Tribal designers: डिजायन को केवल कला न समझें, यह विकास के रथ का सारथी है।
Tribal designers: झारखण्ड दुनियाभर के आदिवासी डिजायनरों को एक मंच देगा: चम्पाई सोरेन
रांची, 20 जुलाई: Tribal designers: झारखण्ड दुनियाभर के आदिवासी डिजायनरों को एक मंच देगा। आज भारत और विश्व के कई देशों के डिजायनरों के साथ वर्चुअल मीटिंग करते हुए यह बात झारखण्ड के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने कही। उन्होंने कहा कि हम डिजायन को केवल कला न समझें, यह विकास के रथ का सारथी है। एक बेहतर डिजायन विकास को दिशा और ऊंचाई दे सकती है।
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मंत्री ने सभी डिजायनरों(Tribal designers) से कहा कि वे झारखण्ड के जनजातीय समाज के विकास विशेष कर शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य पर्यटन, परम्परागत ज्ञान बोध, जीविका और कौशल विकास के क्षेत्र में ऐसे डिजाइन तैयार करें जिससे विकास को एक नई दिशा मिल सके। मंत्री ने ट्राइबल फोरम के सुधीर होरो को बधाई देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ऐसा संभव हो सका है।
इस अवसर पर लंदन से दबोराह जमा, फ़िनलैंड से प्रशांत कोकले , दुबई से अनुपम पूर्ती सहित देश के पटना, भुवनेश्वर, कोलकाता, बंगलोर आदि के 35 डिजायनरों ने वर्चुअल मीटिंग में भाग लिया। नीलिमा टोपनो ने शिक्षा, अर्चना शेफाली ने शोध अन्वेषण, उषा बरला ने स्वास्थ्य, शोभारानी लकड़ा ने लाइवलीहुड पर विचार रखे। बैठक का संचालन सुधीर होरो ने किया।