Mission Vatsalya Mandal Level Workshop

Mission Vatsalya Mandal Level Workshop: वाराणसी में मिशन वात्सल्य मंडल स्तरीय कार्यशाला…

  • कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग तथा यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया

Mission Vatsalya Mandal Level Workshop: बाल अधिकार गृह तथा शेल्टर हाउस में रहने वाले बच्चों को इमोशनल सपोर्ट देने की जरूरत है: जिलाधिकारी

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 29 अक्टूबर: Mission Vatsalya Mandal Level Workshop: सर्किट हाउस सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा उपस्थित हुए।

मंडलायुक्त ने कार्यशाला में आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की उपयोगिता पर बल देते हुए सभी से महिला व बाल विकास के मुद्दों पर सम्वेदनशील होने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य हमारा सम्वेदनशील होना ही है।

वाराणसी मंडल में हो रही इस कार्यशाला अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा जिनका कोई नहीं है उनका केयर करना प्रशासन का प्रमुख कर्तव्य है। उत्तर प्रदेश में पूर्व में स्थितियां बहुत खराब थीं पर पिछले 5,6 सालों में बहुत सुधार हुआ है आगे भी हमें और सम्वेदनशील होना पड़ेगा।

इस कार्यशाला के बाद हमारी कार्यप्रणाली में बदलाव आना चाहिए तथा यहां आये बड़े अधिकारी अपने जिलों में कार्यशाला आयोजित कराके अपने अधिनस्थों तथा विभागों को भी जागरूक बनाने का काम करें। विभागवार डेटशीट बनाकर सभी लोग कार्यशाला आयोजित कराएँ। उन्होंने बाल श्रम, बाल सुधार, भिक्षाटन को लेकर सभी को अपना कार्य करने को कहा।

मंडलायुक्त ने कहा कि सभी इंडिकेटर पर ध्यान देकर ही हम प्रदेश को आगे बढ़ा सकते हैं। सभी सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों को लेकर सम्वेदनशील हों तभी हम समाज से इनको खत्म करा सकते हैं। पीड़ित की पीड़ा को स्वयं महसूस करेंगे तभी सभी के अंदर सम्वेदनशीलता विकसित होगी।

यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके प्रति अच्छे से पेश आते हुए उनकी सहायता करें। वाराणसी में सांस्कृतिक महोत्सव में 37000 बच्चों ने प्रतिभाग किया जिनको की सर्टिफिकेट वितरित किया गया ताकि उनके कॉन्फिडेंस को विकसित किया जा सके। इसी प्रकार शेल्टर होम के बच्चों में भी कॉन्फिडेंस विकसित करने की आवश्यकता है ताकि उनको समाज की मुख्य धारा में लाया जा सके। विभागीय कार्यों से इतर भी हम समाज के इन कार्यों पर भी ध्यान दें।

संदीप कौर निदेशक महिला कल्याण उत्तर प्रदेश द्वारा कार्यशाला के उद्देश्य, महिलाओं व बच्चों से संबंधित विभिन्न संकेतको तथा मिशन शक्ति के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल देते हुए सभी संबंधित विभागों व संस्थाओं से मिलजुलकर कार्य करने को प्रेरित किया गया ताकि पीड़ितों तक प्रभावी न्याय व उनको मदद मिल सके जिससे की उनको पुनः समाज के मुख्यधारा में लाने में मदद मिल सके।

जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने मिशन वात्सल्य की जरूरतों पर बल देते हुए उन्होंने बाल अधिकार, बाल दुर्व्यवहार के बारे में इस कार्यशाला की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने अनाथ बच्चों के बारे में सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं पर बोलते हुए इस संबंध में और अधिक प्रयास करने हेतु निर्देशित भी किया। उन्होंने बताया कि बच्चों के गोद लेने में आने वाली दिक्कतों को भी किस प्रकार दूर किया गया है।

उन्होंने उन बच्चों के इमोशनल सपोर्ट की जरूरत पर भी बताया ताकि उनके लिए एक फोरम बनाने की जरूरत पर बल दिया गया। उन्होंने 18 वर्ष से नीचे के बच्चों को जो किसी कारणवश अपराध में लिप्त हो जाते हैं उनको उसमें से कैसे निकाला जाए इस बारे में कार्य करने की जरूरत है ताकि उनको सही रास्ते पर लाकर समाज की मूलधारा में लाया जा सके।

उन्होंने अनचाहे गर्भ को रोकने हेतु संस्थागत उपायों को करने पर जोर दिया। कन्या भ्रूण/शिशु हत्या रोकने हेतु तमिलनाडु सरकार द्वारा पूर्व में अपनाए गये क्रैडल सिस्टम के बारे में बताते हुए इसको अपनाने पर बल दिया। उन्होंने सभी अधिकारियों को भी बाल अधिकार तथा मिशन शक्ति पर जागरूक होने को कहा तथा विकेन्द्रित एरिया पर फोकस रखने से कार्यशाला उपयोगी साबित होगी।

मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बच्चों को ढूढ़ने हेतु टेक्नोलॉजी की मदद लेने पर बल दिया तथा बताया गया कि पिछले वर्ष में अब तक 2124 बच्चों को वापस उनके घर भेजा गया है जिस पर उन्होंने पूरी बाल विकास की टीम व प्रोबेसन अधिकारी को उनके कार्यों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बाल संरक्षण से जुड़ी जानकारियों/एजेंडा को पॉइन्ट वार बनाने पर जोर दिया ताकि ग्राम/वार्ड बाल संरक्षण समिति जिनकी तीन महीने पर बैठक होगी उसमें जागरूकता हो सके केवल कोरम पूर्ति न हो।

उप निदेशक महिला एवं बाल विकास सुधाकर पांडेय द्वारा कार्यशाला की उपयोगिता के बारे में बोलते हुए बाल अधिकारों के लिए संस्थागत व गैर संस्थागत उपयोगिता पर बात की गयी। उन्होंने जिले में बाल अधिकारों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए किये गये कार्यों को भी कार्यशाला में उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया तथा भारत सरकार द्वारा मिशन शक्ति योजना पर प्रस्तुति देते हुए उसके उद्देश्य, प्रमुख घटक तथा नवीन दिशानिर्देश के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।

राज्य स्तर पर महिला एवं बाल विकास में सलाहकार प्रीतेश कुमार तिवारी व नीरज मिश्रा द्वारा स्लाइड के माध्यम से मिशन वात्सल्य व मिशन शक्ति योजनाओं के अंतर्गत अभिसरण के बिंदुओं पर चर्चा, जनपदवार कार्ययोजना का विकास, मुद्दे तथा उनके समक्ष चुनौतियां, अपेक्षित कार्यवाही, समय सीमा आदि के बारे में जानकारी दी।

डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ के ए पांडेय द्वारा कार्यशाला में बच्चों व महिलाओं से संबंधित कानूनों यथा किशोर न्याय, बाल विवाह, बाल श्रम, घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण, पाश अधिनियम के बारे में जानकारी दी गयी। 

कार्यशाला में मंडल के चारों जिले के मुख्य विकास अधिकारी, सीएमओ, विभिन्न विभागों के अधिकारियों समेत पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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