Surat railway station redevelopment work: अत्याधुनिक स्टेशन में बदलेगा सूरत रेलवे स्टेशन, मिलेंगी यह सुविधाएँ…

Surat railway station redevelopment work: गुजरात सरकार के 462 करोड़ रुपये के हिस्से सहित 1475 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है

सूरत, 06 फरवरीः Surat railway station redevelopment work: सूरत देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है। यह आर्थिक गतिविधियों के साथ व्यापार और वाणिज्य का केंद्र है, जहाँ रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिला है। पश्चिम रेलवे देश के विभिन्न भागों के लिए कई ट्रेनें चलाती है, जिससे सूरत के लोगों की मांगों को पूरा किया जा सके।

भारतीय रेल द्वारा देशभर के प्रमुख स्टेशनों को आधुनिक और विश्वस्तरीय स्टेशनों में बदलने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। देशभर में 1275 रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत अपग्रेडेशन और आधुनिकीकरण के लिए चिह्नित किया गया है, जिनमें से 87 स्टेशन गुजरात में हैं। सूरत स्टेशन भी उनमें से एक है, जिसे संवारा जाएगा और जो “नये भारत का नया रेलवे स्टेशन” बनने के लिए तैयार है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सूरत स्टेशन का पुनर्विकास कार्य शुरू हो गया है और यह तेजी से प्रगति पर है। यह कार्य सूरत इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (SITCO) द्वारा किया जा रहा है, जो भारतीय रेलवे और गुजरात सरकार के बीच गठित एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) है।

गुजरात सरकार के 462 करोड़ रुपये के हिस्से सहित 1475 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है। प्रथम चरण में 980 करोड़ रुपये के कार्य होंगे, जिसमें से रेलवे का हिस्सा 683 करोड़ रुपये, जबकि गुजरात सरकार का 297 करोड़ रुपये है। इसे मई, 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।

Surat station 1

इस संबंध में और अधिक जानकारी देते हुए ठाकुर ने बताया कि सूरत स्टेशन को एक मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो रेलवे, जीएसआरटीसी सिटी बस टर्मिनल स्टेशन, मेट्रो आदि को एकीकृत कर निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। सूरत स्टेशन के वास्तुशिल्प परिवेश को विशेष प्रकार से डिजाइन किया गया है जो यह सुनिश्चित करेगा कि पूरा स्टेशन परिसर अंतरराष्ट्रीय स्‍तर के व्यापार केंद्र की तरह दिखे और महसूस हो।

उपयुक्‍त बाहरी स्‍वरूप, फिनिश, रंग, सामग्री, बनावट के माध्यम से एकीकृत थीम इसकी भव्यता में इजाफा करेगी। इस परियोजना के फेज-I के अंतर्गत कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। पूर्व की ओर रेलवे स्टेशन भवन में विद्युत केबल और पाइपलाइन जैसी उपयोगिताओं को स्थानांतरित करने का कार्य प्रगति पर है। इस स्थल पर 164 मीटर लंबा व 87 मीटर चौड़ा भवन बनाया जाएगा, जिसे डेढ़ साल में पूर्ण करने का लक्ष्य है।

जीएसआरटीसी स्थल पर भवन की नींव व नाला बदलाव के लिए खुदाई का कार्य प्रगति पर है। पूर्व की ओर का भवन तैयार हो जाने के बाद पश्चिम की ओर स्थित स्टेशन भवन को ध्वस्त कर दिया जाएगा और पश्चिम की ओर के आवश्यक कार्यालयों और प्रतिष्ठानों को नए पूर्व की ओर स्टेशन भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, यह स्टेशन विभिन्न सुविधाओं के लिए पर्याप्त स्‍थान से भी सुसज्जित है। इस योजना में पृथक आगमन/प्रस्थान यात्री प्लाजा, स्टेशन परिसर में भीड़-भाड़ मुक्त और सुगम प्रवेश/निकास, भूमिगत पार्किंग व्यवस्था आदि शामिल हैं। बैठने के लिए पर्याप्त स्‍थान, प्रतीक्षा क्षेत्र और व्यापक परिसंचरण क्षेत्र के साथ 10900 वर्गमीटर से अधिक का कॉनकोर्स, लाउंज और रिटेल स्‍पेस से युक्‍त होगा और उपयोगकर्ताओं की बेहतर सुविधा एवं अनुभव के लिए MMTH में स्काईवॉक से जुड़ा होगा।

प्लेटफॉर्म पर भीड़भाड़ से बचने के लिए कॉनकोर्स/वेटिंग स्पेस में प्लेटफॉर्म के ऊपर यात्री सुविधाएं भी होंगी। रेलवे स्टेशन 100% दिव्यांग अनुकूल होगा। पूरे स्टेशन परिसर में 41 लिफ्ट और 70 एस्केलेटर लगाए जाएंगे। ऊर्जा, जल और अन्य संसाधनों के कुशल उपयोग, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग आदि के लिए सुविधाओं के साथ स्टेशन भवन प्लेटिनम रेटिंग का हरित भवन होगा। स्टेशन अत्याधुनिक संरक्षा और सुरक्षा तकनीकों से भी लैस होगा जिसमें SCADA और BMS सहित बेहतर स्टेशन प्रबंधन के लिए कुशलता से डिज़ाइन की गई कई विशेषताएं शामिल हैं।

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