Vasanta college for women workshop: वसंता कॉलेज फॉर वीमेन में गुणात्मक अनुसन्धान पर कार्यशाला का आयोजन
Vasanta college for women workshop: महात्मा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के प्रोफेसर चंद्रशेखर पाण्डेय ने गुणात्मक अनुसन्धान के दर्शन पर दिया विशिष्ट व्याख्यान
रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 01 फरवरी: Vasanta college for women workshop: वसंता कॉलेज फॉर वीमेन के तत्वावधान में गुणात्मक अनुसंधान के साप्ताहिक कार्यशाला का शुभारंम हुआ . कार्यशाला की संयोजिका डॉ मीनाक्षी विस्वाल ने प्रतिभागियों को इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला .
वसंत महिला (Vasanta college for women) राजघाट फ़ोर्ट की डायनामिक प्रिंसिपल प्रो. अल्का सिंह ने कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए कहा कि गुणवत्ता पूर्ण अनुसन्धान विकास का प्रथम सोपान होता है. आपने आगे कहा कि गुणात्मक अनुसन्धान से न केवल सम्बंधित संस्थान की ख्याति में बृद्धि होती है बल्कि राष्ट्र भी बौद्धिक रूप से समृद्ध होता है .
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आई ए क्यू सी प्रकोष्ठ की समन्वयक डॉ सीमा श्रीवास्तव ने प्रारम्भ में सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत किया. कार्यशाला की संयोजिका डॉ मीनाक्षी बिस्वाल ने कार्यशाला के विषय स्थापना की . आपने गुणात्मक अनुसंधान का परिचय देते हुए, वर्तमान समय में इसकी उपयोगिता के बारे में बताया ।
कार्यशाला के प्रथम वक्ता डॉ चन्द्रशेखर पांडेय ( महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के असिस्टेंट प्रोफेसर) ने अपने विशिष्ट व्याख्यान के द्वारा गुणात्मक अनुसंधान का दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला. प्रोफेसर पाण्डेय ने गुणात्मक अनुसंधान का परिचय देते हुए गुणात्मक अनुसंधान के प्रतिमान के घटकों की बारीकियों को सूक्ष्म तरीके से समझाया. उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रतिमान मूलतः दर्शन से निर्देशित होते हैं । तदन्तर आपने प्रत्यक्षवाद ,उत्तर प्रत्यक्षवाद , संरचनावाद , व्यवहारवाद ,घटना विज्ञान के बारे में बताया . अंत में आपने सबसे नवीन घटक आलोचनात्मक सिद्धांत से अवगत कराया।
कार्यशाला की द्वितीय वक्ता डॉक्टर सरिता चौधरी शिक्षक प्रशिक्षक, ने गुणात्मक अनुसंधान में गुणवत्ता के मानदंड पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया .डॉक्टर सरिता ने सर्वप्रथम गुणात्मक अनुसंधान व मात्रात्मक अनुसंधान में अंतर बताते हुए विभिन्न मानदंड के बारे में बताया. आपने अनुसन्धान में विश्वसनीयता, स्थानांतरणीयता, निर्भरता, निश्चितता पर विशेष प्रकाश डाला . डॉक्टर चौधरी ने गुणात्मक व मात्रात्मक अनुसंधान के मानदंडों की तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया. आपने इन मानदंडों के स्तर को बढ़ाने के विभिन्न तकनीक को भी बताया। कार्यशाला का सफल संचालन डॉ योगिता बेरी ने तथा अंत में प्रोफ़ेसर मीनाक्षी विस्वाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया .