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Educational Tour Program: वसंत महिला महाविद्यालय के संगीत विभाग द्वारा आयोजित हुआ शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम

Educational Tour Program: कॉलेज की संगीत गायन एवं वाद्य विभाग की छात्राओं ने गंगा वरुणा संगमेश्वर स्थित आदि केशव मन्दिर तक की पदयात्रा और मन्दिर प्रांगण मे हुई संगीतिक प्रस्तुतियां

  • पुराणों के अनुसार आदि केशव घाट से मणिकर्णिका घाट तक विष्णु की काशी और मणिकर्णिका घाट से असि घाट तक है शिव की काशी
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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 30 जुलाई:
Educational Tour Program: वसंत महिला महाविद्यालय राजघाट के संगीत गायन एवं वाद्य विभाग के द्वारा शैक्षणिक भ्रमण एवं संगीतिक प्रस्तुतियों का कार्यक्रम आयोजित की गई. इस अवसर पर संगीत विभाग की समस्त छात्राओं ने कॉलेज परिसर से लेकर वरुणा एवं गंगा संगम स्थित आदि केशव मंदिर तक पदयात्रा भ्रमण किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर अलका सिंह मौजूद थी। कार्यक्रम की शुभारम्भ प्राचार्या प्रोफेसर सिंह के उद्बोधन से हुआ. उन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अपने आशीर्वचन दिए एवं संगीत विभाग की सभी छात्रों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी. आपने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे संगीतिक कार्यक्रम निरंतर होते रहने चाहिए. ताकि संगीत की छात्राओं का चतुर्मुखी विकास हो सके।

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इस अवसर पर मंदिर के महंत पंडित विनय त्रिपाठी ने उपस्थित छात्राओं को श्री आदि केशव मंदिर की स्थापना इतिहास के बारे में एवं वेदों में इसकी प्रमाणिकता का उल्लेख किया. आपने बताया कि, किस प्रकार भगवान विष्णु ने अपने आप को यहां मूर्ति रूप में स्थापित किया एवं “विष्णु की काशी” जो की आदि केशव मंदिर से मणिकर्णिका तक तथा “शिव की काशी” जो मणिकर्णिका से असि (अस्सी) तक है , दोनों के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया |

इसके बाद सभी छात्राओं ने पूरे मंदिर का भ्रमण किया और उन्होंने यह भी जाना किया यह स्थान सूर्य भगवान की उपासना का भी क्षेत्र रहा है . इस मंदिर परिसर में स्कंद पुराण में वर्णित काशी खंड के अंतर्गत 56 विनायकों का जो वर्णन है उसमें से कुछ विनायक यहां पर भी स्थित है उनका भी सभी छात्राओं ने दर्शन एवं पूजन किया. मंदिर परिसर में ही स्थित संगमेश्वर महादेव का भी छात्राओं ने दर्शन किया.

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कार्यक्रम के पश्चात संगीतिक प्रस्तुतियां प्रारंभ हुई, जिनमें प्रथम प्रस्तुति के अन्तर्गत कुमारी वंदना चौबे ने राग अहीर भैरव की अवधारणा सितार पर की तथा इसके पश्चात कुमारी श्रुति पांडे ने राग भूपाली एवं मांझ खमाज में अभंग की सुंदर प्रस्तुतिया की. छात्राओं की प्रस्तुति के बाद महाविद्यालय के संगीत वाद्य विभाग प्रमुख प्रोफेसर संजय कुमार वर्मा ने राग भीमपलासी में मसीतखानी एवं रजाखानी गत सितार पर प्रस्तुत किया. संगीत गायन विभाग प्रमुख हनुमान प्रसाद गुप्ता ने राग कल्याण में विष्णु भगवान के पद गाए तथा अंत में भैरवी में निबंध “रामचरण सुख सुखदाई” की भावपूर्ण प्रस्तुति दी.

इस अवसर पर महाविद्यालय के हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर मीनू अवस्थी एवं मंदिर में आए विभिन्न राज्यों के आगंतुकों ने भी इस कार्यक्रम का आनंद लिया.

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