Summer disease

Summer diseases: खतरनाक गर्मी से पहले हो जाएं सावधान, वरना हो सकते हैं इन 4 बीमारियों का शिकार

Summer diseases: शरीर में पानी की कमी की वजह से लोगों को अपनी चपेट में लेता है हीट स्ट्रोक (लू)

हेल्थ डेस्क, 11 मार्चः Summer diseases: जैसे-जैसे मौसम बदलता है वैसे-वैसे बीमारियां भी अपना पैर पसारने लगती हैं। ऐसी ही कुछ बीमारियां होती है जो गर्मियों में लोगों पर ज्यादा तेजी से अटैक करती हैं। हालांकि यह बीमारियां काफी सामान्य होती हैं किंतु इन्हें नजरअंदाज करने पर यह काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं। इन बीमारियों (Summer diseases) का इलाज घर में भी संभव है, किंतु बस सही जानकारी की आवश्यकता हैं। तो आइए जानें कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में जो गर्मियों में लोगों पर काफी तेजी से अटैक करती है और इनसे बचने के घरेलू उपायों के बारे में….

गर्मियों में होने वाली बीमारियां

हीट स्ट्रोक

हीट स्ट्रोक कहें या फिर लू, यह गर्मियों की काफी सामान्य बीमारी (Summer diseases) हैं। यह शरीर में पानी की कमी की वजह से लोगों को अपनी चपेट में ले लेती हैं। वैसे तो गर्मियों में लू लगना काफी आम बात है, लेकिन अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह काफी खतरनाक हो सकती हैं। हीट स्ट्रोक में फूड प्वॉइजनिंग, बुखार, पेट दर्द और उल्टी आने की समस्याएं होने लगती हैं।

हीट स्ट्रोक से बचने के उपाय:

इससे बचने का सबसे आसान तरीका है खान-पान का ध्यान रखना। गर्मियों (Summer diseases) में आप ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं और हरी सब्जियों, सलाद और फलों का सेवन जरूर करें। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी, जिससे लू का खतरा काफी कम हो जाएगा।

एसिडिटी

एसिडिटी गर्मियों में होने वाली सबसे बड़ी समस्या (Summer diseases) है और अगर यात्रा के दौरान एसिडिटी की समस्या हो जाए तो बस लगता है कि जान ही निकल गई। एसिडिटी से सीने में जलन-दर्द, उल्टी और कई ऐसी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में जब यह समस्या बार-बार होने लगती है तो यह काफी गंभीर समस्या का रूप धारण कर लेती है और कई बार लोगों को अस्पताल तक पहुंचा देती हैं। ऐसे में इससे बचने के लिए पहले से ही सतर्क हो जाएं और खान-पान पर विशेष ध्यान दें।

एसिडिटी से बचने के उपायः

एसिडिटी से बचने के लिए तले-भुने और मसालेदार खाने को अलविदा कह दें, क्योंकि यह एसिडिटी की सबसे बड़ी वजह होती हैं। साथ ही साथ खानें का एक समय निर्धारित कर लें और हररोज उसी समय पर खाना खाएं। इसके अलावा मुलेठी का चूर्ण या काढ़ा बनाकर उसका सेवन करें, इससे एसिडिटी में काफी फायदा होता हैं।

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पीलिया

बच्चे हों या बड़े गर्मियों के मौसम में पीलिया का खतरा (Summer diseases) काफी बढ़ जाती हैं। पीलिया को हेपेटाइटिस ए भी कहा जाता हैं। पीलिया होने का मुख्य कारण है दूषित पानी और दूषित खाना। पीलिया में रोगी का आंखे व नाखून पीले हो जाते हैं जबकि पेशाब भी पीले रंग की होती हैं। सही इलाज न मिलने पर यह काफी गंभीर रूप धारण कर लेती है, इसलिए इसकी जद में आने से पहले ही आप सावधान हो जाएं।

पीलिया से बचाव के उपाय:

पीलिया हो जाने पर दूषित खाना खाने से बचें। वहीं तला-भुना खाना बिल्कुल भी न खाएं, हो सके तो सिर्फ उबला हुआ हल्का खाना खाएं और उबला हुआ पानी पीएं। जिससे पीलिया जैसी गंभीर बीमारी को रोका जा सकता हैं।

चेचक

गर्मियों की शुरुआत अर्थात् चेचक की दस्तक। चेचक के होने से शरीर में लाल दाग पड़ जाते हैं। साथ ही साथ सिरदर्द, बुखार और गले में खराश भी चेचक के ही लक्षण हैं। इसमें (चेचक) खांसी या जुखाम होना आम बात है, जिससे आस-पास के लोगों में भी यह संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती हैं। ऐसे में इसका सबसे बड़ा इलाज सावधानी ही हैं।

चेचक से बचने के उपायः

बच्चों और युवाओं को इस बीमारी का खतरा काफी अधिक रहता हैं। इससे बचने के लिए वैसे तो टीके लगाए जाते हैं, जो इससे बचाव का सबसे सही तरीका माना जाता हैं। लेकिन इसके अलावा कुछ सावधानियों के जरिए भी चेचक से बचा जा सकता हैं। जैसे बाहर से घर आने पर हाथों को धोएं वहीं अगर किसी को चेचक हुआ हो तो उसे अलग कमरे में रखें।

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