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पश्चिम रेलवे द्वारा तीव्र, किफायती और कुशल माल परिवहन सेवाएं प्रदान करने की दिशा में और तेजी

Parcel loading by Western railway
गांधीधाम के निकट ध्रुब से बांस के पल्प के लदान के दृश्य
  • पश्चिम रेलवे द्वारा तीव्र, किफायती और कुशल माल परिवहन सेवाएं प्रदान करने की दिशा में लाई जा रही और तेजी
  • स्टीम कोल, बांस के पल्प के परिवहन के साथ ही पहली बार टाइल्स/सेरेमिक का गोवा के लिए परिवहन किया शुरू

अहमदाबाद, 14 नवम्बर: पश्चिम रेलवे द्वारा बहु विषयक व्यावसायिक विकास इकाइयाँ जोनल और मंडल स्तर पर स्थापित की गईं हैं। इनका उद्देशय भावी ग्राहकों को  रेल परिवहन की ओर आकर्षित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य करना है जिस में विभिन्न प्रोत्साहन  योजनाएं और ग्राहक अनुकूल पहलों की पेशकश आदि शामिल हैं। रेलवे द्वारा माल लदान के नए अवसरों की सम्भावनाओं को टटोलने के साथ ही इन इकाइयों द्वारा माल ग्राहकों को व्यवसाय में सरलता और सुगमता प्रदान करने के लिए नए उपायों तथा पहलों को लागू किया जा रहा है। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे ने अहमदाबाद मंडल से स्टीम कोल तथा बांस के पल्प का नया परिवहन शुरु करने के साथ ही राजकोट मंडल के मोरबी से गोवा के लिए टाइल्स तथा सेरेमिक का परिवहन शुरू किया गया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि हाल ही में गुजरात में ड्रायबल्क टर्मिनल, टेकरा (गांधीधाम) से बिहार में जलाल गढ़ के लिए 3909 टन स्टीम कोल का 59 बॉक्सएन वैगनों के रेक में मेसर्स कल्याणी  इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लदान किया गया। यह रेक भीलडी-पाटन होते हुए 2308 किलो मीटर का सफर तय कर जलाल गढ़ पहुंचेगा।  इस से रेलवे को लगभग 1.09 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इस के साथ ही गांधीधाम के निकट ध्रुब से पंजाब में खासा के लिए बांस के पल्प का भी लदान किया गया । पश्चिम रेलवे के लिए यह नया माल यातायात है। इस के पांच रेक प्रतिमाह लोड होने की आशा है। इस नए माल यातायात से लगभग 32 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। श्री ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे की बी डी यू, राजकोट के प्रयासों से  पहली बार मोरबी से गोवा के वेरणा के लिए टाइल्स तथा सेरेमिक/सैनिटरी आइटमों का लदान शुरू किया गया है। मैसर्स अडानी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड द्वारा 45 वैगनों में लदान किया गया है। यह रेक गोवा तक 1498 किलो मीटर का फासला तय करेगा। गोवा के लिए इस नए माल यातायात से 25 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। दिसम्बर, 2020 तक चार और रेक भेजे जाने की आशा है।

Transport of tiles / ceramic for the first time along with transportation of bamboo pulp to Goa

श्री ठाकुर ने बताया कि 22 मार्च, 2020 से लागू पूर्ण लॉकडाउन और वर्तमान आंशिक लॉकडाउन के दौरान कठिनतम परिस्थितियों और विकट चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने 13 नवंबर,  2020 तक मालगाड़ियों के 21248  रेक लोड करके काफी सराहनीय कार्य किया है। इस अवधि में कुल 46. 33 मिलियन टन भार वाली विभिन्न मालगाड़ियों को उत्तर पूर्वी क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न राज्यों में भेजा गया। इनके अलावा मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगनों के विभिन्न रेक दवाइयों, चिकित्सा किट, जमे हुए भोजन, दूध पाउडर और तरल दूध जैसी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए उत्तरी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में भेजे गये। कुल 42198 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 21085 ट्रेनें सौंपी गईं और 21113  ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इसके अलावा 23 मार्च, 2020 से 13 नवंबर, 2020 तक 1.75 लाख टन से अधिक विभिन्न अत्यावश्यक सामग्री  का परिवहन पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 676 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।इस से कुल लगभग 59.62 करोड़ रु. का राजस्व अर्जित हुआ। इस अवधि के दौरान 119 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 90 हजार टन से अधिक का भार था और वैगनों का 100 % उपयोग हुआ।। इसी प्रकार, 55700 टन से अधिक भार वाली  492 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं। इनके अलावा, 28800 टन भार वाली 65 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाए गए। पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में  समयबद्ध पार्सल विशेष रेलगाड़ियों को चलाने का सिलसिला लगातार जारी रखा है, जिसके अंतर्गत 14 नवंबर, 2020 को एक पार्सल विशेष ट्रेनें पश्चिम रेलवे से पोरबंदर से शालीमार के लिए चलाई गई  तथा एक इंडेन्टेड रेक लिंच से कटक के लिए रवाना किया गया।

लॉकडाउन के कारण राजस्व नुक़सान और रिफंड अदायगी

कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 3257 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 510 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 2747 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 13 नवंबर , 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 489 करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने लगभग 240 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 76 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है।