Teachers day: गुरु बिन जीवन है निर्रथक: प्रिया सिंह
!!गुरु बिन जीवन है निर्रथक!!(Teachers day)
Teachers day: जब जब मन विचलित हुआ
मार्ग आपने प्रशस्त किया
मैं अबोध अज्ञान से भरा
मुझे ज्ञान का प्रकाश दिया।
गुरु चाणक्य न होते तो
शिष्य चन्द्रगुप्त भी सम्राट न होते
बिन गुरु द्रोणचार्य के
अर्जुन जैसे धनुर्धर पार्थ न होते
गुरु को दिल से न ध्यान भरा होता तो
एकलव्य जैसे आज शिष्य न होते
आज कबीर के दोहों में भी
गुरु को गोबिंद का स्थान दिया।
मैं तो बस एक कोरा कागज़
ज्ञान भरी सियाही से पुस्तक का निर्माण किया
इम्तिहान से लेकर जीवन तक का
हर छोटे-बड़े पाठ को पढ़ाया
मैं तो कच्ची गगरी माटी का
कुम्हार आप है गुरुवर।
मुसीबतों से लड़ना सिखाकर
हमारी हौसलों को बुलंद किया
सत्य- प्रेम का मार्ग दिखलाकर
जीवन का मूल अर्थ बतलाया
गुरु बिन जीवन है निर्रथक
संकट समय बस यही ध्यान आया
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