Online business: ऑनलाइन व्यापार पर लगाम कसने की पीएम से मांग

Online business: ऑनलाइन व्यापार दीमक की तरह पुरे देश के व्यापारियों एवं कर्मचारियों को खोखला करने का प्रयास कर रहा है।

रिपोर्ट: शैलेश रावल
धनबाद, 20 जुलाई:
Online business: बैंक मोड़ चेम्बर ऑफ़ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष व व्यापार प्रकोष्ठ (भाजपा) के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेन्द्र अरोड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर ऑनलाइन व्यापार पर लगाम कसने की मांग की है। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि ऑनलाइन व्यापार (ई कामर्स) करने वाली कुछ कंपनियां बड़ी कम्पनियों के साथ साँठ गाँठ करके देश के खुदरा व्यापारियों की श्रृंखला, जो पुरे देश में रोज़गार का संतुलन बनाये हुए है, उसे तोड़ने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। समय रहते यदि इस पर नकेल नही कसी गई तो लोकल को वोकल एवं स्वदेशी का नारा सफल नही हो पायेगा।

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आज ऑनलाइन व्यापार (Online business) दीमक की तरह पुरे देश के व्यापारियों एवं कर्मचारियों को खोखला करने का प्रयास कर रहा है। अरोड़ा ने लिखा है कि हमारे लिये गर्व की बात है कि देश वासियों को आप जैसा कुशल प्रधानमन्त्री मिला। देश में ही नहीं, विदेशों मे भी आपकी सफल नीतियों की प्रशंसा हो रही है।

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आज देश का मध्यम वर्ग का व्यापारी एवं उनके यहाँ कार्य कर रहे कर्मचारी आपकी और आशा भरी नज़रों से देख रहे हैं। कोरोना वैश्विक महामारी से व्यापार का पहले ही बुरा हाल है।दूसरी ओर ऑन लाइन व्यापार (Online business) मध्यम वर्ग के व्यापारियों एवं उनके यहाँ कार्य करने वाले कर्मचारियों में बेरोज़गारी बढ़ाने मे अहम भूमिका निभा रहा है। जो आने वाले समय में हमारे देश के लिये हितकारी नही है। देश में स्वरोज़गार करने वाले मध्यम वर्ग के 6 से 7 प्रतिशत व्यापारियों एवं उनके यहाँ कार्य करने वाले 9 से 10 प्रतिशत कर्मचारियों पर बेरोज़गारी के ख़तरे के बादल मंडरा रहे है। देश में किसानों, स्वरोज़गार करने वाले खुदरा व्यापारियों एवं उनके यहाँ कार्य करने वाले कर्मचारियों की बड़ी संख्या है।

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Online business: लेकिन भारतीय व्यवसाइयों के लिए स्पष्ट संकेत है क़ि प्रतिस्पर्धा के नाम पर मुट्ठी भर लोग ही व्यापार चलाएंगे। इसके दुष्परिणाम सामने आये उससे पहले इसे रोकना होगा। एक व्यवसाय में मध्यम व्यापारी, कर्मचारी, मोटिया, ठेला वाला, अकाउंटेंट से लेकर मंडी के मालिक तक को लाभ पहुँचता है। अभी कुछ वर्ष पहले अन्य देशों में आर्थिक मंदी के कई सुनामी आये पर भारत को खास डुला नहीं पाया। जिसका मुख्य कारण स्वरोज़गार, मध्यम वर्ग व्यवसाई एवं किसान है। उन्होंने इस गम्भीर समस्या पर अवश्य मंथन करने का अनुरोध प्रधानमंत्री से किया है।