Saraswat Samman in Varanasi: वाराणसी में मिथिला सामाज काशी ने पद्म पुरुष्कार हेतु घोषित विशिष्ट जनों का किया सारस्वत सम्मान
Saraswat Samman in Varanasi: काशी की विभूतियाँ राधेश्याम खेमका, प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी , डॉ के के त्रिपाठी, योगाचार्य बाबा शिवानंद एवं पंडित शिवनाथ मिश्र को मिलेगा क्रमशःपद्मविभूषण , पद्मभूषण और पद्मश्री सम्मान
रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 31 जनवरी: Saraswat Samman in Varanasi: नगर की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था मिथिला सामाज काशी ने, पद्म पुरुष्कार प्राप्त ख्याति विद्वतजनों और मनीषियों का सारस्वत सम्मान किया. उल्लेखनीय है कि सर्वश्री साहित्यनुरागी समाजसेवी राधेश्याम खेमका, न्याय दर्शन शास्त्र के उद्भट्ट विद्वान प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी, चिकित्सक डॉ के के त्रिपाठी , शतायु जीवित योगाचार्य बाबा शिवानंद एवं अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के सितार वादक पंडित शिवनाथ मिश्र को भारत सरकार द्वारा इस वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरुष्कार देने घोषणा की गयी .
मिथिला समाज काशी द्वारा कैस्टिलो ग्रीन लॉन,कैलाशपूरी मठ ,रानीपुर महमूरगंज में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में समाज सेवा और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले गीता प्रेस के राधेश्याम खेमका जिन्हें भारत सरकार ने मरणोपरांत पद्मविभूषण ,संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के न्याय दर्शन के प्रकांड विद्वान प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी, एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मेडिसिन के पूर्व अध्यक्ष डॉ के के त्रिपाठी जिन्हें पद्म भूषण पुरस्कार, सितार वादन के प्रख्यात वादक प.शिवनाथ मिश्र एवं योगाचार्य बाबा शिवानंद जी को पद्मश्री पुरुष्कार हेतु नामित किये गये विशिष्ट जनों एवं उनके अनुपस्थित में उनके परिजनों को अभिनंदित किया गया .
स्वरर्गीय राधेश्याम खेमका के पौत्र आशुतोष खेमका ने यह सम्मान ग्रहण किया. पद्म पुरुष्कार नामित सभी उपस्थित विशिष्ट जनों को मिथिला की शान समझे जाने वाले पगड़ी नुमा पाग, दोपट्टा , अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह के साथ पुष्प गुच्छ प्रदान किया गया।
सेवाज्ञ संस्थानम के बटुकों ने अतिथियों के सम्मान में स्वस्ति वाचन का पाठ किया। कार्यक्रम की शुरुआत मैथिल कोकिल महाकवि विद्यापति के चित्र पर माल्यार्पण तथा डीप प्रज्वलन से हुआ. जय जय भैरवी असुर भयावनी….विद्यापति के देवी गीत से दीप प्रज्ज्वलन किया गया। काशी की विदुषी और मैथिली अध्ययन केंद्र , काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रणेता डॉ बंदना झा ने ,अपने ओजस्वी वाणी से जैसे ही पृरस्कार प्राप्त अतिथियों का प्रशस्ति वाचन शुरू किया,खचाखच भरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा ।तत्पश्चात सभी सम्मानित पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं ने संस्था के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आशीर्वचन दी .
प्रारम्भ में मिथिला समाज काशी के अध्यक्ष राजीव झा ने सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज काशी आपके उत्कृष्ट कार्यों के वजह से गौरवान्वित महसूस कर रही है। कार्यक्रम के संयोजक कन्हैया झा ने कहा कि मिथिला समाज काशी के लिए यह सौभाग्य की बात है कि भारत सरकार ने यह सम्मान आप सभी को दिया व आप सभी श्रेष्ठ सम्मानितजनों का स्वागत तथा अभिनन्दन करने का अवसर मिथिला समाज को प्राप्त हुआ है।
कार्यक्रम का कुशल संचालन कर रही डॉ वंदना झा ने अपने उदबोधन में कहा कि मिथिला समाज का यह कार्यक्रम विशेष रूप से इसलिए आयोजित किया गया है,ताकि समाज के उन सभी व्यक्तियों को प्रेरणा मिल सके जो देश में अलग- अलग क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे है। समारोह में मैथिली सांस्कृतिक कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति हुई।मैथली गायक विजय वशिष्ठ और भानु नारायण ने अपने सुमधुर गीतों से मैथिली गीतों की सरिता बहा कर सभी को आत्म विभोर कर दिया.
कार्यक्रम में शहर के गणमान्य लोगों कि उपस्थिति उल्लेखनीय रही .इनमे लोकनिर्माण विभाग के अभियंता संजय कुमार तिवारी. एम्बिशन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक सुभाष मिश्रा, आई आई टी के प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार के साथ संस्था के उपाध्यक्ष प्रेमनाथ झा ,महामंत्री सरिता मिश्रा, सचिव अंजनी मिश्रा , मिहिर मिश्रा, विनोद झा, मनोज झा आदि प्रमुख रहे .
इस अवसर पर ख्याति युवा संगीतकार देबब्रत मिश्रा ने मनमोहक सितार वादन प्रस्तुत किया. उनके धुन को सुनकर सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से काफ़ी देर तक गूंजता रहा। अंत में धन्यवाद ज्ञापन सचिव अंजनी मिश्र ने दिया .
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