पश्चिम रेलवे की एक और पार्सल विशेष ट्रेन देवास और मुंबई सेंट्रल के बीच चलाने का निर्णय
22 अगस्त, अहमदाबाद:पश्चिम रेलवे ने राष्ट्र के प्रति अपनी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ, कोरोना महामारी के इस कठिन समय के दौरान, पूरे राष्ट्र में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बखूबी जारी रखी है। इसी क्रम में एक और पार्सल विशेष ट्रेन देवास और मुंबई सेंट्रल के बीच चलाने का निर्णय लिया गया है। 21अगस्त, 2020 को पश्चिम रेलवे से चार पार्सल स्पेशल ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस से जम्मू तवी और पोरबंदर से शालीमार पार्सल विशेष के अलावा करम्बेली से नई गुवाहाटी के लिए एक इंडेंटेड रेक और पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए एक मिल्क स्पेशल ट्रेन शामिल हैं।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एक पार्सल विशेष ट्रेन मुंबई सेंट्रल और देवास के बीच चलने वाली है, जिसके अनुसार ट्रेन नंबर 00931 देवास- मुंबई सेंट्रल पार्सल विशेष ट्रेन देवास से 23 अगस्त, 2020 को 19.30 बजे प्रस्थान करेगी और 25 अगस्त, 2020 को 04.30 बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी। यह ट्रेन गेरतपुर और अहमदाबाद स्टेशनों पर रुकेगी। श्री ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च से 20 अगस्त, 2020 तक कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद,1.03 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 480 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयाॅं, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से हासिल राजस्व लगभग 33.23 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 76 दूध विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनमें लगभग 57 हजार टन भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 9.95 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ।
इसी तरह 379 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियाॅं 34,000 टन के भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 17.53 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 10 हज़ार टन भार वाले 25 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये, जिनसे 5.76 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 22 मार्च से 20 अगस्त, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 12,520 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा ,25.97 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया, जिनसे 3001 करोड़ रु. से अधिक का राजस्व हासिल हुआ। 24,638 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 12,323 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 12,315 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये।