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Hazardous waste disposal in gujarat: अब गुजरात में खतरनाक औद्योगिक कचरे के निपटान की होगी रियल टाइम ट्रैकिंग

  • अब तक 700 से अधिक ट्रकों में लगाया गया वीएलटीएस सिस्टम

Hazardous waste disposal in gujarat: जीपीसीबी ने खतरनाक कचरे का परिवहन करने वाले वाहन की निगरानी के लिए विकसित किया विशेष ट्रैकिंग सिस्टम

गांधीनगर, 12 अगस्त: Hazardous waste disposal in gujarat: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर खतरनाक औद्योगिक कचरे के प्रबंधन पर पैनी नजर बनाए रखने के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम (वीएलटीएस) लॉन्च किया था। औद्योगिक इकाइयों के खतरनाक कचरे से पर्यावरण को पहुंचने वाले नुकसान की रोकथाम के लिए अब तक औद्योगिक इकाइयों द्वारा ऐसे कचरों के निपटान के लिए मेनिफेस्ट जनरेट किया जाता था और इसके माध्यम से ही खतरनाक कचरे का निपटान किया जाता था।

किंतु अब इस मेनिफेस्ट सिस्टम को वीएलटीएस सिस्टम के साथ जोड़कर खतरनाक कचरे का परिवहन करने वाले वाहनों को ट्रैक किया जाएगा। गुजरात खतरनाक कचरे की निपटान प्रक्रिया के लिए ऐसी प्रणाली विकसित करने वाला देश का पहला राज्य बना है। इसके लिए औद्योगिक इकाइयों के टैंकर और ट्रक आदि में जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।

फिलहाल 700 ट्रकों पर एआईएस 140 कंपलेंट जीपीएस सिस्टम लगाया गया है। शुरुआती चरण में 377 ट्रकों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। जल्द ही सभी वाहनों की वीएलटीएस सिस्टम के जरिए ट्रैकिंग की जाएगी। वर्तमान में रोजाना 600 ट्रक खतरनाक कचरे का निपटान करते हैं।

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क्या है वीएलटीएस सिस्टमः

गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) गांधीनगर और उत्तराखंड की मदद से व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम (वीएलटीएस) तैयार किया है, जिसे मौजूदा ऑनलाइन मेनिफेस्ट सिस्टम के साथ जोड़ा जा रहा है। जीपीसीबी ने वीएलटीएस के अंतर्गत उद्योगों के लिए खतरनाक कचरे का परिवहन करने वाले सभी वाहनों में एआईएस 140 ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) को लगाना अनिवार्य कर दिया है।

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जीपीसीबी इस सिस्टम के अंतर्गत एक कंट्रोल रूम तैयार कर रहा है, जहां खतरनाक कचरे का परिवहन करने वाले वाहनों की और उत्पादन से लेकर अंतिम निपटान तक की सारी सुविधाओं की ट्रैकिंग की जाएगी।

अब उद्योगों को पर्यावरण के लिए खतरनाक कचरे का परिवहन करने के लिए निपटान स्थल तक का रूट पहले से ही निर्धारित करना होगा। यदि वाहन रूट बदलता है या दूसरी जगह जाता है, तो सिस्टम से अलर्ट मिलेगा और इससे खतरनाक कचरे का अवैध निपटान करने वाली इकाइयों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा सकेगी।

वीएलटीएस सिस्टम से खतरनाक कचरे का औद्योगिक इकाइयों से अंतिम निपटान स्थल या पुनः उपयोग करने वाली सुविधा तक ट्रैकिंग करना संभव होगा। इससे खतरनाक कचरे का प्रबंधन और भी सुदृढ़ और सक्षम बनेगा।

उल्लेखनीय है कि वीएलटीएस के कार्यान्वयन के लिए हर प्रदेश में जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए थे। गुजरात में अभी 21,341 उद्योगों में खतरनाक कचरा उत्पन्न होता है। इस कचरे को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित करने के बाद नष्ट कर दिया जाता है। नई प्रणाली के उपयोग के संबंध में उद्योगों को उचित प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

वर्ष 2021-22 के दौरान खतरनाक कचरे का औसत निपटान

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लैंडफिल- 12 लाख मीट्रिक टन
भस्मीकरण- 60 हजार मीट्रिक टन
को-प्रोसेसिंग- 12 लाख मीट्रिक टन
प्री-प्रोसेसिंग- 1.5 लाख मीट्रिक टन
रीसाइक्लिंग- 20 लाख मीट्रिक टन

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