Public hearing in Varanasi

Public hearing in Varanasi: वाराणसी में राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने की जनसुनवाई

  • अपूर्ण/भ्रामक/ विलंब से सूचना देने वाले चार जन सूचना अधिकारियों पर लगाया 25-25 हजार का अर्थ दंड

Public hearing in Varanasi: जनसुनवाई के दौरान आयुक्त के तेवर रहे तल्ख, कई जनसूचना अधिकारियों को लगाई फटकार

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 05 अक्टूबर: Public hearing in Varanasi: राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती द्वारा सर्किट हाउस सभागार में जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में वाराणसी मंडल के जनपदों के अधिकारियों/जनसूचनाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई।

बैठक के दौरान आयुक्त महोदय द्वारा उपस्थित समस्त अधिकारियों/जनसूचना अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा गया कि, आरटीआई के तहत आवेदन प्राप्त होने पर निर्धारित अवधि 30 दिन के अंदर वांछित सूचना आवेदक को अवश्य उपलब्ध करा दिया जाए।

इस अवसर पर आपने आगे कहा कि, सूचना देने में विलंब कतई ना करें। यदि दी जाने वाली सूचना का संबंध विभाग से नहीं है तो संबंधित विभाग को ससमय अंतरण कराया जाना सुनिश्चित हो। अन्य विभाग को आवेदन अंतरण का समय 5 दिन निर्धारित है।

उन्होंने जनसूचना अधिकारियों को सलाह देते हुए कहा कि आवेदक के साथ इस दौरान संवाद भी बनाए रखें। उन्होंने वांछित जनसूचना का जवाब स्पष्ट रूप से देने के निर्देश दिए। कहा कि घुमा फिरा कर भ्रामक या अपूर्ण सूचनाऐं कतई न दिया जाए। जनसूचनाधिकारी अगर मांगी गई सूचना को रिफ्यूज कर रहे हैं तो इसका समुचित कारण भी बताएं।

सूचना आयुक्त ने आगे कहा कि राज्य सूचना आयोग में प्रतिनिधि भेजते समय अधिकृत व्यक्ति को अधिकार पत्र के साथ मांगी गई सूचना की स्पष्ट प्रति के साथ भेजा जाय। करप्शन तथा ह्यूमन राइट वायलेशन से संबंधित सूचना आवश्यक रूप से देनी है। सूचना भेजने का साक्ष्य भी अवश्य दिया जाय।

उन्होंने कहा कि जानबूझकर अपूर्ण सूचना या विलंब से सूचना ना दिया जाए अन्यथा इस पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि वांछित सूचना देते समय जनसूचना अधिकारी अपने हस्ताक्षर, मुहर के साथ ही अपना नाम एवं पदनाम भी अंकित करें।

आयुक्त ने कहा कि प्रकरणों की जनसुनवाई के दौरान प्राय: देखने में आया कि प्रथम अपीलीय अधिकारी की भूमिका निष्क्रिय है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि प्रथम अपीलीय अधिकारी सक्रिय रूप से अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए अपीलों का निस्तारण सुनिश्चित करें।

उन्होंने सभी जनसूचना अधिकारियों से कहा कि जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों का प्रारूप 3 के तहत एक रजिस्टर अवश्य बनाएं, जिसमें आवेदन पत्रों का व्यवस्थित विवरण अंकित किया जाय।

उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी वाराणसी से वार्ता के दौरान आर टी आई एक्ट की धारा 4-1(B) का अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि सभी मंडलायुक्तों को पहले से ही इस संबंध में निर्देशित किया जा चुका है। आगे इसका सम्यक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सूचना आयोग द्वारा मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है।

जनसुनवाई के दौरान 150 प्रकरणों पर सुनवाई की गई जिसमें चार जन सूचना अधिकारियों पर 25-25 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया गया। जिसमें खंड विकास अधिकारी जलालपुर जौनपुर, तहसीलदार केराकत, जौनपुर, उपजिला अधिकारी गाजीपुर कार्यालय, तथा अधिशाषी अधिकारी चकिया, चंदौली हैं।

जनसुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयुक्त के तेवर काफी तल्ख रहे। उन्होंने लापरवाह जनसूचना अधिकारियों को काफी फटकार लगाई। बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी प्रोटोकॉल बच्चू सिंह सहित वाराणसी मंडल के जनपदों से आए विभिन्न विभागों के अधिकारी/ जनसूचना अधिकारी गण उपस्थित रहे।

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