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Balgangadhar Tilak Punyatithi: बालगंगाधर तिलक जी की पुण्यतिथि पर लालबाग स्थित प्रतिमा पर शासन -प्रशासन द्वारा कोई भी माल्यार्पण नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण : गोपाल राय

Balgangadhar Tilak Punyatithi: बालगंगाधर तिलक जी की स्मृति में प्रशासन द्वारा माल्यार्पण कर नमन नहीं किया गया। ऐसे महानुभाव की यादों को इस तरह से भूलना हमारी संस्कृति के लिए शोभनीय नहीं है।

रिपोर्ट: नेहा राय, लखनऊ

लखनऊ, 01 अगस्त: Balgangadhar Tilak Punyatithi: जयंती और पुण्यतिथि महानायकों की इसलिए मनाई जाती है कि उनके द्वारा देश के लिए किए गए बलिदान और समर्पण को हम सबकी स्मृतियों से भुलाया न जा सके। जिससे हमारी युवा पीढ़ी में भी चद्रशेखर, भगत सिंह, मंगल पांडे, बाल गंगाधर तिलक जैसा बनने की ललक जीवित रहे। उनसे प्रेरित होकर देश के लिए बेहतर करना का भाव जागृत रहे।

शायद ऐसा सोच कर ही लालबाग स्थित बालगंगाधर तिलक जी (Balgangadhar Tilak Punyatithi) की प्रतिमा स्थापित हुई। लेकिन आज मुझे बहुत दुख हुआ कि ऐसे बड़े महानायक जो हिन्दुस्तान के एक प्रखर नेता, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वे पहले लोकप्रिय नेता थे। इन्होंने ही सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठाई थी ,

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आज (Balgangadhar Tilak Punyatithi) लखनऊ के लालबाग स्थित उनकी प्रतिमा पर नमन करने के लिए कोई भी शासन – प्रशासन के अधिकारी माल्यार्पण कर नमन करने नही आएं। यह शर्मनाक है। पूर्व में उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री राम नाइक जी द्वारा श्रद्धांजलि सभा के साथ ही साथ उनकी स्मृति में छोटा कार्यक्रम होता रहा है पर इस वर्ष बालगंगाधर तिलक जी की स्मृति में प्रशासन द्वारा माल्यार्पण कर नमन नहीं किया गया। ऐसे महानुभाव की यादों को इस तरह से भूलना हमारी संस्कृति के लिए शोभनीय नहीं है।

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लोकमान्य तिलक(Balgangadhar Tilak Punyatithi) ने जनजागृति का कार्यक्रम पूरा करने के लिए महाराष्ट्र में सर्वप्रथम गणेश उत्सव तथा शिवाजी उत्सव सप्ताह भर मनाना प्रारंभ किया। जो आज मैने देखा, मैं उम्मीद करता हूं कि किसी और महापुरुष की प्रतिमा का अनावरण कर भविष्य में ऐसा न किया जाए जैसा आज बाल गंगाधर तिलक की प्रतिमा के साथ हुआ है।