Foundation day of SMS

Foundation day of SMS: स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज के स्थापना दिवस का हुआ भव्य आयोजन

  • वैश्विक शैक्षणिक परिवेश में अग्रणी है एस.एम.एस…. डॉ दयाशंकर मिश्र ’दयालु’

Foundation day of SMS: संस्थान के 28 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित हुए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 10 नवंबर: Foundation day of SMS: स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज (एस.एम.एस.) वाराणसी ने काशी में अपनी स्थापना के 28 गौरवशाली वर्ष पूर्ण कर लिया। संस्थान द्वारा इस अवसर पर आयोजित स्थापना दिवस समारोह आधारशिला: 2022 का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन करते हुये आयुष मंत्री, स्वतंत्र प्रभार उत्तर प्रदेश सरकार डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु ने स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि संस्था द्वारा विगत वर्षों में अर्जित अनगिनत उपलब्धियां इस संस्था के आभूषण हैं।

उन्होंने कहा कि इस बदलते हुए परिवेश में आज शिक्षण व शिक्षा को लेकर जब वैश्विक मानदंड तय हो रहे हैं, ऐसे में नवीन शिक्षा नीति के तहत यह संस्थान उन मानदंडों पर पूर्णतः खरा उतर रहा है। संस्थान में उपलब्ध सुविधाओं एवं संसाधनों को विश्वस्तरीय बतलाते हुए डॉ० मिश्रा ने कहा कि पूर्वांचल सहित देशभर में एस० एम० एस०, वाराणसी अपने गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक परिवेश के लिए प्रसिद्द हो रहा है। यहाँ के पूर्व छात्र देश.विदेश के नामचीन संस्थाओं में उच्च पदों पर कार्यरत रहकर न केवल संस्था का नाम रोशन कर रहे हैं। अपितु राष्ट्र उत्थान में भी अपनी अहम् भूमिका निभा रहे हैं।

संस्थान के विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए डॉ दयाशंकर मिश्र ने कहा कि बहुमुखी प्रतिभा के विकास के साथ साथ ग्राहयता के गुण को भी आत्मसात करना आज के संदर्भ में समीचीन हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को समकालीन परिवेश में सामाजिक सरोकार के गुण का भी विकास करना चाहिए. दरअसल 21वीं सदी में व्यक्तित्व विकास के प्रमुख कारकों में से एक प्रमुख कारक देश समाज कल्याण के लिए समर्पण भाव भी है।

आधारशिला 2022 के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए मानस मर्मज्ञ आचार्य शान्तनु महाराज ने कहा कि यह बेहद गौरव का क्षण है कि एस०एम०एस०ए वाराणसी ने आज अपने 28 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को रामायण प्रसंग का उद्धरण देते हुए समझाया कि प्रबंधन में यह जरूरी है कि संदर्भ के अनुसार आचरण करें और प्रत्येक आचरण शील से आबद्ध होना चाहियें।

जीवन प्रबंधन पर जोर देते हुए आचार्य ने कहा कि आपकी शिक्षा सिर्फ व्यावसायिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए नहीं बल्कि आपकी शिक्षा सुंदर, समाजोपयोगी, राष्ट्रोपयोगी, राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण, मातृभूमि, माता-पिता एवं गुरुओं के प्रति सम्मान का भाव जागृत करने वाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इस भाव का अभाव है तो वह शिक्षा व्यर्थ है।

समारोह के विशिष्ट अतिथि अजय कुमार सिंह, अंचल प्रमुख, पंजाब नेशनल बैंक, वाराणसी ने संस्थान को स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि पी०एन०बी० की सेवायें एस०एम०एस० परिवार एवं विद्यार्थियों के साथ सदैव अपनी सेवाओं के साथ 24×7 तत्पर रहेगा और यह रिश्ता भविष्य में और प्रगाढ़ होगा। उन्होंने कहा कि बहुत सी प्रतिभाशाली हस्ती जो पूरे देश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं, वह एस.एम.एस. के ही छात्र रहे हैं।

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संस्थान की गौरवमयी विरासत का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि वाराणसी परिक्षेत्र या पूर्वाचल ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में एसएमएस अपने विद्यार्थियों और शैक्षिक वातावरण को लेकर विख्यात है। उन्होंने विद्यार्थियों को कठोर परिश्रम, ईमानदारी, पूर्ण निष्ठा और अनुशासन का मूलमंत्र दिया।

उदघाटन सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि विकास की अंधी दौड़ में अपनेपन और अपनी मूल को नहीं भूलना चाहिए एवं अपने प्रोफेशन के साथ परिवार, देश, समाज का भी ध्यान रखना चाहिए। 28 वर्षों की संस्थान की यात्रा को अद्भुत बताते हुए सिंह ने कहा कि आज यह संस्थान देश के अग्रणी संस्थानों में से एक है।

समारोह में विशिष्टजनों का एस.एम.एस. में स्वागत करते हुये संस्थान के निदेशक प्रो. पी. एन. झा ने कहा कि संस्थान के 28 गौरवशाली वर्ष पूर्ण होने का यह क्षण ऐतिहासिक है तथा एस.एम.एस. परिवार के लिये एक सुखद अनुभूति है। उन्होंने संस्थान से जुड़े समस्त साझेदारों को धन्यवाद प्रदान करते हुये कहा कि उन्हीं की शुभकामनाओं एवं आर्शीवाद द्वारा एस.एम.एस. ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनायी है।

प्रो. झा ने संस्थान के संस्थापक निदेशक स्व. प्रो. मुकुन्द लालजी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि प्रो. मुकुन्द जी की दूरदृष्टि और दृढ़ आत्मविश्वास ने इस संस्थान को एक अलग पहचान दी है. 1995 में प्रारम्भ हुआ यह संस्थान पिछले 28 वर्षों में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और निरंतर नयी उँचाईयों को छूते हुये आज प्रबन्धकीय शिक्षा जगत में अपना एक अमिट छाप छोड़ चुका है।

उन्होने कहा कि यह संस्थान पठन.पाठन के साथ साथ विद्यार्थियों के सर्वागिण विकास के लिये समर्पित हैं। वर्ष 2017 में नैक ने अपने मूल्यांकन में एस०एम०एस०, वाराणसी को A ग्रेड से नवाजा जो वाराणसी शहर के लिए भी गौरव का विषय है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा संस्थान को स्वायत्तशासी का तमगा दिया जाना इसकी उत्कृष्टता पर मुहर भी है।

उद्घाटन सत्र के पश्चात कई सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमें प्रतियोगी स्पर्धायें एकल एवं सामूहिक गायन, एकल एवं सामूहिक नृत्य, बिजनेस क्विज, अन्त्याक्षरी, एड एवं पोस्टर मेंकिंग एवं रंगोली मेंकिंग का आयोजन हुआ। इसमें लगभग 18 महाविद्यालयों ने सहभागिता की।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण फैशन शो रहा जिसमें एस.एम.एस. के स्नातक एवं परास्नातक के छात्र छात्राओं ने रैंप वॉक में अपना जलवा बिखेरा। फैशन शो में भारत की विभिन्नता में एकता संदेश की सार्थकता को प्रदर्शित करते हुए भारत देश के विभिन्न परिधानों का प्रदर्शन फैशन शो में छात्रो द्वारा किया गया। प्रत्येक वर्षों की भाँति इस वर्ष भी एस.एम.एस. प्रबन्ध समिति द्वारा अपने कर्मचारियों जिन्होंने संस्थान को अनवरत 25, 20, 15 एवं 10 वर्षों से अपनी सेवायें प्रदत्त की हैं, को सम्मानित करने का निर्णय लिया।

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जिसमें पच्चीस वर्षों से अनवरत सेवा प्रदान करने हेतु संस्थान के विनोद कुमार सिंह, संपत्ति अधिकारी, सौरभ रस्तोगी सीनियर एग्जीक्यूटिव (सिस्टम), हरिनाथ साहनी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बीस वर्षों से सेवा प्रदत्त करने, विष्णु चंद्र पांडेय, ऑफिस एग्जीक्यूटिव, देवप्रियो बनर्जी, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर, के०पी० शर्मा, असिस्टेंट लाइब्रेरियन, धर्मेंद्र कुमार सिंह, डिप्टी लाइब्रेरियन, जगदीश कुमार श्रीवास्तव, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी,शम्भुनाथ विश्वकर्मा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने पंद्रह वर्षों तक लगातार इस संस्था को अपना बहूमल्य सेवा देने हेतु, एसोसिएट प्रोफेसर अमित किशोर सिन्हा, डॉ. पल्लवी पाठक, धृतेन्द्र कुमार त्रिपाठी, जी.एम. कॉरपोरेट अफेयर्स, एसोसिएट प्रो. डॉ. अमिताभ पाण्डेय, कृष्णानन्द चौबे, सिनियर प्रोग्रामर, एसोसिएट प्रो. डॉ आदित्य कुमार गुप्ता, अरुण कुमार सिंह ड्राइवर, बृजभान साकेत, सुरक्षा कर्मी, इन्तियाज अली चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इनके अलावा दस वर्षों से अनवरत सेवा प्रदान करने हेतु संस्थान के ऑफिस एक्जिक्यूटिव देवाशीष मुखर्जी का सम्मान संस्था के अधिशासी सचिव डा. एम.पी सिंह ने किया।

सर्वविद्या की राजधानी काशी में वर्ष 1995 में स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट साइंसेज की स्थापना की गई. संस्थान की गणना देश के 50 सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थानों में होती है। एमबीए, एमसीए, एम काम, बीबीए, बी कॉम (आनर्स) बी कॉम एव बीए,आनर्स मास कॉम जैसे शैक्षणिक कोर्स इस संस्थान में चलते हैं जिससे 2500 से अधिक विद्यार्थी अपना ज्ञानार्जन करते हैं। संस्थान द्वारा दी जा रही उद्योगपरक शिक्षा के कारण संस्थान अपने 90 प्रतिशत से अधिक छात्रों को प्रतिष्ठित रोजगार उपलब्ध कराने में सफल रहा है।

संस्थान चार राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध पत्रिकाओं का प्रकाशन नियमित रूप से करता चला आ रहा है। छात्रों के बौद्धिक एवं बहुआयामी व्यक्त्त्वि के विकास हेतु संस्थान ने आध्यात्मिक एवं मानव संवर्धन केन्द्र उच्च अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, उद्यमिता नवप्रवर्तन एवं कौशल विकास केन्द्र की स्थापना की है।

दस एकड़ के हरे भरे क्षेत्र में फैला संस्थान वातानुकूलित कक्षाए 300 से अधिक कम्प्यूटर एवं वाई.फाई कैंपस, सौर उर्जा द्वारा संचालित 35 हजार से अधिक पुस्तकों का संग्रह युक्त डिजिटल पुस्तकालय, जिम क्रिड़ांगन से युक्त एक विश्वस्तरीय संस्थान है। उदघाटन का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन आधारशिला की समन्वयक डा. पल्लवी पाठक ने किया।

इस अवसर पर संस्थान के अधिशासी सचिव डा.एम.पी सिंह, कुलसचिव संजय गुप्ता, निदेशक प्रो. पी.एन. झा उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में एसएमएस के अधिशासी सचिव डा.एम.पी सिंह ने अतिथियों को अगवस्त्रम एवम् स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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