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Gandhinagar railway station: माननीय प्रधानमंत्री द्वारा कई महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन एवं राष्ट्र को समर्पण

Gandhinagar railway station: प्रधानमंत्री ने गांधीनगर केपिटल स्टेशन से शुरू की गई नई ट्रेनों- गांधीनगर केपिटल-वाराणसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस और गांधीनगर कैपिटल-वरेठा मेमू ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया।

 अहमदाबाद, 16 जुलाई: Gandhinagar railway station: भारतीय रेलवे की निरंतर विकास यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ा गया है, जिसके अंतर्गत गांधीनगर केपिटल स्टेशन का भारत के पहले अल्ट्रा-मॉडर्न एयरपोर्ट जैसे रेलवे स्टेशन के रूप में स्मार्ट कायाकल्‍प किया गया है, जो रेल यात्रा की पूरी अवधारणा को फिर से परिभाषित कर रहा है। अपने विजन को साकार करते हुए  माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने गुजरात राज्य की विभिन्‍न रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया, जिनमें नव विकसित गांधीनगर केपिटल रेलवे स्टेशन, गेज परिवर्तित सह विद्युतीकृत महेसाणा- वरेठा लाइन (वड़नगर स्टेशन सहित) और नव विद्युतीकृत सुरेंद्रनगर-पीपावाव खंड शामिल हैं।

16 जुलाई, 2021 को गांधीनगर स्‍टेशन पर आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये गांधीनगर केपिटल-वाराणसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस और गांधीनगर केपिटल एवं वरेठा के बीच मेमू ट्रेन सहित दो नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गेज परिवर्तित सह विद्युतीकृत महेसाणा-वरेठा लाइन और नव विद्युतीकृत सुरेंद्रनगर-पीपावाव खंड के उद्घाटन के साथ, देश के विभिन्न हिस्सों से इन क्षेत्रों में रेल द्वारा परिवहन के लिए निर्बाध एवं द्रुतगामी कनेक्टिविटी और साथ ही पर्यावरण के अनुकूल रेल यातायात की नई राहें प्रशस्‍त हुई हैं।   

PM innograts Gandhinagar station
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, माननीय केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और माननीय केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव गांधीनगर केपिटल रेलवे स्टेशन में आयोजित समर्पण समारोह को संबोधित करते हुए।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्‍ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जबकि गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, माननीय केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, गुजरात के माननीय उप मुख्यमंत्री नितीन पटेल तथा माननीया केंद्रीय कपड़ा और रेल राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में गांधीनगर स्टेशन के समारोह में शामिल हुए। गुजरात सरकार के विभिन्‍न माननीय मंत्री शुरू की गई नई ट्रेनों के ठहराव वाले प्रमुख स्‍टेशनों पर उपस्थित थे। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सुनीत शर्मा, पश्चिम रेलवे एवं मध्‍य रेल के महाप्रबंधक आलोक कंसल और वरिष्ठ रेलवे अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

ठाकुर ने बताया कि इस अवसर पर माननीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री विजय रुपाणी द्वारा समारोह को सम्‍बोधित किया गया। इसके बाद पश्चिम रेलवे की बहुआयामी ढांचागत रेल परियोजनाओं से सम्‍बंधित विभिन्न उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली एक लघु फिल्म की स्क्रीनिंग हुई। तत्पश्चात माननीय प्रधानमंत्री ने उद्घाटन पट्टिकाओं का अनावरण करके दो प्रमुख रेल परियोजनाओं का राष्ट्र को समर्पण तथा नव विकसित गांधीनगर केपिटल रेलवे स्टेशन (Gandhinagar railway station) का उद्घाटन किया।

इसके पश्‍चात माननीय प्रधानमंत्री ने गांधीनगर केपिटल स्टेशन से शुरू की गई नई ट्रेनों- गांधीनगर केपिटल-वाराणसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस और गांधीनगर कैपिटल-वरेठा मेमू ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया। उल्‍लेखनीय है कि नई गांधीनगर केपिटल-वाराणसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत के साथ, सोमनाथ की पवित्र भूमि अब काशी विश्वनाथ के पवित्र शहर से जुड़ गई है। इस कार्यक्रम के बाद गुजरात सरकार की विभिन्‍न परियोजनाओं का माननीय प्रधानमंत्री द्वारा राष्‍ट्र को समर्पण किया गया। 

इस अवसर पर अपने सम्‍बोधन में माननीय प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत की 21वीं सदी की जरूरतों को 20वीं सदी के तौर-तरीकों से पूरा नहीं किया जा सकता है। इसलिए रेलवे में नए सिरे से सुधार की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि आज रेलवे को सिर्फ एक सेवा के रूप में नहीं बल्कि एक संपत्ति के रूप में विकसित करने के प्रयासों के परिणाम दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश भर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।

Gandhinagar railway station ministers
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी 16 जुलाई2021 को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के ज़रिये 2 नई ट्रेनों गांधीनगर केपिटल-वाराणसी सुपरफास्‍ट एक्‍सप्रेस एवं गांधीनगर केपिटल और वरेठा के बीच मेमू को हरी झंडी दिखाकर शुभारम्‍भ करते हुए।

यहां तक कि टियर 2 और टियर 3 शहरों के रेलवे स्टेशन भी अब वाई-फाई सुविधाओं से लैस हैं। लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ब्रॉड गेज पर मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने भारत जैसे विशाल देश में रेलवे द्वारा निभाई गई अहम भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे विकास और सुविधाओं के नए आयाम लेकर आता है। बीते कुछ साल के दौरान किए गए प्रयासों के कारण, आज ट्रेनें पहली बार पूर्वोत्तर की राजधानियों में पहुंच रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज वडनगर भी इस विस्तार का अंग बन गया है। वडनगर स्टेशन के साथ मेरी कई यादें जुड़ी हुई हैं। नया स्टेशन वास्तव में काफी आकर्षक दिखता है।

इस नई ब्रॉड गेज लाइन के निर्माण के साथ, वडनगर-मोढेरा-पाटन हेरिटेज सर्किट बेहतर रेल सेवा से जुड़ गया है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत के विकास का वाहन एक साथ दो पटरियों पर चलकर ही आगे बढ़ेगा। एक पटरी आधुनिकता की है, दूसरी गरीब, किसानों और मध्यम वर्ग के कल्याण की है।

ठाकुर ने बताया कि रेलवे ने गुजरात राज्य के बहुमुखी विकास की दिशा में एक बड़ा योगदान दिया है, जो अपनी जीवंत संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। 55 किमी के महेसाणा वरेथा गेज परिवर्तन को 293.14 करोड़ रुपये की लागत तथा 74.66 करोड़ रुपए की विद्युतीकरण कार्य के साथ  पूरा किया गया। इस परियोजना की कुल लागत रु. 367.80 करोड़ है। इसमें विसनगर, वडनगर, खेरालू और वरेथा जैसे 4 नव विकसित स्टेशन भवनों के साथ कुल 10 स्टेशन हैं।

विद्युतीकरण के साथ गेज परिवर्तन ने इस सेक्शन को अहमदाबाद दिल्ली ब्रॉड गेज लाइन सहित महेसाणा से जोड़ा है। मिशन 100% रेलवे विद्युतीकरण नीति के तहत महेसाणा वरेथा सेक्शन का विद्युतीकरण किया गया है। यह स्वच्छ, हरित, तेज और पर्यावरण के अनुकूल रेल परिवहन प्रदान करेगा जो कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगा। इस क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए बड़े अवसरों के द्वार खोलकर, यह अलग-थलग वर्गों हेतु सामाजिक-आर्थिक उन्नति के अवसर भी पैदा करेगा।

Gandhinagar railway station

      महेसाणा-वरेठा खंड पर वडनगर एक प्रमुख स्टेशन है, जो एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है,  जिसे वडनगर मोढेरा पाटन हेरिटेज सर्किट के तहत विकसित किया गया है। स्टेशन भवन को पत्थर की नक्काशी का उपयोग करके सौंदर्यपूर्ण रूप से डिजाइन किया गया है, प्रवेश और निकास द्वार को वास्तुशिल्प रूप से डिजाइन किया गया है और साथ ही सर्कुलेटिंग क्षेत्र में मनोहारी रूप प्रदान किया गया है। वडनगर अब ब्रॉड गेज लाइन के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है और इस सेक्शन पर यात्री और मालगाड़ियों को निर्बाध रूप से चलाया जा सकता है।                        

      इन परियोजनाओं के साथ, सुरेंद्रनगर-पीपावाव विद्युतीकरण परियोजना को भारतीय रेलवे पर बहुप्रतीक्षित मिशन 100% विद्युतीकरण को गति प्रदान करते हुए पूरा किया गया है। सुरेंद्रनगर पीपावाव विद्युतीकृत खंड (264 आरकेएम) हाई राइज ओएचई के साथ कुल 289.47 करोड़ रुपये की लागत से तीन साल के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है और फरवरी, 2021 में चालू किया गया है। यह भारतीय रेलवे पर सबसे अच्छी परियोजना डिलीवरी में से एक है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पोर्ट कनेक्टिविटी रूट और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए फीडर रूट है। यह मार्ग देश के उत्तरी भागों को पीपावाव बंदरगाह से डबल स्टैक कंटेनरों सहित हैवी लोड वाली मालगाड़ियों की निर्बाध आवाजाही स्थापित करता है। 

इसके अतिरिक्त, ढोला भावनगर और राजुला-महुवा सेक्शन के छोटे हिस्सों के विद्युतीकरण से, सभी मेल/एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनों को भी इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर ले जाया जा सकेगा, इस प्रकार अहमदाबाद, वडोदरा, मुंबई और गंतव्यों को देश के दक्षिण ,उत्तरी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों  के साथ तेज और निर्बाध कनेक्टिविटी स्थापित की जाएगी।  परियोजना को पालनपुर, अहमदाबाद और देश के अन्य हिस्सों से पीपावाव बंदरगाह तक बिना कर्षण परिवर्तन के निर्बाध माल ढुलाई प्रदान करने से लाभ होगा। लोको परिवर्तन के लिए डिटेंशन नहीं होने के कारण यह अहमदाबाद, वीरमगाम और सुरेंद्रनगर यार्ड में भी यातायात सघनता को कम करेगा। 

धोला-भावनगर/सीहोर-पालिताना और राजुला-महुवा खंडों से सटे छोटे हिस्सों के विद्युतीकरण के साथ, सभी पैसेंजर/मेल एक्सप्रेस ट्रेनों को विद्युत कर्षण में बदल दिया जाएगा जिससे अहमदाबाद, वडोदरा, मुंबई, नई दिल्ली और देश के अन्य भागों के साथ सीधी और तेज कनेक्टिविटी स्थापित हो जाएगी। यह कर्षण का तेज़, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल तरीका है जो महंगे डीजल ईंधन से विद्युत ऊर्जा की ओर बदलाव के कारण लगभग 31.36 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की बचत करेगा।

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारतीय रेलवे हर दिन परिवर्तनकारी मील के पत्थर के साथ आगे बढ़ रही है। इसी दिशा में गांधीनगर की राजधानी में एक विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन विकसित किया गया है। (Gandhinagar railway station) स्टेशन के पुनर्विकास के लिए गुजरात सरकार और भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (IRSDC) के साथ गांधीनगर रेलवे और शहरी विकास (गरुड़) नामक एक संयुक्त उद्यम एसपीवी का गठन किया गया था। गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन का अपग्रेडेशन 71.50 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।

गांधीनगर केपिटल रेलवे स्टेशन (Gandhinagar railway station) में कुछ अनूठी विशेषताएं हैं – जैसे 105 मीटर स्पेन का एक कॉलम फ्री, स्लीक और किफायती स्पेस फ्रेम, जो भारतीय रेलवे पर सबसे लंबा है। इसकी सिविल संरचना को 120 साल तक टिकाऊ रहने योग्य बनाया गया है। रिइंफोर्समेंट स्टील को लंबे समय तक मजबूत बनाए रखने के लिए इसमें आईपी कोटिंग की जाती है। यात्रियों को धूप/बारिश से अच्छा आराम प्रदान करने के लिए सभी प्लेटफार्मों पर छत को कलजिप एल्युमिनियम शीटिंग से ढंका गया है।

यह भारत में पहली बार है कि रनिंग लाइव रेलवे ट्रैक पर एक 5 सितारा होटल बनाया गया है। साइट पर उत्पन्न निर्माण मलबा को परिधीय सड़क के निचले इलाकों को भरने में पुन: उपयोग किया गया है। स्टेशन कॉनकोर्स का क्षेत्रफल 7096 वर्गमीटर है, जिसका उपयोग भविष्य में मल्टीप्लेक्स, शॉपिंग सेंटर, फूड एंड बेवरेज कोर्ट आदि के व्यावसायीकरण के लिए किया जा सकता है।

यात्रियों की संतुष्टि को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से गांधीनगर केपिटल स्टेशन (Gandhinagar railway station) को एक सुखद अनुभव के लिए आधुनिक हवाई अड्डों के समान सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है। भू-भाग वाले क्षेत्र से घिरा अलग एंट्री और एग्जिट है। 300 से अधिक वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा प्रदान की गई हैं।

एक अंतर-धार्मिक प्रार्थना कक्ष, एलईडी वॉल डिस्प्ले लाउंज के साथ एक आर्ट गैलरी, बेबी फीडिंग रूम, केंद्रीकृत एसी प्रतीक्षालय,पर्याप्त स्थान के साथ टिकट सुविधा के साथडबल ऊंचाई  वाली प्रवेश लॉबी आदि है। इसे दिव्यांगों के अनुकूल स्टेशन बनाने के लिए विशेष ध्यान रखा गया है इसके लिए यहां एक विशेष टिकट बुकिंग काउंटर, रैंप, लिफ्ट, डेडीकेटेड पार्किंग स्थान आदि की व्यवस्था की गई है।

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वर्टिकल सर्कुलेशन की दृष्टि से स्टेशन पर एस्केलेटर और लिफ्ट की व्यवस्था की गई है। स्टेशन पर निर्बाध वाई-फाई कनेक्टिविटी उपलब्ध है। तीनों प्लेटफार्म 2 सबवे के जरिए अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। सेंट्रलाइज्ड एसी वाले मल्टीपर्पज वेटिंग लाउंज में 40 लोगों के बैठने की क्षमता है। प्लेटफार्मों पर प्रतीक्षा क्षेत्र में भी लगभग 500 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। सुरक्षा की दृष्टि से प्लेटफार्म समेत पूरे स्टेशन पर फायर हाइड्रेंट सिस्टम और एक्सटिंगुइशर की व्यवस्था की गई है।

आगमन और प्रस्थान क्षेत्र तथा सबवे आग का पता लगाने और आग बुझाने वाले यंत्रों द्वारा अच्छी तरह से संरक्षित हैं। पूरी इमारत को ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग सुविधाओं और एसोचैम से प्रमाणित GEM 5 सस्टेनेबिलिटी स्टैंडर्ड ग्रीन सर्टिफिकेशन के साथ डिजाइन और तैयार किया गया है। अत्याधुनिक बाहरी अग्रभाग में 32 विषयों के साथ दैनिक थीम-आधारित प्रकाश व्यवस्था होगी।

उल्लेखनीय है कि गांधीनगर केपिटल स्टेशन के उद्घाटन (Gandhinagar railway station) के साथ ही भारत में रेलवे स्टेशनों के दृष्टिकोण में आदर्श बदलाव होगा। नए युग का यह स्टेशन नए और उभरते भारत में नई रेलवे की उभरती छवि को परिभाषित करेगा। भारतीय रेलवे पर यात्रा का अनुभव बदल देगा। नव विकसित गांधीनगर कैपिटल स्टेशन भवन यात्रियों को ढेर सारी सुविधाएं और एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा और यात्रा को सुखद बनाने वाली हर सुविधा को पूरा करेगा।