क्या अनलॉक-1 एक समान लागू करना सही है?
कोरोना महामारी का भारत में प्रकोप बहुत बुरी तरह से फ़ैल रहा है। देशभर में लगातार मामले बढ़ रहें है। मौतों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। जहाँ कोरोना के मामले धीरे धीरे बढ़ रहे थे तो अब संख्या हर दो सप्ताह में डबल हो रही है। ऐसे में भारत सरकार ने चरणबद्ध लॉक डाउन जो लागू किया था, उसे ख़त्म करते हुए अनलॉक 1 शुरू कर दिया है।लोग अब नार्मल जिंदगी व्यतीत करते नज़र आ रहें है। सरकार ने इकॉनमी के लिहाज़ से अनलॉक 1 करने का फैसला किया, जिससे लोगों का काम पटरी पर आये। लेकिन इसमें सरकार ने मॉल्स, मंदिर- मस्जिद इत्यादि और सिनेमा हॉल भी खोल दिए हैं। ऐसे समय में जब भारत के बड़ी सिटीज जैसे कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद में कोरोना अपने भयंकर रूप में है, इस तरह का अनलॉक मुश्किलें और बढ़ा रहा है।
देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भारत ने अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को काफ़ी इम्प्रूव किया और ऐसी चीजों का उत्पादन किया जो आज से पहले कभी नहीं हो पाया था। आपको बता दें, भारत इतने कम समय में पीपीई किट्स प्रोडक्शन दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला देश बन गया है। लगातार मरीज़ो के ठीक होने का दर भी लगातार बढ़ रहा है।
खतरा टला नहीं है
लेकिन अभी खतरा टला नहीं है कुछ राज्यों में सरकार को अभी भी सख्ती रखनी चाहिए और अनलॉक 1 में सिर्फ एसेंशियल सर्विसेस ही जारी रहनी चाहिये।ये देश के सामने अभूतपूर्व चुनौती है, सबसे ज्यादा दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिल नाडु जैसे राज्यों के लिए है। अभी राज्य सरकारों को जरूरत है सख्त से सख्त तरिके से इन राज्यों में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट दिया जाए।पिछले दिनों ऐसे कई वीडियो सामने आये जिसमें नजर आ रहा है कि दिल्ली में लोगो को सही तरह से इलाज़ नहीं मिल रहा है। इसलिए अभी जरूरत है एकजुट होकर काम करने की। दिल्ली में aap सरकार का अनुमान है कि आने वाले 2 महीनें में दिल्ली में कोरोना मामले लाखों तक हो सकते हैं, जिससे बेड्स की संख्या कम पड़ सकती है
क्योंकि अब देश खुल चूका है, परंतु कोरोना अभी है इसलिए जरूरी है सावधानी बरतने की। मास्क, सोशल डिस्टैंसिंग और हैंड्स वाश करना ही इस बीमारी से हमें बचा सकता है।
*यह लेख लेखिका के अपने विचारों पर आधारित हैं।