पश्चिम रेलवे पर ग़ैर-किराया राजस्व कोटि के दो अनुबंधों से उल्लेखनीय राजस्व का सृजन

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अहमदाबाद, 31 अक्टूबर: देशभर में कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण रेलवे द्वारा इस महामारी के नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन की शुरुआत में यात्री सेवाओं को विराम दिया गया था। समय बीतने के साथ ही यात्रियों के लिए रेल सेवाऍं चरणबद्ध तरीके से पुनः शुरू की गईं। यद्यपि माल सेवाऍं बेहतर ढंग से कार्य कर रही हैं और देश के कोने- कोने तक चिकित्सा मदों की आपूर्ति के साथ-साथ आवश्यक वस्तुओं के परिवहन हेतु विशेष ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं, मगर लॉकडाउन की वजह से जब लोडिंग और अनलोडिंग के लिए मज़दूरों की कमी हो गई थी और ट्रांसपोर्ट सम्बंधी प्रतिबंध भी लागू थे, ऐसे समय में भी पश्चिम रेलवे कभी थमी नहीं, अपितु देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को क़ायम रखते हुए सर्वोत्कृष्ट कार्य निष्पादन किया। इसी क्रम में, पश्चिम रेलवे द्वारा गैर किराया राजस्व (एन एफ आर) कोटि के अंतर्गत राजस्व अर्जित करने के अन्य स्त्रोतों को वरीयता दी गई है। उल्लेखनीय है कि दो नये एनएफआर अनुबंधों से पश्चिम रेलवे द्वारा लगभग 6 करोड़ रु. के राजस्व का अर्जन किया गया है।       

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय रेल की परिसम्पत्तियों का मुद्रीकरण करने तथा राजस्व अर्जन की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा ग़ैर-किराया राजस्व में बढ़ोतरी के नये विचारों और संकल्पनाओं को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया था। इसी क्रम में, पश्चिम रेलवे द्वारा गैर किराया राजस्व के अंतर्गत प्राप्त नई संकल्पनाओं का पता लगाया जा रहा है और उन्हें कार्यान्वित भी किया जा रहा है। इसी विचार को दृष्टि में रखते हुए यात्रियों के यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने हेतु मुंबई सेंट्रल स्टेशन (एम एम सी टी) के वातानुकूलित प्रतीक्षालय को आधुनिकतम सुख-सुविधाओं सहित अपग्रेड किया जा रहा है, जिसे हाल ही में ग़ैर किराया राजस्व के नये स्रोत के अंतर्गत सुनिश्चित किया गया है। पश्चिम रेलवे द्वारा गैर किराया राजस्व (एन एफ आर) प्रणाली के अंतर्गत मुंबई सेंट्रल स्टेशन के एसी प्रतीक्षालय के आधुनिकतम सुख-सुविधाओं सहित विकास, अपग्रेडेशन, साज-सज्जा, अनुरक्षण और निगरानी के लिए 5 वर्षों की अवधि का ठेका दिया गया है। इस पहल से प्रतिवर्ष 18,89,240/- रु. का राजस्व प्राप्त होगा, जिसके अनुरूप 5 वर्षों की अवधि के दौरान लगभग एक करोड़ रु. का राजस्व हासिल होगा। यह अनुबंध यात्रियों को मुफ्त वाईफाई, समाचार पत्रों / पत्रिकाओं के साथ बैठने की आरामदायक और सुखदायक सुविधा प्रदान करेगा।

इनके अलावा प्रतीक्षा समय के दौरान यात्री भुगतान के आधार पर विभिन्न अन्य सुविधाओं और सेवाओं का लाभ भी उठा सकते हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि इस अनुबंध से प्रतीक्षालय को विकसित करने में लगने वाली 62 लाख रु. से अधिक की अनुमानित निर्माण लागत की बचत भी होगी। अतः इस योजना से रेलवे को राजस्व अर्जित करने और लागत बचाने के साथ-साथ यात्री सुविधाओं में भी वृद्धि करने में भी सफलता मिलेगी। श्री ठाकुर ने बताया कि गैर किराया राजस्व (एन एफ आर) के अधीन 5 वर्षों की अवधि के लिए पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर दोहरी प्रदर्शन सूचना प्रणाली (डीडीआईएस) स्क्रीन और स्वचालित टिकट जाॅंच और पहुॅंच (ए टी एम ए) स्क्रीन की स्थापना का एक अन्य ठेका भी सुनिश्चित किया गया है। इस पहल से प्रति वर्ष 95,11,111 रु. का राजस्व प्राप्त होगा और 5 वर्षों के ठेके की अवधि के दौरान लगभग 5 करोड़ रु. का राजस्व हासिल होगा। यह डी डी आई एस स्क्रीन यात्रियों को विभिन्न उपयोगी जानकारी प्रदान करेगी, जिसमें किराया, टिकट सम्बंधी अन्य जानकारी के साथ-साथ सामाजिक संदेश जैसे विज्ञापन सहित कोरोना सम्बंधी जानकारी भी शामिल है।

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इस प्रकार ये स्क्रीन रेलवे और यात्रियों के बीच सूचना पुलों के रूप में कार्य करेगी। ये डिजिटल डिस्प्ले स्क्रीन सभी बुकिंग खिड़कियों को आधुनिक स्वरूप भी प्रदान करेंगे, जो यात्रियों और रेलवे के बीच परस्पर सम्पर्क का प्रथम माध्यम हैं। ATMA स्क्रीन पर मौजूदा कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर सम्पर्क रहित टिकट स्कैनिंग के अलावा तापमान की जाँच और मास्क पहचान की विशिष्ट सुविधाओं का भी प्रावधान रखा गया है।       

श्री ठाकुर ने बताया कि पोरबंदर – शालीमार पार्सल विशेष ट्रेन 9 अप्रैल, 2020 से चलाई जा रही है। अब तक इस पार्सल विशेष ट्रेन की 87 फेरियाॅं पोरबंदर स्टेशन से चलाई जा चुकी हैं, जिनसे भावनगर मंडल को 1.93 करोड़ रु. के राजस्व की प्राप्ति हुई है। इन पार्सलों में मछली, मछली पकड़ने के जाल (पीवीसी नेट), पापड़, रसोई की मदें, हार्डवेयर, सैनिटाइज़र्स आदि जैसी चिकित्सा मदों के अलावा अनुमेय प्लास्टिक उत्पाद तथा अन्य सामान मदों का लदान किया गया है। पोरबंदर स्टेशन से पश्चिम बंगाल के लिए 27 अक्टूबर, 2020 को सबसे अधिक मात्रा में फिश शिपमेंट किया गया। भावनगर मंडल द्वारा पोरबंदर से छूटने वाली पोरबंदर – शालीमार पार्सल विशेष ट्रेन में 1887 पैकेजों का लदान करके “एक दिन का सर्वाधिक लदान” दर्ज़ किया गया। 128 टन वजन के इस लदान के ज़रिये उत्पन्न राजस्व 7.24 लाख रु. रहा। उल्लेखनीय है कि 22 मार्च, 2020 से 29 अक्टूबर, 2020 तक पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के 19,809 रेकों का लदान करने का सराहनीय कार्य किया गया है। उत्तर – पूर्वी क्षेत्र सहित देश के विभिन्न राज्यों को भेजे गये 42.47 मिलियन टन के लदान के अंतर्गत विभिन्न आवश्यक वस्तुऍं शामिल थीं।

इनके अतिरिक्त, देश के उत्तरी एवं उत्तर – पूर्वी क्षेत्रों के लिए मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगनों में दवाइयों, मेडिकल किट, फ्रोजन फूड, मिल्क पाउडर और लिक्विड मिल्क का लदान किया गया। कुल 38,684 मालगाड़ियों को अन्य रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंट्स पर 19,180 ट्रेनों को हैंड ओवर किया गया और 19,286 ट्रेनों को टेकओवर किया गया। उपर्युक्त माल यातायात के अलावा, 23 मार्च से 29 अक्टूबर, 2020 तक पश्चिम रेलवे द्वारा लगभग 1.62 लाख टन वस्तुओं का परिवहन इसकी 641 पार्सल विशेष ट्रेनों द्वारा किया गया, जिनमें मुख्यतः कृषि उत्पाद, दवाइयाॅं, मछली, दूध आदि शामिल थे। इस परिवहन के ज़रिये लगभग 54.78 करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त हुआ। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा शत-प्रतिशत वैगन उपयोगिता एवं 84 हजार टन से अधिक लदान सहित 111 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इसी प्रकार लगभग 52 हजार टन के लदान सहित 472 कोविड-19 स्पेशल पार्सल ट्रेनें विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन हेतु चलाई गईं। इनके अतिरिक्त, 25 हजार से अधिक लदान का वहन करने वाले 58 इंडेंटेड रेकों को भी लगभग शत-प्रतिशत उपयोगिता के साथ चलाया गया। लॉकडाउन अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में समय सारणी आधारित विभिन्न पार्सल विशेष ट्रेनों को चलाने का कार्य पश्चिम रेलवे द्वारा लगातार किया जा रहा है।

इसी क्रम में 30 अक्टूबर, 2020 को पश्चिम रेलवे की तीन पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें एक बांद्रा टर्मिनस से जम्मू तवी के लिए और दूसरी इंडेंटेड ट्रेन के रूप में कॉंकरिया से कटक के लिए चली। एक मिल्क स्पेशल ट्रेन पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए परिचालित की गई।लॉकडाउन के कारण यात्री राजस्व का नुक़सान   लॉकडाउन के कारण यात्री ट्रेनें बंद रहने से पश्चिम रेलवे पर उपनगरीय और गैर-उपनगरीय खंडों सहित राजस्व का कुल नुकसान 3115 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें 482 करोड़ रु. उपनगरीय खंड पर और 2633 करोड़ रु. गैर उपनगरीय खंड का नुक़सान शामिल है।इसके बावजूद, 1 मार्च से 29 अक्टूबर,2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के कारण, पश्चिम रेलवे ने 461 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है।

उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 227 करोड़ रुपये का रिफंड भुगतान सुनिश्चित किया है। अब तक, 72.41 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार उनकी किराया वापसी राशि प्राप्त की है।