Five day workshop in BHU

Five day workshop in BHU: शिक्षा संकाय बीएचयू में पंच दिवसीय कार्यशाला

Five day workshop in BHU: राष्ट्रीय साक्षरता केंद्र के सहयोग से महत्वपूर्ण जीवन कौशल के संदर्भ में, पाठ्य सामग्री के विकास हेतु कार्यशाला में विद्वानों के विचार

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 19 सितंबर: Five day workshop in BHU: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय परिसर में राष्ट्रीय साक्षरता केंद्र प्रकोष्ठ- एनसीईआरटी एवं शिक्षा संकाय (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) के संयुक्त तत्वाधान में महत्वपूर्ण जीवन कौशल के संदर्भ में पाठ्य सामग्री के विकास हेतु पांच दिवसीय कार्यशाला (Five day workshop in BHU) शुरू हुई।

कार्यशाला का शुभारंभ प्रोफेसर अंजलि बाजपेयी, संकाय अध्यक्ष, शिक्षा संकाय, बी.एच.यू. एवं वर्चुअल माध्यम से जुडी प्रोफेसर चमन आरा खान, भाषा शिक्षा विभाग-एनसीईआरटी एवं प्रोफेसर उषा शर्मा, प्रभारी-राष्ट्रीय साक्षरता केंद्र प्रकोष्ठ, एनसीईआरटी द्वारा किया गया। कार्यशाला के समन्वयक डॉ. सोमू सिंह, शिक्षा संकाय ने कार्यशाला के उद्देश्यों को प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया।

इस कार्यशाला में देश के विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं आचार्य विषय विशेषज्ञ के रूप में प्रतिभाग कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को क्रियान्वित करने के क्रम में भारत सरकार ने वर्ष 2022 में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम प्रारंभ किया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत निरक्षरों को साक्षर बनाने के उद्देश्य से 5 करोड रुपए का प्राविधान किया गया है।

इस अवसर पर प्रोफेसर अंजलि बाजपेयी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रौढ़ शिक्षा के विभिन्न पक्षों पर अपने विचार प्रस्तुत किए व आजादी के बाद से अब तक चलाए गए प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रमों एवं योजनाओं पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर चमन आरा ने नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के सभी पक्षों से प्रतिभागियों को अवगत कराया तथा कहानियों के माध्यम से निरक्षरों को पढ़ाने व उनमें जीवन कौशल विकसित करने का सुझाव दिया।

कार्यशाला में निरीक्षकों के लिए आवश्यक जीवन कौशलों को विकसित करने के उद्देश्य से डिजिटल साक्षरता, पर्यावरण जागरूकता, कृषि के आधुनिक तरीकों एवं औजारों की समझ, कीटनाशक दवाओं से बचाव, कुपोषण से बचाव इत्यादि के बारे में लघु कहानी लेखन का कार्य आरंभ किया गया।

कार्यशाला में लेखक श्याम सुशील जी, प्रोफेसर प्रमोद शर्मा, प्रोफेसर गीता शर्मा (दिल्ली विश्वविद्यालय) डॉ. प्रमोद तिवारी (गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय), प्रोफेसर साजिद खान, डॉ जय सिंह, डॉ मयंक प्रताप (विधि संकाय), डॉ. प्रदीप जायसवाल, डॉ. अवधेश मिश्रा, डॉ. सूर्योदय भट्टाचार्य, डॉ. गिरीश तिवारी, सुशील, खुशी, सुनीता, स्मिता कुमारी, आकांक्षा सिंह, अनामिका सिंह इत्यादि प्रतिभागी के रूप में उपस्थित रहे। महत्वपूर्ण जीवन कौशल के संदर्भ में पाठ्य सामग्री के विकास में, सभी विषय विशेषज्ञ अपना योगदान दे रहे हैं।

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