Rajputana Hostel: आईआईटी (बीएचयू) के राजपुताना हॉस्टल में धूमधाम से मना श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व
Rajputana Hostel: उत्सव के मुख्य अतिथि थे इस्कॉन मन्दिर के अध्यक्ष अच्युत मोहन प्रभु, तथा अध्यक्षता किया निदेशक प्रो अमित पात्रा ने
रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 28 अगस्त: Rajputana Hostel: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) के राजपुताना हॉस्टल में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि इस्कॉन वाराणसी के मंदिर अध्यक्ष अच्युत मोहन प्रभु जी रहे। उन्होंने छात्रों को भगवान श्री कृष्ण के जीवन आदर्शों को समझने, उनके द्वारा दिया ज्ञान का सार श्रीमद्भगवदगीता पढ़ने की सलाह दी।
आपने छात्रों को बताया कि भगवान का नाम ही लेना कितना महत्वपूर्ण है। जब कहीं भी उम्मीद न दिखे तो भगवान के नाम की शरण लेनी चाहिए। उन्होंने वैल्यु एजुकेशन की उपयोगिता बताई। उन्होंने बताया कि महामना मदन मोहन मालवीय ने अपनी दूर दृष्टि से इस महान विश्वविद्यालय की स्थापना की, उसमें भी उन्होंने नैतिक मूल्यों और हमारी संस्कृति को सर्वोपरि रखा। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और बताया कि श्रीमद्भागवदगीता के माध्यम से श्री कृष्ण ने हमें जीवन जीने की विधि का सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान किया है।
उत्सव की शुरुआत एक प्रतीक्षित ‘मटकी फोड़’ प्रतियोगिता से हुई, जिसमें छात्रों की टीमों ने अपनी दक्षता और टीमवर्क का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता बेहद प्रतिस्पर्धात्मक रही, और विजेताओं को ₹3000 का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। पहले रनर-अप को ₹1500 और दूसरे रनर-अप को ₹500 का पुरस्कार मिला।
इस अवसर पर ‘टग ऑफ वॉर’ (रस्साकशी) प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न वर्षों की टीमों ने अपनी पूरी ताकत लगाई। विजेता टीम को ₹2000 का पुरस्कार मिला, जबकि पहले और दूसरे रनर-अप को क्रमशः ₹1000 और ₹500 का पुरस्कार प्रदान किया गया।
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सांस्कृतिक कार्यक्रम ने रंग जमा दिया, जहां संस्थान की इंडियन म्यूजिक क्लब के प्रतिभाशाली गायकों ने मंच पर अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। भक्ति और शास्त्रीय गीतों की मधुर धुनों ने एक आत्मीय वातावरण तैयार किया, जो जन्माष्टमी की उत्सवधर्मिता को दर्शाता है। इस दौरान, फैकल्टी स्टाफ के छोटे-छोटे बच्चों को श्री कृष्ण और राधा के बाल स्वरूप में सजाया गया, जिससे पूरे वातावरण में एक दिव्य छवि बनी।
समारोह का समापन एक भव्य पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ, जहां विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने पुरस्कार वितरित किए और प्रतिभागियों को उनकी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी। समारोह का समापन प्रसाद वितरण के साथ हुआ, जिससे एकजुटता और भक्ति का वातावरण निर्मित हुआ।
इस उत्सव ने IIT (BHU) के समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया, और छात्रों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया।
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