुरू हुआ और  उत्राण से बॉम्बे में ग्रांट रोड स्टेशन तक की लाइन को आधिकारिक तौर पर 28 नवंबर, 1864 को खोला गया  जिसके द्वारा मुंबई में पश्चिमी लाइन की शुरुआत हुई ।

Porbandar station, WR 71st foundation day

ठाकुर ने बताया कि बॉम्बे शहर तक एवं उस के भीतर  बीबी एंड सीआई की लोकल लाइन की वास्तविक स्थापना की प्रक्रिया और टर्मिनस की पहचान, विशेष रूप से दक्षिण में ग्रांट रोड पर – पहला टर्मिनस, एक जटिल मुद्दा था। हालांकि पश्चिम लाइन की पहली रेल का उद्घाटक रन ग्रांट रोड स्टेशन तक था किंतु यह टर्मिनस उस बड़ी आबादी की पर्याप्त सेवा नहीं कर सकता था जो आगे दक्षिणी भाग – फोर्ट या कोलाबा की छावनी के में या आस पास बसी हुई थी।

इसलिए फोर्ट क्षेत्र के पश्चिमी हिस्से के बाहर और पश्चिमी खाड़ी के साथ बैक-बे तक इस लाइन का विस्तार करने का निर्णय लिया गया। इस स्टेशन को बाद में चर्चगेट कहा गया  क्योंकि यह गढ़वाले शहर के पुराने चर्च के गेट के करीब था – वही द्वार जो सेंट थॉमस चर्च में प्रवेश हेतु था। यह चर्च कालांतर में कैथेड्रल के रूप में जाना जाता है । पश्चिम रेलवे मुंबई शहर के साथ विकसित हई है और मुंबई शहर पश्चिम रेलवे के साथ विकसित हुआ है और इस प्रकार ये दोनों एक दूसरे के विकास के पर्याय बने।

Dwarka station, WR 71st foundation day

अपने वर्तमान स्वरूप में, पश्चिम रेलवे 5 नवंबर, 1951 को अपनी अग्रदूत, तत्कालीन बॉम्बे, बड़ौदा और सेंट्रल इंडिया रेलवे कंपनी (बीबी और सीआई) के अन्य स्टेट रेलवे जैसे सौराष्ट्र, राजपुताना और जयपुर के साथ विलय से अस्तित्व में आयी। पश्चिम रेलवे का वर्तमान क्षेत्राधिकार छह डिवीजनों यानी मुंबई सेंट्रल, वडोदरा, अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर और रतलाम तक फैला हुआ है।

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3 मार्च, 1961 को पश्चिम रेलवे ने शहर में यात्रियों की बढ़ती मांग  के कारण 9-कोच वाली उपनगरीय ट्रेनों की शुरुआत की। 1972 में, पश्चिम रेलवे ने भारतीय रेलवे नेटवर्क की सबसे महत्वपूर्ण और व्यस्ततम लाइनों में से एक पर अपनी प्रतिष्ठित मुंबई – नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की। दुनिया की पहली महिला विशेष ट्रेन, पहली 15- कार उपनगरीय ट्रेन और भारत में पहली पूरी तरह से वातानुकूलित उपनगरीय ट्रेन की शुरुआत से लेकर इसने विभिन्न क्षेत्रों जैसे परिचालन , संरक्षा और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने में कई प्रथम अर्जित करते हुए अपनी यात्रा के दौरान एक के बाद एक मील के पत्थर स्थापित किए हैं 

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1850 के दशक में ब्रिटिश काल में अपने जन्म के बाद से पश्चिम रेलवे ने अपनी लंबी यात्रा में बार-बार अपनी श्रेष्ठता साबित की है। 70 से अधिक वर्षों की अपनी ऐतिहासिक यात्रा में वर्तमान में, पश्चिम रेलवे के अंतर्गत महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में ब्रॉड गेज, मीटर गेज और नैरो गेज खंडों को मिला कर 6542.37 किलोमीटर का एक विस्तृत रेलवे नेटवर्क है।

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