Investment in Developmental Projects Of Railways: रेलवे की विकासात्मक परियोजनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रिकॉर्ड निवेश
- परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 7.06 करोड़ मानव दिवसों के प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा
- क्षमता वृद्धि संबंधी कार्यों के परिणाम स्वरूप 200 एमटीपीए अतिरिक्त माल ढुलाई होगी
Investment in Developmental Projects Of Railways: मंत्रिमंडल ने भारतीय रेल में लगभग 32,500 करोड़ रुपये की कुल 2339 किलोमीटर की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी
नई दिल्ली, 16 अगस्तः Investment in Developmental Projects Of Railways: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने आज केंद्र सरकार के शत-प्रतिशत वित्तपोषण से रेल मंत्रालय की लगभग 32,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली सात परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की।
इन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं के प्रस्तावों से परिचालन में आसानी होगी और भीड़-भाड़ में कमी आएगी, जिससे भारतीय रेल के अति व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढांचागत विकास संभव हो सकेगा।
9 राज्यों अर्थात उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करने वाली इन परियोजनाओं से भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में 2339 किलोमीटर की वृद्धि होगी। इसके अलावा राज्यों के लोगों को 7.06 करोड़ मानव दिवसों का रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
इन परियोजनाओं में शामिल हैं:
क्र.सं | परियोजना का नाम | परियोजना की प्रकृति |
1 | गोरखपुर-छाबनी-वाल्मीकि नगर | मौजूदा लाइन का दोहरीकरण |
2 | सोन नगर-अंडालमल्टीट्रैकिंग परियोजना | मल्टीट्रैकिंग |
3 | नेरगुंडी-बारंग और खुर्दा रोड-विजयनगरम | तीसरी लाइन |
4 | मुदखेड-मेडचल और महबूबनगर-धोने | मौजूदा लाइन का दोहरीकरण |
5 | गुंटूर-बीबीनगर | मौजूदा लाइन का दोहरीकरण |
6 | चोपन-चुनार | मौजूदा लाइन का दोहरीकरण |
7 | समखिअली-गांधीधाम | चार लाइन बनाना |
ये खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, फ्लाई-ऐश, लोहा और तैयार इस्पात, क्लिंकर, कच्चा तेल, चूना पत्थर, खाद्य तेल आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं की ढुलाई के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि संबंधी कार्यों के परिणामस्वरूप अतिरिक्त 200 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) माल की ढुलाई होगी। पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष परिवहन का माध्यम होने के कारण, रेलवे जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने और देश की लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने में मदद करेगा।
ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में मल्टी-टास्किंग कार्यबल बनाकर क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएंगी और उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि करेंगी।
ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडलकनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं जो समेकित आयोजना से संभव हो सका है। इनकी बदौलत लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी।
क्या आपने यह पढ़ा…. Varanasi DM Reviewed The Development Works: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में जिलाधिकारी ने किया विकास कार्यों की समीक्षा