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Tripindi Shraddha in Kashi: काशी में शंकराचार्य ने किया अनूठा अनुष्ठान

  • लगभग एक करोड़ मृत आत्माओं की शान्ति हेतु शंकराचार्य गंगा घाट पर सैकड़ो लोग हुए शामिल

Tripindi Shraddha in Kashi: विश्वभर में कोरोना काल के दौरान मृत-आत्माओं की सद्गति को हुआ त्रिपिण्डी श्राद्ध व तर्पण

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 14 अक्टूबर: Tripindi Shraddha in Kashi: काशी के केदार क्षेत्र में शङ्कराचार्य घाट पर, पूरी दुनिया में कोरोना काल के दौरान काल-कवलित हुए असंख्य जीवात्माओं की सद्गति के हेतु, आचार्य पं. अवधराम पाण्डेय के आचार्यत्व में त्रिपिण्डी श्राद्ध व तर्पण का आयोजन संपन्न हुआ।

विगत दिनों इस आशय का समाचार सोशल मीडिया व अखबारों में पढकर हरियाणा के सुरेश मानचन्दा काशी आए और परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर शङ्कराचार्य महाराज से उन्होंने अनुरोध किया कि, 1947 में भारत पाकिस्तान विभाजन के समय लगभग 20 लाख लोग मारे गये थे, उनका भी अंतिम संस्कार उस समय नहीं हो पाया था।

इसलिए उन सबकी सद्गति के लिए भी आज श्राद्ध तर्पण कर दिया जाए। शङ्कराचार्य महाराज ने मानचंदा के आग्रह को सहर्ष स्वीकार किया और शङ्कराचार्य घाट पर ही विभाजन की विभीषिका के शिकार लाखों लोगों की मृत आत्माओं की शान्ति हेतु श्राद्ध तर्पण विधि भी आज सम्पन्न हुई।

श्रीमद्भागवत मुक्ति कथा ग्रंथ का विमोचन

विदित है कि परमाराध्य शङ्कराचार्य महाराज ने अपने यूट्यूब चैनल 1008.guru पर मृतात्माओं की सद्गति के लिए श्रीमद्भागवत मुक्ति कथा सुनाई। जगद्गुरु शङ्कराचार्य महाराज की पूर्णाभिषिक्त शिष्या साध्वी पूर्णाम्बा व साध्वी शारदाम्बा ने गंगारविन्द मिश्र, डॉ.लता पाण्डेय व डॉ मंजरी पाण्डेय आदि अनेक सहयोगियों के साथ मिलकर महाराज की कथा को प्रतिदिन लिपिबद्ध किया और पुस्तक के रूप में शङ्कराचार्य को समर्पित किया।

शङ्कराचार्य महाराज ने इस मुक्ति कथा ग्रंथ का आज विमोचन किया। शङ्कराचार्य महाराज ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा कि, यह अपने आपमें एक विशिष्ट कीर्तिमान है कि कथा विश्राम के चन्द घण्टों के उपरांत ही पुस्तक तैयार हो गयी और आठवें दिन पुस्तक का विमोचन भी हो गया। उन्होंने पुस्तक तैयार करने वाले सभी सहयोगियों को आशीर्वाद प्रदान किया।

शारदीय नवरात्र पर होंगे विविध धार्मिक अनुष्ठान

परमाराध्य शङ्कराचार्य ने कहा कि, शारदीय नवरात्रि पर श्रीविद्यामठ में शतचण्डी महायज्ञ और रूद्राभिषेक का आयोजन किया जाएगा। 4००० मोदकों से गणपति-पूजन, शतचण्डी-महायज्ञ, महारुद्र यज्ञ, 64 योगिनियों के रूप में 64 कन्याओं का पूजन, भैरव-पूजन, 108 सुवासिनी पूजन, 11 रूद्र-दम्पत्ति पूजन कुम्भकोणम् से पधारे प्रवीण जी के आचार्यत्व में सम्पन्न होगा। इसके उपरांत सवा लाख मोदकों से हवन किया जायेगा। यह अनुष्ठान 15 दिनों तक श्रीविद्यामठ में सम्पन्न किये जायेंगे।

शङ्कराचार्य जबलपुर में मनाएंगे शारदीय नवरात्रि उत्सव

काशी प्रवास के पश्चात शङ्कराचार्य महाराज जबलपुर के बगलामुखी सिद्धपीठ के लिए प्रस्थान कर गये। वहां वे आगामी नौ दिनों तक पराम्बा भगवती की आराधना सम्पन्न करेंगे। मुक्ति कथा का आयोजन गौरव तिवारी, विभा शर्मा ने किया।

लोकार्पण और अन्य कार्यक्रम में प्रमुख रूप से:- साध्वी पूर्णाम्बा दीदी, साध्वी शारदम्बा दीदी, मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय, डॉ गिरीश चंद्र तिवारी, भगवान वेदांताचार्य, परमेश्वर दत्त शुक्ल, कमलाकांत त्रिपाठी, राजेन्द्र तिवारी, शैलेन्द्र सिंह योगी, यतीन्द्र चतुर्वेदी, रमेश उपाध्याय, पं सदानंद तिवारी, आनंद उपाध्याय, लता पाण्डेय, मञ्जरी पाण्डेय, माधुरी पाण्डेय, सुनीता श्रीवास्तव, किशन जायसवाल, पीयूष तिवारी, सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, रविन्द्र मिश्रा आदि लोग सम्मलित थे।

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