उत्तराखंड (Uttarakhand)में ग्लेशियर टूटने के बाद, जानिए वर्तमान हालात के 10 मुद्दे

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Uttarakhand: अभी तक कुल 18 लोगों की मौत हुई है। वहीं 170 लोग लापता है।

अहमदाबाद, 09 फरवरी: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद पैदा हुए हालात को नियंत्रित करने में प्रशासन सफल रहा है। हालांकि अभी तक सैकड़ों लोगों के शव बरामद नहीं हुए है। कहा जा रहा है कि इस घटना में अभी तक कुल 18 लोगों की मौत हुई है। वहीं 170 लोग लापता है।

इस प्राकृतिक आपदा के कारण पाँच पुल टूट गये है और अनेक गाँवों से संपर्क टूट गया है। ऋषिगंगा नामक प्रोजेक्ट संपूर्ण रूप से तबाह हो गया है। वहीं एनटीपीसी का पावर प्रोजेक्ट को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। यह एनटीपीसी का ड्रीम प्रोजेक्ट था। उत्तराखंड (Uttarakhand) में आयी इस आपदा के कारण चार धाम यात्रा पर जा रहे यात्रियों पर कोई असर नहीं पड़ा है। अनेक लोग मार्ग में फंसे हुए है। परंतु वे सुरक्षित है।

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रेस्क्यू ऑपरेशन में इंडो तिबेटियन बॉर्डर फोर्स एसडीआरएफ और एनडीआरडी के जवान काम कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand) ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रूपये मुआवजा देने की घोषणा की है। इस घटना में फंसे लोगों को बचाने का कार्य जारी है। नंदादेवी ग्लेशियर का एक भाग टूटने के कारण ऋषिगंगा घाटी में जल स्तर बढ़ गया था। जिसके कारण अलक नंदानदी में बाढ़ आ गई थी। वर्तमान समय में मौसम स्वच्छ है और 300 से अधिक जवान टनल में जाकर बचाव कार्य कर रहे हैं।

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