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आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत,1 करोड़ युवा स्वयंसेवकों को शामिल करने वाले संकल्प की प्राप्ति

युवा मामलों और खेल मंत्रालय ने यूनिसेफ के साथ आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत,1 करोड़ युवा स्वयंसेवकों को शामिल करने वाले संकल्प की प्राप्ति के लिए साझेदारी की

श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इन चुनौतीपूर्ण समय में यह साझेदारी बहुत ही तर्कसंगत है

20 JUL 2020 by PIB Delhi

प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान में योगदान देने के लिए और केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री, श्री किरण रिजिजू के भारत में 1 करोड़ युवा स्वयंसेवकों को लामबंद करने वाले दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा भारत के युवाओं में स्वैच्छिकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें शिक्षा और उत्पादन के लिए ज्ञान प्राप्ति में सहायता प्रदान करने के लिए, साझेदारी के साथ कार्य करने के लिए, कौशल के साथ सक्रिय नागरिक बनने के लिए, युवा (यूनिसेफ द्वारा गठित एक बहु-हितधारक मंच) के लिए एक वक्तव्य पर हस्ताक्षर किया गया है। इस साझेदारी का शुभारंभ, सचिव, युवा मामले, श्रीमती उषा शर्मा और भारत में यूनिसेफ के प्रतिनिधि, डॉ. यास्मीन अली हक के द्वारा,  केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री, श्री किरेन रिजिजू की उपस्थिति में किया गया।

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इस महत्वपूर्ण साझेदारी पर बात करते हुए, श्री किरेन रिजीजू ने कहा, “यह साझेदारी इस चुनौतीपूर्ण समय के लिए बहुत उपयुक्त है। मुझे विश्वास है कि यह हमारी मौजूदा नीतियों पर मजबूत रूप से ध्यान केंद्रित करेगा। प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है और आत्मनिर्भर भारत के लिए एक स्पष्ट आह्वान किया है, जिसके साथ भारत के युवाओं को आगे बढ़ना पड़ेगा। भारत एक विशाल युवा जनसंख्या वाला देश है, जहां पर किसी भी क्षेत्र में युवाओं के योगदान से न केवल भारत में बल्कि वैश्विक मंच पर भी बहुत बड़ा बदलाव किया सकता है।”

किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि, “भारत सरकार युवाओं की सोच और विचारों को सुनने और जानने के लिए प्रतिबद्ध है। सोचने के ये नए तरीके हैं जिनके लिए हमें भारत की विविध मौजूदा और आगामी चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता है। इस ओर, एमवाईएएस युवाओं के बीच एक प्रभावी पुल साबित हो सकता है, जिसमें युवा और सरकारी मशीनरी जैसे साझेदार शामिल हैं।”

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यह साझेदारी भारत के युवाओं मे शिक्षा, कौशल और बेरोजगारी की चुनौतियों से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर समाधानों का सह-निर्माण करने और इसे लागू करने के लिए, युवाओं के साथ मिलकर काम करने के लिए मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र दोनों के प्रयासों का लाभ उठाएगी। इसमें, उद्यमिता में लगे हुए युवा लोगों को समर्थन प्रदान करना, युवा लोगों को के बीच कौशल का विकास करना, आकांक्षी सामाजिक-आर्थिक अवसरों के साथ संबंध स्थापित करना, युवा लोगों के बीच बदलाव लाना और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देना, युवाओं को मार्गदर्शन के लिए सहायता प्रदान करना, प्रत्यक्ष संवाद का समर्थन प्रदान करना और युवाओं और नीति बनाने वाले हितधारकों के बीच फीडबैक तंत्र की स्थापना करना, सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एनएसएस और एनवाईकेएस और कैडर फोर्स के बीच क्षमता का निर्माण करने पर सहयोग प्राप्ति करना शामिल होगा।

साझेदारी के संदर्भ में बात करते हुए, युवा मामलों की सचिव, श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि, “हम युवा मामलों और खेल मंत्रालय में ‘युवा’ को एक ऐसे अनूठे अवसर के रूप में देखते हैं जो युवाओं के द्वारा, युवाओं के माध्यम से और युवाओं के लिए महत्वाकांक्षाओं और सपनों को साकार करने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है। यह साझेदारी, हमारे एनवाईकेएस, एनएसएस स्वयंसेवकों को एक विशिष्ट मंच प्रदान करने का आश्वासन प्रदान करती है, यहां तक कि उन्हें वैश्विक विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने का अवसर भी मिलता है।”

भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि और संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर, डॉ यास्मीन अली हक ने कहा कि, युवा मामलों और खेल मंत्रालय, जो युवाओं के लिए एक प्रमुख हितधारक संस्था हैं,  कई दशकों तक युवाओं के विकास और भागीदारी का नेतृत्व किया है। भारत में, युवा मामलों और खेल मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों के साथ, इस साझेदारी के माध्यम से, ‘युवा’ इस देश के युवाओं को अपने एजेंडे के निर्माण, नेतृत्व और विकास करने के लिए समर्थन प्रदान करेगा। आज यह विशेष रूप से प्रासंगिक है क्योंकि हमें युवाओं को तीव्र गति से बदलते हुए दुनिया के लिए तैयार करने की आवश्यकता है, जिससे उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जा सके और उन मुद्दों/ मामलों पर उनके विचारों को बढ़ावा दिया जा सके जो कि उनके जीवन के प्रति उन्हें चिंता करने और कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करते हैं।”

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