VC Professor Sudhir Kumar Jain

VC Professor Sudhir Kumar Jain: बी एच यू के कुलपति का वसंत महिला महाविद्यालय मे आगमन

कुलपति प्रोफ़ेसर सुधीर कुमार जैन (VC Professor Sudhir Kumar Jain)ने छात्राओं को दिये सफलता का मंत्र

  • प्राचार्या प्रोफ़ेसर अलका सिंह ने कुलपति को अंगवस्त्रम और पौधा प्रदान कर किया सम्मानित

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 20 दिसंबर:
VC Professor Sudhir Kumar Jain: वसंत महिला महाविद्यालय, राजघाट फोर्ट के सुरम्य प्रांगण में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन का आगमन हुआ। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफ़ेसर अलका सिंह ने कुलपति का प्रांगण में स्वागत किया।
इस अवसर पर संगीत विभाग द्वारा जिद्दू कृष्णमूर्ति के प्रथम काशी आगमन पे स्वागत “भयों प्रभात” गीत की प्रस्तुति की गई। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. अलका सिंह ने अंगवस्त्रम् व पौधा प्रदान कर कुलपति को सम्मानित किया. इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से भी पुराने कॉलेज में उपस्थित होने का अवसर मिला हैं। वर्तमान प्राचार्या के नेतृत्व मे कॉलेज मे की गई बेहतरीन सौंदर्यीकरण और मन मोहक हरित वातावरण की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि, बी एच यू से सम्बद्ध यह पहला कॉलेज है जहां आज मैं आया.
कुलपति प्रोफ़ेसर जैन ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि, मेरा मक़सद आप लोगों से संवाद करके ख़ुद को और बेहतर करना है. उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन से लेकर आई.आई.टी. कानपुर में अध्यापन एवम् बी. एच. यू के कुलपति होने तक का सफ़रनामा छात्राओं के साथ साझा किया. उन्होंने छात्राओं के साथ वार्तालाप किया, छात्राओं से उन्होंने पूछा कि इस परिसर में आपको कैसा अनुभव होता है …आप यहाँ पे क्यों आए और आप क्या चाहते हैं.

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छात्राओं ने अपने विचार कुलपति के समक्ष प्रस्तुत किया. छात्राओं ने उनसे करियर , मूल्य एवं नैतिकता, नेतृत्व इत्यादि से संबंधित विभिन्न प्रश्न पूछे। शिक्षा को मानवता के लिए कैसे उपयोगी बनाया जाए? इस प्रश्न के उत्तर में कुलपति ने कहा कि अपने से निर्णय लेना सीखो. अपनी गलतियों के लिए स्वयं को बार-बार दोषी ना ठहराओ। अपनी गलतियों से सीख लो और आगे निकल जाओ. विद्यार्थियों ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय का ग्रंथालय और चिकित्सा व्यवस्था महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए भी उपलब्ध हो तो उत्तम होगा । इस अवसर पर विष्णुप्रिया, श्रेया श्री, आकांक्षा,भावना तिवारी, अनुकृति, अदिति यादव, आर्या सिंह इत्यादि छात्राओं ने अपने मन की बात साझा की. कामाक्षी पांडे ने पूछा कि जीवन में आलोचना एवं चुनौतियों का किस तरह से प्रबंधन करना चाहिए… इस सवाल के जवाब मे कुलपति ने कहा कि अपनी प्राथमिकताओं पर दृढ़ रहना चाहिए. कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें हर तीन महीने पर स्वयं की आकलन करते रहना चाहिए कि हमारे अंदर क्या सुधार हुआ.. हमें अपनी गलतियों से सीखते रहना चाहिए. छोटे छोटे निर्णयों से ही जीवन में बड़े निर्णय लेना सीखना होता है.
उन्होंने कहा कि आप सबको ट्रेंडसेटर बनना होगा. अपनी समस्याओं को अनदेखा न करें. अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझाने का प्रयास करें। जीवन में मूल्य एवं नैतिकता को अपनाते हुए जीवन पर्यंत हमें सीखते रहना चाहिए. समाज के लिए अच्छा कार्य करते रहना चाहिए. यहाँ उपस्थित छात्राओं एवं युवा शिक्षकों के ऊपर ज़िम्मेदारी है कि वह नए रास्ते बनाए और देश को इक्कीसवीं शताब्दी में आगे ले जाए जिससे देश और समृद्ध बने.
इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के प्रमुख प्रो. पी. कृष्णा, प्रोफ़ेसर रंजना सेठ, प्रोफ़ेसर सुजाता साहा, प्रोफ़ेसर संजीव कुमार, प्रोफ़ेसर बन्दना झा सहित समस्त शिक्षकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का सुन्दर संचालन अनुकृति एवं श्रेया ने किया. अंत मे धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य प्रोफ़ेसर अलका सिंह ने दिया.

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