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World AIDS day: भारत में रोजाना इतने लोगों की जान ले रहा एड्स, जानें कब सामने आया था पहला मामला…

World AIDS day: HIV ऐसा वायरस है, जिसका समय पर अगर इलाज नहीं किया गया तो ये आगे चलकर AIDS की बीमारी बन जाता है

नई दिल्ली, 01 दिसंबरः World AIDS day: साल के आखिरी महीने का पहला दिन यानी 1 दिसंबर। आज के दिन विश्व एड्स दिवस मनाया जा रहा हैं। कहा जाता है कि ये दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगों को एड्स को लेकर जागरूक किया जा सके। इसका कारण है एचआईवी या ह्यूमन इम्युनोडिफेशिएंसी वायरस।

ये वायरस शरीर के इम्युन सिस्टम पर हमला करता है और उसे इतना कमजोर कर देता है कि शरीर दूसरा कोई संक्रमण या बीमारी झेलने के काबिल नहीं बचता। HIV ऐसा वायरस है, जिसका समय पर अगर इलाज नहीं किया गया तो ये आगे चलकर AIDS की बीमारी बन जाता है। इसका अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं के सहारे वायरल लोड को कम किया जा सकता है, जिससे शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत बना रहता है।

1981 में सामने आया था HIV

बता दें कि HIV का पता तो 1981 में ही चल गया था, लेकिन भारत में इसका पहला मामला 1986 में सामने आया था। तब चेन्नई की रहने वालीं कुछ सेक्स वर्कर्स में इस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उस समय तक दुनिया के कई देशों में HIV पहुंच चुका था और भारत में भी इसकी एंट्री हो गई थी। HIV के संक्रमण के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

NACO के मुताबिक, 2021 में भारत में एड्स के 62,967 नए मामले सामने आए थे और 41,968 लोगों की मौत हो गई थी। यानी हर दिन औसतन 115 मौतें. UNAIDS के आंकड़े बताते हैं कि 2021 तक भारत में 24 लाख लोग HIV संक्रमित थे।

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