steel and metal sector: स्टील व मैटल सेक्टर के लिए यूरोपीय यूनियन ने हरियाणा में विशेष रूप से योजना तैयार की
फरीदाबाद, 19 अप्रैल: steel and metal sector: यूरोपीय यूनियन द्वारा स्टील व मैटल सेक्टर के लिए हरियाणा में विशेष रूप से योजना तैयार की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य एनर्जी कोस्टिंग में कमी लाना है। यूरोपियन यूनियन के इंडिया क्लीन एनर्जी एंड क्लाईमेट पाटर्नरशिप के तहत आईएमएसएमई आफ इंडिया के साथ आयोजित एनर्जी एफिशिएंसी रोड शो में नई तकनीक व एनर्जी सेविंग से संबंधित कई टिप्स उद्योग प्रबंधकों को दिए गए।
रोड शो के दौरान एनर्जी एंड क्लाइमेट एक्शन यूरोपीय यूनियन के काउंसलर एडविन कोयीकोक ने बताया कि हरियाणा में एमएसएमई सेक्टर में इंजीनियरिंग, आटोमोबाइल कंपोनेंट, फोरजिंग, फाउंड्री, हीट ट्रीटमेंट, प्लास्टिक, टेक्सटाइल इत्यादि में एनर्जी की कीमतें बढ़ने से परेशानियां बढ़ी हैं। रोड शो में इन्वर्टर ड्राईव्स व इंडस्ट्रीयल आटोमिशन इत्यादि के संबंध में शो केस लगाए गए और 15 से 20 फीसदी एनर्जी सेविंग्स के संबंध में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एमएसएमई डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ओखला के ज्वाइंट डायरेक्टर आर के भारती ने विश्वास व्यक्त किया कि यूरोपीय यूनियन, पीडब्ल्यूसी व आईएमएसएमई ऑफ इंडिया का यह संयुक्त प्रयास निश्चित रूप से एसएमई सेक्टर के लिए काफी महत्वपूर्ण व सकारात्मक रहेगा।
हरियाणा के उद्योग व वाणिज्य प्रिंसिपल सेक्रेटरी विजेंद्र कुमार ने यूरोपियन यूनियन एसोसिएशन द्वारा एनर्जी एफिशिएंसी रोड शो में प्रदेश को सम्मिलित करने की मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस रोड शो का अधिकाधिक लाभ एमएसएमई सेक्टर को मिलेगा। कार्यक्रम में आईएमएसएमई आफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला ने आपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उद्योगों की लागत रॉ मैटीरियल, मैन पावर और एनर्जी पर निर्धारित है। पिछले कुछ माह में इन तीनों की मद बढ़ रही है। यही नहीं एनर्जी कोस्टिंग में बढ़ोतरी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 8 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है, जिसका प्रभाव एल्युमीनियम डाई कास्टिंग, फोर्जिंग, प्लास्टिक मोल्डिंग, रबड़, इलेक्ट्रोप्लेटिंग, इंडक्शन फर्नेस, हीट ट्रीटमेंट पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ा है और उनकी लागत बढ़ी है।
चावला ने बताया कि यूरोपियन यूनियन के इंडिया क्लीन एनर्जी एंड क्लाईमेट पाटर्नरशिप द्वारा आयोजित इस रोड शो कार्यक्रम में 4 चरण हैं। ग्राउंड सोर्स, हीट पंप में एनर्जी एफीशिएंसी के लिए हिमाचल प्रदेश के साथ मिलकर योजना तैयार की गई है, जिसके तहत कमिर्शयल, इंस्टीट्यूशनल बिल्डिंग, अस्पतालों और होटलों में हीटिंग व कूलिंग से संबंधित प्रोजेक्ट कार्य करेंगे। इससे 35 से 40 फीसदी एनर्जी सेविंग होगी और इसी प्रोजेक्ट को मिनिस्ट्री आफ रिन्यूवल एनर्जी द्वारा एमएसएमई सेक्टर तक लाया जाएगा, जिसके लिए मंत्रालय द्वारा आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
रोड शो के दौरान एनर्जी एफीशिएंसी के लिए टेक्सटाइल क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इसके तहत पंजाब के एमएसएमई सेक्टरर्स जोकि टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर आधारित हैं को विशेष रूप से शामिल किया गया है। श्री चावला ने बताया कि पंजाब दूसरा सबसे बड़ा कॉटन व बलैंडिड यार्न उत्पादक है जोकि 655 मीलियन किलोग्राम यार्न का उत्पादन करता है। यूरोपियन यूनियन इस सेक्टर के लिए इंडस्ट्रीयल आटोमिशन व इन्वर्टर ड्राईव्स के लिए कार्य करेगा। रोड शो के अगले क्रम में कर्नाटक में बिल्डिंग स्मार्ट टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की योजना है। श्री चावला ने जानकारी दी कि बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम, मॉनिटरिंग व एवोलूशन के साथ एफिशिएंसी, फ्लेक्सिबिलिटी व कम्फर्ट प्रेफरेन्शिज पर फोकस केंद्रित किया जाएगा।
चावला ने बताया कि 20 मई को लुधियाना में भी ऐसे रोड शो का आयोजन किया जा रहा है। आईएमएसएमई ऑफ इंडिया एनर्जी एफिशिएंसी से पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहा है और उद्योगों को 20 लाख से अधिक की सब्सिडी व वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है अभी तक 50 से अधिक उद्योग इसका लाभ उठा चुके हैं जबकि 400 से अधिक उद्योग आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के सहयोग से एनर्जी एफिशिएंट हो चुके हैं। रोड शो में टैक्रोलॉजी सप्लायर्स, एनर्जी एफिशिएंसी, टैकनोलोजी आफरिंग, प्रश्नोत्तरी इत्यादि के साथ बिजनेस टू बिजनेस एफीशिएंसी पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया। कार्यक्रम में ईईसीपी प्रोजेक्ट राजीव रलहन, यूरोपीयन यूनियन एसोसिएशन के प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में उद्योग प्रबंधकों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।