Ritambhara poetics: मध्य रेलवे में अधिकारी की “ऋतम्भरा” काव्यशास्त्र की दृष्टि से उत्तम काव्यसंग्रह….
Ritambhara poetics: कवि ने अपनी गहन चेतना में उपजे भावों को अपने अध्ययन और अनुभव की गहराई के साथ प्रस्तुत किया
मुुंबई, 11 सितंबरः Ritambhara poetics: विगत कई वर्षों से हिंदी साहित्य में भारतीय दृष्टि से लिखने वाले कवियों और लेखकों को कम रेखांकित किया गया। यद्यपि उनकी रचनाएं भारतीय जनजीवन और लौकिक परंपराओं को बखूबी प्रस्तुत करती हैं। ये रचनाएं लोकप्रिय भी हुई हैं।
साहित्य अकादमी पुरस्कार से अलंकृत और मध्य रेलवे में अधिकारी शशिधर रामजी त्रिपाठी की नवीनतम रचना “श्रतम्भरा” भारतीयता, मानवमूल्यों और संवेदनाओं को अच्छी तरह प्रस्तुत करने वाली उत्कृष्ट, सारगर्भित और छंदबद्ध कविताओं का संग्रह है। इसमें साहित्य का आदर्श, समाज की चेतना, काव्य की गेयता का उत्तम समन्वय है।
कवि ने अपनी गहन चेतना में उपजे भावों को अपने अध्ययन और अनुभव की गहराई के साथ प्रस्तुत किया है। ये कविताएं लोकजीवन के अनुभव, संस्कृति और समाज की उच्च परंपराओं से निकली हैं। वे जितने अच्छे कहानीकार हैं, उतने ही ऊँचे कवि भी सिद्ध हुए हैं।
48 कविताओं के संग्रह को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के आर्थिक सहयोग से “राधे प्रकाशन”, प्रयागराज से प्रकाशित किया गया है। इसकी प्रस्तावना अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री ऋषि कुमार ने लिखा है। आधुनिक काल के श्रेष्ठ समीक्षक डॉ. श्यामसुंदर पांडेय ने भारतीय काव्यशास्त्र की दृष्टि से इसे उत्तम काव्यसंग्रह कहा है। सजिल्द डिमाई साइज की 112 पृष्ठों की पुस्तक का मूल्य ₹250 है।
इससे पहले मुंबई स्थित रंगशारदा सभागार, बांद्रा में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शशिधर त्रिपाठी सहायक वाणिज्य प्रबंधक (मुख्यालय) मध्य रेलवे को मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार (वर्ष 2020-2021) से उनकी कहानी संग्रह ‘अभिलाषा’ के लिए सम्मानित किया गया।
त्रिपाठी एक सरल व्यक्तित्व के धनी और बेहद मिलनसार प्रखर लेखक हैं। आपकी कई रचनाएं प्रकाशित हुई हैं और शशिधर रामजी त्रिपाठी द्वारा लिखित नवीनतम रचना”श्रतम्भरा” मानवमूल्यों और संवेदनाओं अच्छी तरह प्रस्तुत करने वाली उत्कृष्ट कविताओं का संग्रह है, निश्चित ही पाठकों को इसके पढ़ने से आनंद मिलेगा।
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