Jharkhand green land

Nilambar-Pitamber Jal Samridhi Yojana: वर्षा जल रोकने में मिली कामयाबी, बंजर भूमि पर छाई हरियाली

Nilambar-Pitamber Jal Samridhi Yojana: 4000 पंचायतों में नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना ला रही हरियाली

रांची, 20 जुलाई: Nilambar-Pitamber Jal Samridhi Yojana: वर्षा जल बचायें, हरियाली लायें, समृद्धि बढ़ायें का मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन का विजन झारखण्ड में नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत अब धरातल पर नजर आने लगा है। इस योजना के तहत राज्य के सैकड़ों गांवों की पहाड़ियों एवं उसके आस-पास की भूमि पर लूज बोल्डर चेक डैम (एलबीसीडी) बनाये गये हैं। इससे वर्षा जल की गति को धीमी कर उसे जमीन के अंदर पहुंचाया जा रहा है।

सिर्फ एलबीसीडी ही नहीं, यहां पर ट्रेंच कम बंड (टीसीबी) के निर्माण के जरिये भी वर्षा जल को रोकने में सफलता मिली है। उपलब्ध जल का सदुपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर मनरेगा के सिंचाई कूप से किसानों द्वारा ड्रिप सिंचाई पद्धति का उपयोग भी किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में 25,000 एकड़ भूमि पर बागवानी की गई है एवं इस वर्ष लगभग 21,000 एकड़ भूमि पर बागवानी कार्य प्रगति पर है।

यह गांव में मनरेगा योजना पर लोगों के विश्वास एवं इस योजना की लोकप्रियता को दर्शाता है। ग्रामीण भी सरकार की योजना में शामिल होकर जल संरक्षण की दिशा में अद्भुत काम कर रहे हैं, जिससे कृषि उत्पादन और गांव में संपन्नता बढ़ी है।

चार हजार पंचायत में हो रहा है काम

राज्य सरकार ने एक वर्ष पहले नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना (Nilambar-Pitamber Jal Samridhi Yojana) की शुरूआत की थी। लगभग 4000 पंचायतों में योजना के तहत कार्य किये जा रहे हैं। कई जिलों में अबतक योजना की वजह से बंजर और टांड़ जमीन पर हरियाली दिखने लगी है। जल संरक्षण बढ़ा है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों को रोजगार से भी जोड़ा जा सका है।

Tribal designers: डिजायन को केवल कला न समझें, यह विकास के रथ का सारथी है।

तीन लाख से अधिक योजनाओं का लक्ष्य, 1.97 लाख से ज्यादा में काम पूरा

Nilambar-Pitamber Jal Samridhi Yojana, Ranchi Jharkhand

नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत राज्य में 3,32,963 योजनाओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके विरुद्ध 1,97,228 योजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं। शेष 1,35,735 योजनाओं पर काम जारी है। योजना से ग्रामीण क्षेत्रों की हालत में काफी सुधार आया है। कई क्षेत्रों में बंजर और टांड़ प्रकृति की भूमि में भी अब जल संरक्षण की वजह से हरियाली आ रही है। साथ ही लोग ऊपरी टांड़ जमीन का उपयोग बड़े पैमाने पर बागवानी एवं खेती के लिए करने लगे हैं।

इसलिए पड़ी इसकी जरूरत

झारखण्ड का बड़ा क्षेत्र पठारी है, जहां बारिश का ज्यादातर पानी बह कर निकाल जाता है। इसके अलावा कई जिले जैसे लातेहार, गढ़वा, पलामू में पानी की बड़ी समस्या है। इन समस्याओं के मद्देनजर इस योजना की शुरूआत की गई थी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के पानी को रोका जा सके और जल संकट को दूर किया जा सके।

Whatsapp Join Banner Eng

नीलाम्बर पीताम्बर योजना एक बहुउद्देशीय योजना है। इसके प्रमुख बिन्दु हैं

●ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले बेरोजगारों, मजदूरों को रोजगार प्रदान करने के साथ उनका विकास करना
●ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना
●जल संरक्षण और इस कार्य के तहत भूजल पुनर्भरण ईकाइयों का निर्माण करना
●इन कार्यों के जरिये राज्य के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना
●लातेहार, पलामू, गढ़वा जैसे पानी के संकट वाले जिलों में भूगर्भ जल में वृद्धि करना
●खेत के पानी को खेत में एवं गांव का पानी गांव में ही रोकना
●राज्य के प्रवासी श्रमिकों व अन्य श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना

भूमिगत जल का संवर्धन समय की जरूरत है। योजना के माध्यम से बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना है। ताकि ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो सके और ग्रामीणों की क्रय शक्ति में बढ़ोतरी हो। यही हमारा लक्ष्य है।