पश्चिम रेलवे ने दिसम्बर, 2020 में 8.05 मिलियन टन के उल्लेखनीय लदान के साथ 22% की शानदार बढ़ोतरी दर्ज की
पश्चिम रेलवेने दिसम्बर, 2020 में 8.05 मिलियन टन के उल्लेखनीय लदान के साथ पिछले वर्ष की आलोच्य अवधि के मुकाबले दर्ज की 22% की शानदार बढ़ोतरी
अहमदाबाद, 07 जनवरी: पश्चिम रेलवे माल लदान और राजस्व के क्षेत्र में निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर रही है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल द्वारा विभिन्न स्तरों पर की जा रही निरन्तर मॉनिटरिंग के फलस्वरूप ही लदान में उल्लेखनीय वृद्धि संभव हो पाई है। श्री कंसल ने नए माल यातायात को आकर्षित करने के लिए मालभाड़ा-प्रोत्साहन योजनाओं के उचित कार्यान्वयन एवं बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटों के गठन की प्रभावशाली पहल में व्यक्तिगत रुचि ली है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे ने माह दिसम्बर, 2020 के दौरान कुल 8.05 मिलियन टन का लदान किया। पिछले वर्ष दिसम्बर माह में किए गए कुल 6.61 मिलियन लदान की तुलना में वर्ष 2020 के दिसम्बर माह में लगभग 22 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह बड़े ही गर्व का विषय है कि पश्चिम रेलवे ने लदान में 12.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ही रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित 7.17 मिलियन टन के लदान लक्ष्य को भी पीछे छोड़ दिया है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न विभिन्न अड़चनों एवं मुश्किल चुनौतियों के बावजूद यह वृद्धि हासिल की गई है। पश्चिम रेलवे द्वारा माल-लदान के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रयास एवं भारतीय रेल के लदान में अधिक से अधिक योगदान करने हेतु हरसंभव समस्त बाधाओं को पार किया गया है। माह दिसम्बर,2020 में पश्चिम रेलवे द्वारा किए गए 8.05 मिलियन टन के लदान में 2.13 एमटी कंटेनर,1.79 एमटी उर्वरक,1.23 एमटी सीमेंट, 0.87 एमटी पीओएल, 0.75 एमटी कोयला,0.17 एमटी आयरन एवं स्टील,0.10 एमटी खाद्यान्न तथा 1.01 एमटी अन्य पदार्थ शामिल थे। पिछले वर्ष की इसी अवधि में किए गए खाद्यान्न लदान की तुलना में शत-प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जबकि आयरस व स्टील के लदान में 89 प्रतिशत की वृद्धि हुई। माल की ढुलाई से प्राप्त राजस्व 1025.07 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त 781.12 करोड़ की तुलना में 243.95 करोड़ अधिक रहा और 31.23 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
श्री ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च से 4 जनवरी, 2021 तक, 2.19 लाख टन से अधिक वजनवाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 798 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से परिवहन किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाएं, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न राजस्व, लगभग 75.55 करोड़ रु. रहा है। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा वैगनों की 100% उपयोगिता के साथ 146 दूध विशेष ट्रेनों को लगभग 1.08 लाख टन के लदान के साथ चलाई गई। इसी तरह, विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन लिए 66 हजार टन से अधिक लोड के साथ 553 कोविड-19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं। इसके अतिरिक्त, 100% उपयोगिता के साथ लगभग 39 हजार टन के 87 इंडेटेड रेक भी चलाए गए। 12 किसान रेल ट्रेनें 3200 टन लोड के साथ चलाई गई। 22 मार्च, 2020 से 4 जनवरी,2021 तक की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 59.40 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए कुल 26,954 मालगाडियों का उपयोग किया गया है। 54,913 मालगाडियों को अन्य ज़ोनल रेलवे के साथ इंटरचेंज किया गया है, जिसमें 27,424 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 27,489 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पाइंटों पर लिया गया। 5 जनवरी, 2021 को बांद्रा टर्मिनस से जम्मू तवी तक के लिए एक पार्सल विशेष ट्रेन रवाना हुई।
लॉकडाउन के कारण यात्री राजस्व का नुकसान
कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर राजस्व का कुल नुकसान लगभग 3702 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय सेक्शन के लिए 596 करोड रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 3106 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 4 जनवरी, 2021 तक टिकट रद्द करने के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 564.81 करोड रुपये धनवापसी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में केवल मुंबई मंडल ने 278 करोड़ रुपये से अधिक राशि की धनवापसी सुनिश्चित की है। अब तक पूरी पश्चिम रेलवे में लगभग 88.47 लाख यात्रियों ने टिकट रद्द कर दिए हैं और तद्नुसार उन्हें वापसी की राशि प्राप्त हुई है।
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