Family planning workshop

Family planning workshop: शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए मऊ में आयोजित की गई कार्यशाला

Family planning workshop: प्रसव के बाद दंपति को परिवार नियोजन की देंगे जानकारी

मऊ, 19 मईः Family planning workshop: मातृ व शिशु मृत्यु दर कम करने और परिवार नियोजन का लाभ आम जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से जनपद में एक कार्यशाला (Family planning workshop) का आयोजन किया गया। कार्यशाला में परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत हौसला साझेदारी से जुड़े जनपद के 20 अस्पतालों को प्रमुख सूचकांकों और उसके पंजीकरण के बारे में जानकारी दी गई। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में फोग्सी संस्था के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन हुआ।

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.नरेश अग्रवाल ने कहा कि, निजी चिकित्सालय के मंगलम सभागार में बृहस्पतिवार को जनपद के निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों में प्रसव और परिवार नियोजन संबंधी सूचना संकलन के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रसव पूर्व सभी जाँचें, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन और नियमित टीकाकरण के पंजीकरण सहित 24 बिंदुओं के बारे में फोग्सी और पीएसआई इंडिया संस्था ने प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नगरीय नोडल अधिकारी डॉ.आर एन सिंह ने बताया कि, विभाग इस पोर्टल का प्रयोग और पंजीकरण उन्हीं चिकित्सालयों को दिया जाएगा जो सरकार के मानक पर खरे उतरते हैं और जो सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित करने में नियमानुसार सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सरकार सभी संस्थागत (राजकीय व निजी क्षेत्र) सुरक्षित प्रसव और प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत दोनों को एक प्लेटफार्म पर सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, इस सूचना का अन्यत्र कहीं भी प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसका लाभ सभी को प्राप्त होगा।

उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के पंजीकृत अस्पतालों को बताए गए नए वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर करना होगा। इससे कार्ड धारक को अपने मोबाइल में जिले में पहुंचने पर आयुष्मान भारत डालने पर आसपास के रजिस्टर्ड अस्पतालों की जानकारी दिख जाएगी।

जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई से प्रशांत ने हौसला साझेदारी कार्यक्रम व आयुष्मान भारत योजना से जुड़े चिकित्सालयों को एक फॉर्मेट के बारे में जानकारी दी। जिस पर हर माह ब्योरा उपलब्ध कराना है। ब्योरे में प्रसूता को दी जाने वाली प्रसव कालीन सेवाओं जैसे सी सेक्शन प्रसव, नार्मल प्रसव, शिशु जन्म, शिशु मृत्यु, पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी और बच्चों को लगाये जाने वाले वाले टीके समेत कुल 24 बिन्दुओं के बारे मे जानकारी दी गयी और उन्होंने फॉर्मेट के बारे में विस्तार से बताया गया।

फोग्सी अध्यक्ष डॉ कुसुम वर्मा ने बताया कि जब तक हम सभी निजी क्षेत्र के चिकित्सालय संपूर्ण रिपोर्ट नहीं देगें, तब तक जच्चा बच्चा और बाल स्वास्थ से जुड़ी योजनाओं का पूरा लाभ, समुदाय के सभी नागरिक तक नहीं पहुंच पाएगा।

डॉ वर्मा ने इस कार्यशाला में सभी निजी अस्पतालों के प्रबन्धकों एवं डॉक्टर से कहा कि प्रसव पूर्व सुविधाएं, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन और बच्चों को नियमित टीकाकरण की रिपोर्ट निरंतर देने से शिशु–मातृ मृत्यु दर रोकने में इन सूचनाओं व आंकड़ों का खास योगदान है।

पीएसआई इंडिया के केवल सिंह सिसोदिया बताया कि हेल्थ मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पर सभी निजी अस्पतालों की रिपोर्ट नियमानुसार नहीं भरे जाने की वजह से जिले की रैंकिंग भी प्रभावित हो रही है।

कार्यशाला में निजी चिकित्सा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ, एआरओ एसके सिंह, शहरी स्वास्थ मिशन के अर्बन कॉर्डिनेटर देवेन्द्र यादव, बबलू कुमार, पीएसआई इंडिया प्रियंका सिंह आदि ने प्रतिभाग किया।

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