Redevelopment of Ahmedabad Railway Station: अहमदाबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास; आधुनिकता और विरासत का अनूठा मिश्रण

Redevelopment of Ahmedabad Railway Station: स्टेशन की वास्तुकला प्रसिद्ध मोढेरा सूर्य मंदिर से प्रेरित है

अहमदाबाद, 16 मार्च: Redevelopment of Ahmedabad Railway Station: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा ईंट की मीनार और झूलता मीनार के संरक्षित स्मारकों को स्टेशन परिसर में सौंदर्यपूर्ण रूप में एकीकृत किया जाएगा जिससे इस विरासत की अहमियत बढ़ेगी

एलिवेटेड सड़क नेटवर्क के द्वारा राष्ट्रीय हाई-स्पीड रेल टर्मिनल (बुलेट ट्रेन), मेट्रो और बस रैपिड ट्रांसपोर्ट (बीआरटी) के साथ निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान की जायेगी

अहमदाबाद भारत में सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक और औद्योगिक केंद्रों में से एक है। पुराने समय में इस शहर को ‘भारत का मैनचेस्टर’ कहा जाता था। जुलाई, 2017 में, अहमदाबाद के ऐतिहासिक शहर या पुराने अहमदाबाद को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत शहर घोषित किया गया था। यह शहर बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और इसलिए वर्तमान समय की जीवंतता को पूरा करने के लिए अहमदाबाद रेलवे स्टेशन की पुरानी संरचना को भव्‍य रूप में पुनर्निर्मित करने की आवश्यकता है।

भारतीय रेल देश भर के प्रमुख स्टेशनों को आधुनिक और विश्व स्तरीय स्टेशनों में बदलने का कार्य तेजी से कर रही है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत अपग्रेडेशन और आधुनिकीकरण के लिए देश भर में 1275 रेलवे स्टेशनों की पहचान की गई है, जिनमें से 87 स्टेशन गुजरात में हैं। नवीनतम इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और सुविधाओं के साथ अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के परिवर्तन से नई नौकरियों के सृजन के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में भी वृद्धि होगी।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अहमदाबाद स्टेशन का पुनर्विकास कार्य शुरू कर दिया गया है और परियोजना के निष्पादन के लिए इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) निविदा आमंत्रित की गई, जिसे 13 मार्च, 2023 को खोला गया है। पुनर्विकास कार्य 36 माह में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना में मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच), मल्टी लेवल कार पार्किंग (एमएलसीपी), स्काईवॉक, लैंडस्केप प्लाज़ा आदि के रूप में विश्व स्तरीय इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रदान करके स्टेशन पर विरासत स्मारकों और नए सिटी सेंटर के एकीकरण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की परिकल्पना की गई है।

इस संबंध में और अधिक जानकारी देते हुए ठाकुर ने बताया कि इस स्टेशन भवन की वास्तुकला मोढेरा सूर्य मंदिर से प्रेरित है। कालूपुर की तरफ एमएमटीएच बिल्डिंग का टावर अहमदाबाद शहर के लिए एक नया लैंडमार्क बनेगा। इसके अलावा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा ईंट मीनार और झूलता मीनार के संरक्षित स्मारकों को स्टेशन परिसर में सौंदर्यपूर्ण रूप में एकीकृत किया जाएगा जिससे इसके विरासत की अहमियत बढ़ेगी। इस स्टेशन के डिजाइन में बनाई गई योजना के अंतर्गत एक नई अवधारणा अडालज स्‍टेपवेल द्वारा प्रेरित एक ओपन स्‍पेस एम्फीथिएटर है। यह न केवल स्टेशन के स्थापत्य मूल्य को बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के लिए मनोरंजक स्थल भी प्रदान करेगा।

ठाकुर ने आगे बताया कि यह पुनर्विकास शहर के दोनों किनारों को एकीकृत करेगा। रेलवे ट्रैक के ऊपर 15 एकड़ का कॉनकोर्स प्लाजा और 7 एकड़ का मेजेनाइन प्लाजा बनाने की योजना है। इस कॉन्कोर्स में यात्रियों के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र होगा जहाँ शौचालय, पीने के पानी, फूड कोर्ट, खुदरा दुकानों, कियोस्क, बेबी फीडिंग रूम आदि जैसी सुविधाएँ होंगी। एक एलिवेटेड रोड नेटवर्क स्टेशन की भीड़-भाड़ को कम करेगा और नेशनल हाई स्पीड रेल टर्मिनल (बुलेट ट्रेन), मेट्रो एवं बस रैपिड ट्रांसपोर्ट (बीआरटी) के साथ रेलवे के मल्टीमोडल एकीकरण की सुविधा प्रदान करेगा। यह यात्रियों और शहरवासियों को बेहतर अनुभव और गतिशीलता प्रदान करेगा।

यह भी पढ़ें:Change in train timings: पश्चिम रेलवे द्वारा ट्रेनों के समय में परिवर्तन करने का निर्णय

इस योजना के अंतर्गत अलग-अलग आगमन/प्रस्थान यात्री प्लाजा, स्टेशन परिसरों में भीड़-भाड़ मुक्त और सुगम प्रवेश/निकास, भूमिगत पार्किंग व्यवस्था आदि शामिल हैं। यह रेलवे स्टेशन दिव्यांग अनुकूल होगा। पूरे स्टेशन परिसर में लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जाएंगे। ऊर्जा, जल और अन्य संसाधनों के कुशल उपयोग, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग आदि के लिए सुविधाओं के साथ यह स्टेशन भवन हरित भवन होगा। यह स्टेशन कुशलता से डिजाइन की गई बेहतर स्टेशन प्रबंधन के लिए सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक संरक्षा और सुरक्षा तकनीक से भी सुसज्जित होगा। बेहतर हैंडलिंग के लिए स्वचालित प्रणाली के साथ पार्सल डिपो की योजना बनाई गई है।

Hindi banner 02