Akhir kya hai vah: अख़िर क्या है वह
Akhir kya hai vah: अख़िर क्या है वह, जो हमें सताता है,
जिसकी खोज में हमें दिन रात चलता है।
क्या वह एक सपना है, जो हमें भटकाता है,
या फिर वह हकीकत है, जो हमें नया दिखाता है।
हर कदम पर उसकी दिशा, हमें अज्ञात लगती है,
सच्चाई के पर्दे में वह अद्भुत छवि बनती है।
कुछ कहने की चाह, कुछ समझने की है इच्छा,
वह गहराईयों में छिपा, जो हमें बुलाता है।
सब सवालों का जवाब, एक कोने में छिपा है,
वह अज्ञात दरिया, जिसके तट पर हर कोई अटल है।
अख़िर क्या है वह, यह जानना हमारा मकसद है,
उस सच की खोज में, हमारा मन लगाता है।
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