S Jaishankar

S Jaishankar special lecture at BHU: विदेश मंत्री एस जयशंकर का बीएचयू में हुआ विशेष व्याख्यान

S Jaishankar special lecture at BHU: बदलती वैश्विक व्यवस्था में भारत एक उभरती शक्ति…. विदेश मंत्री

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 10 दिसंबरः S Jaishankar special lecture at BHU: भारतीय विदेश नीति अब ज्यादा वैश्विक सरोकारों से जुड़ती हुइ बहुआयामी स्वरूप ग्रहण कर रही है। इसमें अब ज्यादा भू-रणनीतिक यथार्थता और वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत के राष्ट्रीय हित को संरक्षित करने की क्षमता निर्मित हुई है। उक्त उदगार भारत सरकार के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित एक विशेष व्याख्यान में व्यक्त किये।

आपने आगे कहा कि कोरोना के वैश्विक प्रसार के दौरान भारत ने ना केवल अपने आबादी को सुरक्षित किया अपितु दुनिया भर में इसके टीके को निर्यात कर वैश्विक नेतृत्व का परिचय दिया। हमने वैश्विक विमर्शो को अब आकार देना शुरू किया है और आने वाले दिनो में दुनिया भर के वैश्विक सवालो को सुलझाने का भी सामर्थ्य हमारी विदेश नीति में होगा।

इस 21वीं सदी में डेटा, तकनीक और विचारों की ताकत से ही नई दुनिया पर राज किया जा सकता है। भारत को अभी हाल में ही जी-20 की अध्यक्षता प्राप्त हुई है और जल्दी ही बनारस में जी-20 देशों के विकास मंत्रीयो की बैठक आयोजित की जाएगी। भारत के महत्वपूर्ण शक्ति बनने की अकांक्षा बिना ज्ञान के पावर हाउस बने संभव नही है और काशी हिन्दु विश्वविद्यालय अपने विशाल ज्ञान नेटवर्क और मानव संशाधन के साथ इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मालवीय मूल्य अनुशीलन के सभागार में विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं गणमान्य नागरिको के बीच आपने आगे कहा कि , अर्न्तचर्चा का विषय बदलते वैश्विक परिदृश्य में सशक्त भारत की विदेश नीति थी। विदेश मंत्री ने अलग से यह तथ्य रेखांकित किया कि उनके श्वसुर भी 1944-1948 तक इस विश्वविद्यालय के छात्र रहे। उन्होने कहा की काशी सभ्यता, ज्ञान और विमर्श की नगरी रही है और एक मूल्य के रूप में यह विश्वविद्यालय आजादी के बाद के भारत की सर्वोत्तम आकांक्षाओ को प्रतिबिम्बित करता है।

क्या आपने यह पढ़ा….. Himachal new cm: हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे सुखविंदर सुक्खू, जानें कब लेंगे शपथ…

उन्होंने आगे कहा कि जी-20 के विभिन्न कार्यक्रम देश के 80 से ज्यादा शहरों में आयोजित किए जाएंगें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए काशी हिन्दु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुधीर जैन ने जी20 की अध्यक्षता भारत को मिलने को राष्ट्रीय विदेश नीति की एक विशेष सफलता बताया। उन्होनें विदेश नीति की शिखर वार्ताओं को नई दिल्ली केन्द्रित न रखकर अलग अलग शहरों मे इसे ले जाने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व का भी आभार प्रकट किया।

उन्होने काशी हिन्दु विश्वविद्यालय में लगातार विदेशी छात्रो की बढ़ती हुइ संख्या को अलग से रेखांकित किया। अतिथि का परिचय मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र के समन्वयक प्रो संजय कुमार ने किया। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में विदेशी छात्रो की उपस्थिती एवं उनके सक्रिय प्रशनोत्तरी कार्यक्रम से विदेश मंत्री हर्षित हुए। विश्वविद्यालय के अकादमिक समुदाय एवं विशिष्ट विद्वानों ने अपनी विशिष्ट भागीदारी से कार्यक्रम को उचाई प्रदान की।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से युनेस्को चेयर प्रोफेसर प्रियंकर उपाध्याय, विश्वविद्यालय के पुर्व रेक्टर प्रो. कमल शील, सामाजिक विज्ञान संकाय की पुर्व डीन प्रो. अंजु शरण उपाध्याय, विश्वविद्यालय कोर्ट मेम्बर प्रो. संजय श्रीवास्तव, प्रो. घनश्याम, डा. मयंक नारायण सिंह, प्रो. राजकुमार एवं अन्य विशिष्ट विद्वत गण मौजुद थे।

कार्यक्रम का संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के डा. प्रियंका झा एवं प्रशनोत्तरी का संचालन डा. दिव्या रानी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. मनोज कुमार मिश्र, समन्वयक मालवीय शांति अनुसंधान केन्द्र ने दिया।

क्या आपने यह पढ़ा…. 102th Dikshaant samaroh complete: बीएचयू का 102वां दीक्षांत समारोह संपन्न

Hindi banner 02