पश्चिम रेलवे के कार्यालयों में पिछले चार महीनों के दौरान ई- फ़ाइलों में 6 गुना और डिजिटल प्राप्तियों की संख्या में नौ गुना वृद्धि

लॉकडाउन और कार्यालयों में मानवीय और भौतिक सम्पर्कों को कम करने के प्रयासों
ने मैनुअल फाइलिंग प्रणाली को छोड़कर पश्चिम रेलवे ने डिजिटल प्लेटफॉर्म उपयोग को
बखूबी आगे बढ़ाया है। रेलटेल द्वारा क्रियान्वित एनआईसी ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर
पश्चिम रेलवे के सभी कार्यालयों (मुख्यालय एवं 6 डिवीजनों) की डिजिटल फाइलों की
संख्या में पिछले 4 महीनों (अप्रैल-जुलाई 2020) के दौरान लगभग 6 गुना वृद्धि हुई है।
लॉकडाउन से पहले पश्चिम रेलवे द्वारा सृजित ई-फाइलों की संख्या 10,462 थी और
31जुलाई, 2020 तक पश्चिम रेलवे कार्यालयों ने ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म में 61,418 डिजिटल
फाइलें सृजित की हैं। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे के उपयोगकर्ताओं द्वारा सृजित
ई-प्राप्तियों की संख्या भी 9 गुना बढ़ गई है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस
विज्ञप्ति के अनुसार, रेल मंत्रालय के अंतर्गत एक मिनी रत्न पीएसयू रेलटेल, भारतीय रेलों
के लिए एनआईसी ई-ऑफिस को चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित कर रहा है। पश्चिम
रेलवे मुख्यालय और सभी 6 डिवीजनों में ई-ऑफिस क्रियान्वयन के कार्य को फरवरी,
2020 तक पूरा कर लिया गया था। वर्तमान में भारतीय रेलों की 106 इकाइयों (क्षेत्रीय
मुख्यालय, डिवीजनों, उत्पादन कारखानों, केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों आदि) में 1,04,332
उपयोगकर्ता हैं और 31 जुलाई, 2020 तक कुल 16,55,748 ई-प्राप्तियाॅं और 5,47,681 ई-
फाइलें सृजित की जा चुकी थीं। डिजिटल फाइलिंग का उपयोग तेजी से बढ़ने के साथ,
पश्चिम रेलवे पेपरलेस ऑफिस कल्चर को अपनाने के लिये फास्ट ट्रैक पर है, जो न केवल
परिचालन लागत को बचायेगा, बल्कि कार्बन फुट प्रिंट को भी कम करेगा।
श्री ठाकुर ने बताया कि ई-ऑफिस की उपलब्धता के कारण, पश्चिम रेलवे में अधिकांश
फ़ाइल कार्य अब कार्यालयों में भौतिक उपस्थिति के बिना सुचारू रूप से जारी रह सकता है,
जो इस संकट के समय में एक वरदान है। रेलटेल ने रेलवे के अधिकारियों को वर्चुअल
प्राइवेट नेटवर्क कनेक्शन भी उपलब्ध कराये हैं, ताकि वे फ़ाइल कार्यों को दूरस्थ रूप से
संसाधित करने में सक्षम हो सकें। फाइलों का त्वरित निस्तारण और व्यवस्थित रख

रखाव, लम्बित फाइलों की समय पर निगरानी एनआईसी ई-ऑफिस के कुछ अन्य
तात्कालिक लाभ हैं। रेल अधिकारियों को ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म को कुशलतापूर्वक सम्भालने
के लिए रेलटेल टीमों द्वारा उन्हें समुचित प्रशिक्षण दिया गया है, वहीं प्रशिक्षण के वीडियो
भी बनाकर उन्हें यू-ट्यूब पर अपलोड भी किया गया है, जिससे उपयोगकर्ता ई-ऑफिस का
समुचित उपयोग करना समझ सकते हैं । अधिकारियों को मैनुअल फाइल सिस्टम का
उपयोग करने की आदत छोड़ने के लिये अनुकूलित किया गया है। सिस्टम का उपयोग
करने में किसी भी परेशानी की स्थिति में रेलवे के किसी भी उपयोगकर्ता की सहायता करने
के लिए रेलटेल द्वारा एक हेल्पडेस्क की भी व्यवस्था की गई है। एनआईसी ई-ऑफिस
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित एक क्लाउड सक्षम सॉफ्टवेयर है
जिसे सिकंदराबाद और गुड़गांव में रेलटेल टीयर III अपटाइम यूएसए प्रमाणित डेटा केंद्रों से
तैनात / होस्ट किया जा रहा है। रेलटेल कॉर्पोरेशन एक “मिनी रत्न (श्रेणी- I)” पीएसयू, देश
में सबसे बड़े तटस्थ दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में से एक है, जो देश के सभी महत्वपूर्ण कस्बों
और शहरों और कई ग्रामीण क्षेत्रों को कॅवर करने वाले पैन-इंडिया ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क
का स्वामी है।

ऑप्टिक फाइबर के 57000+ मार्गकिलोमीटर के एक मजबूत नेटवर्क के
साथ, रेलटेल के पास दो टीयर III डेटा केंद्र भी हैं, रेलटेल भारतीय रेलों के लिए ट्रेन
परिचालन के आधुनिकीकरण और नेटवर्क सिस्टम के प्रशासन के अलावा देश के सभी
भागों में राष्ट्रव्यापी ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और मल्टीमीडिया नेटवर्क उपलब्ध कराने में सबसे
आगे है। अपने पैन इंडिया उच्च क्षमता नेटवर्क के साथ, रेलटेल विभिन्न मोर्चों पर एक
नॉलेज सोसाइटी बनाने की दिशा में कार्यरत है और इसे दूरसंचार क्षेत्र में भारत सरकार
विभिन्न मिशन-मोड परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए चुना गया है। रेलटेल,
एमपीएलएस-वीपीएन, टेली-प्रिजेंस, लीज्ड लाइन, टॉवर को-लोकेशन, डेटा सेंटर सेवाओं
आदि जैसी सेवाओं का एक समूह उपलब्ध कराता है, रेलटेल प्रमुख स्टेशनों पर सार्वजनिक
वाई-फाई उपलब्ध कराके रेलवे स्टेशनों को डिजिटल हब में बदलने में अग्रणी है। वर्तमान
में 5685+ स्टेशन रेलटेल के रेलवायर वाई-फाई से सज्जित हैं।
प्रदीप शर्मा
जनसंपर्क अधिकारी,
पश्चिम रेलवे,अहमदाबाद